सोमवार, 30 नवंबर 2015

उदित नारायण झा जीवनी | Udit Narayan Biography

Biography of Udit Narayan in Maithili

मिथिला धरोहर : उदित नारायण - Udit Narayan Jha Maithili Singer के जन्म ०१ दिसंबर,१९५५ के बिहार'क सुपौल Supaul जिला के बसई ग्राम मे भेल छनि। ओना किछु लोग के कहब अछि जे हिनक जन्म नेपाल मे भेल छल जाहिके उदित नारायण हमेशा सँ खंडन करैत रहल छथि। हिनकर पिता के नाम हरे किशना झा अछि जे नेपाल स्थित भारदह के निवासी छलैथ और माँ के नाम भुवनेश्वरी झा जे की सहरसा के छलथि। उदित नारायण झा के स्कूली शिक्षा पी. बी. स्कूल, राजबिराज सँ पूर्ण भेल जे पूरी नेपाल मे स्थित अछि। एहिके उपरांत ओ रेडियो नेपाल मे मैथिली और नेपाली लोक गाना गाबि के अपन कॅरियर के शुरूआत केलैथ।
उदित जी' अपन फिल्मी कॅरियर के आरंम्भ नेपाली फिल्म “सिंदुर” सँ केलैथ। साल १९७८ मे ओ मुंबई आबि गेला। १९८० मे हिनका पहिल बेर कुनो फिल्म मे गीत गेबा के मौका भेटलनि। फिल्म “उन्नीस बीस” मे पहिल बेरा हिन्दी फिल्म मे गाना गेलैथ। ताहिके उपरांत 'बड़े दिल वाला, तन-बदन आदि फिल्म मे गीत गेलैथ। मुदा हिनका सब सँ बेसी सफलता भेटलनि सुपरहिट फिल्म “कयामत से कयामत तक” के गीत'क लेल। एहि गीत लेल हिनका पहील बेर सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के फिल्मफेयर अवार्ड भेटलनि।

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उदित नारायण के साल २००९ मे भारत सरकार द्वारा पद्मश्री अवार्ड देल गेल छल। उदित नारायण जी के जादू भरल आवाज हिनका तीन बेरा नेशनल अवार्ड के पृस्कार भेटलनि। हिनका सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के राष्ट्रीय पुरस्कार तीन बेरा भेटल छनि जाहिमे साल २००२ मे फिल्म “लगान” के गीत (मितवा..) दोसर बेरा फिल्म “जिंदगी खूबसूरत है” के गीत (छोटे-छोटे सपने) और तेसर बेरा फिल्म “स्वदेश” के गीत (यह तारा वह तारा..) के लेल हिनका इ पृस्कार देल गेल छलैन। तहिके उपरांत हिनका पांच बेरा सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के फिल्मफेयर अवार्ड सेहो प्रदान कैल गेल छलैन। हिनका इ अवार्ड फिल्म कयामत से कयामत तक, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान एहन सुपरहिट फिल्मों के लेल भेटलनि। उदित नारायण झा के 'पद्म भूषण' (२०१६) अर्थात देशक सर्वोच्च नागरिक सम्मान सँ सेहो ससम्मानित कैल गेल छनि। संगेह हिनक झोली मे औरो बहुते रास पुरस्कार शामिल अछि। उदित नारायण झा एखन धरी ३० टा भाखा मे लगभग १५ हजार गीत गाबि चुकल छथि। जाहि मे मैथिली भाखा सेहो अछि। उदित नारायण जी एखन धरि मैथिली फिल्म 'सस्ता जिनगी महग सेनुर' (१९९९), 'आऊ पिया हमर नगरी' (२०००), 'सेनुरक लाज' (२००४), 'कखन हरब दुख मोर' (२००५), 'दुलरुआ बाबु (२००५), 'सजना के अंगना में सोलह सिंगार (२०११), 'मुखिया जी' (२०११), 'साजन अहां बिना' (२०१२), 'ललका पाग' (२०१४), 'मिथिला मखान प्राइवेट लिमिटेड' आदि फिल्म मे बहुते रास गीत गाबि चुकल छथि।

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उदित नारायण जी दू टा बियाह केने छथि। हिनक पहील कनियाँ के नाम रंजना झा छन्हि, जाहि सँ हुनका एकटा बेटा अछि। हिनक दोसर बियाह दीपा नारायण सँ भेल छनि, उदित जी हिनका संगे बहुते रास मैथिली फिल्म मे संगे-संग गीत गेने छथि। ओना दिपा जी बंगाली छथिन मुदा मैथिली ठीकठाक बाइज लअ छथि।

मंगलवार, 24 नवंबर 2015

मैथिली फिल्म "राखी के लाज" के शूटिंग सम्पन्न

फिल्म सेट पर अभिनय करैत कलाकार
मिथिला धरोहर - प्रभाकर मिश्र : समस्तीपुर के आनंद फिल्म प्रोडक्शन हाउस बैनरक अधीन बनी रहल मैथिली फिल्म "राखी के लाज" के शूटिंग सफलता पूर्वक सम्पन्न क लेल गेल अछि। एहि सिनेमाक शूटिंग 27 अक्टूबर 2015 सं शुरू कायल गेल छल। स्थानीय कलाकारक अभिनय सं सजल एहि फिल्म के अगिला साल जनवरी (2016) मे प्रदर्शित कयल जेवाक बात कहल गेल अछि। नारी सशक्तिकरण पर आधारित एहि फिल्म के निर्देशित क रहल छथि समस्तीपुर जिला'क शिवाजीनगर प्रखण्ड के दसौथ गामक निवासी नरेश मण्डल जे फिल्म निर्देशन क्षेत्र मे बहुते अनुभव राखय छथि। 


एहि फिल्मक कहानी लिखने छन्हि आशुतोष सागर आ हिनके लिखल गीत के संगीत सं सजऔने छथि प्रमोद, रोहित, मनीश, छायांकन पवन मिश्रा के छन्हि। सह-निर्देशक खुशी यादव, आ कार्यकारी निर्माता छथि राम रसिला आ प्रोडक्शन के हैड छथि प्रभात रॉय। फिल्म मे मुख्य कलाकारक रूम मे अभिनय क रहल छथि राम रसीला, आशुतोश सागर, कंचन सिंह , मंजू दुबय आदि। समाज मे नारी पर भ रहल अत्याचार'क खिलाफ नारी सशक्तिकरण के किरदार के कर्णप्रिय गीत-संगीतक संग एहि फिल्मक माध्यम सं मैथिली भाषा मे लोगक बीच पहुचेबाक प्रयास कयल गेल अछि।

गुरुवार, 19 नवंबर 2015

मिथिला संस्कृति के राग सामा-चकेबा पावैन शुरू

मिथिला धरोहर : मिथिलांचलकऽ महान लोक पर्व सामा-चकेबा Sama Chakeva छैठकऽ पारन सँ शुरु होईत अछि आ पूर्णिमा धरि चलैत अछि। भाई-बहिनकऽ अद्भुत प्रेमकऽ प्रतीक लोक उत्सव सामा-चकेबा के रूप में सेहो मनायल जाइत अछि। जेकर सुरुवात महिला द्वारा गीत-नाद सँ होइत अछि, आयल कातिक मास, सामा लेल अवतार', 'सामा-चकेबा खेले गेली..', 'वृंदावन में आग लगले कियो ने बुझावे..', साम चक, साम चक अयऽह हे... आदि गीत गाबैत महिला सभ मईट सँ बनायल गेल सामा, चकेवा, वृन्दावन, चुगिला सहितक मूर्ति सभ बना कऽ प्रत्येक राति खेत तक जाइत छथि आ सामा खेलैत छथि।

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जतय चुगला-चुगली केँ जरायल जाइत अछि। भगवान कृष्णक पुत्रीक नाम सँ खेलल जाएवाला सामा खेलला सँ भाई केँ औरदा बढएकेँ जनविश्वास अछि। ग्रामीण आ शहरी इलाका मे लोग घरकऽ आगो एही लोक पर्व केँ मनाबैत छथि। एकर अलावा भाई द्वारा मईट सँ बनल मूर्ति कऽ तोड़ल जाइत अछि। पर्व कऽ लऽ केँ महिला म खासा उत्साह रहैत अछि। मिथिलाकऽ संस्कृति कऽ अनुसार कार्तिक पूर्णिमा कऽ अवसर पर इ पर्व मनायल जाइत अछि। मान्यता अछि जे अय दिन सामा कऽ विदाई देल जाइत अछि ऑउर अगिला वर्ष आवैय कऽ नोत देल जाइत अछि। संस्कृति कऽ संगे लोग सुख-समृद्धि आ भाई कऽ रक्षा कऽ प्रार्थना सेहो करैत छथि।

बुधवार, 11 नवंबर 2015

दरभंगाक कंकाली मंदिर मे तांत्रिक विधि सँ होइत अछि पूजा-अर्चना

दरभंगा : मिथिला मे भगवती के उपासना'क प्राचीन परंपरा रहल अछि। शक्ति के उपासना'क सशक्त परंपरा आ देवीस्था'क कड़ी क बीच शहर सँ गांव धरि मंदिर के श्रृंखला अछि। हरेक मंदिर मे ओहिके महिमा के इतिहास छुपल अछि। स्थापित देवी प्रतिमा'क ल'के प्रचलित कथा'क बीच सब दिन एतय आस्था के सरिता बहय अछि। एहि कड़ी मे दरभंगा शहर'क रामबाग किला'क भीतर स्थापित कंकाली मंदिर के ( Kankali Mandir Darbhanga ) महत्वपूर्ण स्थान अछि। जे किओ भक्त निक मुन सँ एतय पहुंचय छथि मैया हुनक पुकार सुनय छथिन और हुनक कामना पूर्ण करय छथिन।
शारदीय नवरात्र समेत साल मे होय वला सब नवरात्र मे एतय विशेष पूजा-अर्चना कैल जाईत अछि। एहि दौरान भक्त के भारी भीड़ उमड़य अछि। ओना एतय सब दिने श्रद्धालु के भीड़ रहैत अछि। १८०२ ई० मे एतय प्रतिमा के स्थापित कैल गेल छल। मंदिर के वर्तमान मे जे भव्य आ विशाल स्वरूप अछि ओहिके निर्माण १९३४ मे भूकंप'क बाद कैल गेल छल। 

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 दरभंगाक कंकाली मंदिर
मंदिर'क विशालता आ भव्य स्वरूप सब कियो के अपन ओर आकर्षित करैत अछि। स्थापित प्रतिमा के तेज सँ प्रतीत होइत अछि जे मैया के चमत्कारिक स्वरूप अछि। बेसी समय धरि एतय पूजा-अर्चना मात्र राज परिवार'क दिसन सँ कैल जाय छला। मुदा, वर्तमान मे एहिके स्वरूप सार्वजनिक अछि। सब कियो एतय आबि के पूजा-अर्चना आ दर्शन क सकय अछि। एखनो एहि मंदिर के संचालन राज परिवार'क ओर सँ होईत अछि। एतय तांत्रिक रीति सँ उपासना कैल जाईत अछि। एतय मैया के पूजा-अर्चना आ आरती परंपरा'क अनुसार तय समय करवा'क व्यवस्था अछि। नवरात्र'क दौरान सब दिन बलि देल जाईत अछि। कलशस्थापन सँ ल'के नवमी धरि सब दिन बलि प्रदान के प्रथा अछि। एहिके व्यवस्था राज परिवार'क दिसन सँ कैल जाईत अछि। 

सोमवार, 2 नवंबर 2015

Maithili Singer Ranjana Jha | सरस्वतीक वाकपुत्री मैथिली मंचक रागिनी रंजना झा

मिथिला धरोहर, शिव कुमार झा टिल्लू :सहरसा शहर'क न्यू कॉलोनी के कायस्थ टोल मे रही रहलि श्रीमती रंजना झाक जन्म २५ नवम्बर सन १९७७ कें वर्तमान अररिया जिलाक "देवीगंज" नाओंक गाँवमे भेलनि। हिनक पाणिग्रहण संस्कार लगमा सहरसा गाममे भेल छन्हि। हिनक पिता श्री भागवत मिश्र वियोगीक संग संग माता श्रीमती शांति मिश्र संगीतक स्थापित साधक -साधिका छथि। सरिपहुँ सहजजे सरस्वतीक एहि वागीशाकें संगीतक साधिका बनबाक अवसरि विरासतेमे भेंटलनि। तत्पश्चात स्वर्गीय रामावतार सहनी आ श्री योगेन्द्र भारतीक सानिध्यमे संगीतक शिक्षा -दीक्षा ग्रहण कयलनि। २-३ वर्ख पूर्व भारतक महान संगीतविशारद पद्मविभूषण श्री किशोरी अमोनकर जीक स्नेहाशीष भेँटब प्रारम्भ भेलनि, मुदा नारीत्वक दायित्वक अनुपालन हेतु ई सुअवसरि अधगेड़ेसँ छूटि गेलनि।
रंजना जी भातीय शास्त्रीय संगीतमे १९९९ मे स्नातक कयलाक पश्चात २०१२ मे मगध महिला कॉलेज (पटना विश्वविद्यालय) सँ एहि विधाक सुप्रतिष्ठित "परस्नातक" क प्रमाणपत्र प्राप्त कयलीह। एहि मध्य सन १९९४ ईस्वीमे प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद सँ शास्त्रीय गायनमे "संगीत प्रभाकर" उपाधिसँ, सन २००७ मे प्रयाग संगीत समिति इलाहाबादसँ तबला वादनमे "संगीत प्रभाकर" उपाधिसँ आ सन २०१० ईस्वीमे प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़सँ" संगीत-भास्कर "उपाधिसँ विभूषित भेलीहें।

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रंजना जी भारत सरकार'क संगीत आ नाट्य प्रभागक संभागमे आकाशवाणी पटनाक आ दूरदर्शन के उच्च श्रेणीक गायिका (गजल, भजन, ठुमरी, दादरा, सूफी, अर्द्ध शास्त्रीय अन्यादि) छथि। महान दार्शनिक उदयनाचार्यक अनमोल माटि करियनसँ ल' क' भारती-मण्डनक भूमिकें लपटैत समग्र मिथिलाक विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमक ई सर्वाधिक लोकप्रिय गायिका प्रमाणित भ' रहलीहें।
अपन देशकोसक संग -संग भारत भूमिक समग्र प्रवास अधिवासमे प्रति वर्ख होम'वला "विद्यापति स्मृति पर्व समारोह" हिनक स्वरक तानक बिनु सून जकाँ लगैछ। अपन बिहारक संग संग भारतवर्षक विविध नगर-महानगरक मंचसँ "बिहार दिवसक संग संग, कोशी महोत्सव, अंग महोत्सवक, वैशाली महोत्सव, मिथिला महोत्सव, अंग महोत्सव, चंपारण महोत्सव, उग्रतारा महोत्सव संगहि बिहारक विविध महोत्सवमे" हिनक गायन अपन भाषा संस्कृतिक सुगंधकें नवल अर्थमे सुवासित करबाक संवाहक बनल। भारतक माननीय राष्ट्रपतिक स्वागत कार्यक्रम पटनामे सन २०१२ मे हिनक गायन बहुत उत्कृष्ट रहल। अखिल भारतीय कला साधक संगम १९९८ (नागपुर) सँ अपन राष्ट्रीय पहिचान बनब' वाली रंजना जीकेँ बिहार सरकार द्वारा प्रतिष्ठित " पद्मश्री विंध्यवासिनी देवी सम्मान २०१२ "देल गेल छन्हि। एकर अतिरिक्त बहुत रास संस्था हिनका सम्मानित क' चुकल छन्हि जाहि मे  ''कलाश्री सम्मान, लिच्छवी सम्मान, एक्सीलेंस एवार्ड, बिहार कला पुरस्कार सेहो अछि।


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रंजना झा एखन धरि फिल्म ''एक चुटकी सिंदूर", "गंगा माई जैसन भौजी हमार" सीरियल शक, यीशु का चमत्कार, मैथिली सीरियल "नैन नै तिरपित भेल" आ स्टार प्लस पर प्रसारित नव धारावाहिक "सिया के राम" मे अपन मधुर आवाज द चुकल छन्हि। मैथिलीमे महाकवि विद्यापतिक मधुर भक्तिमय श्रृंगार गीतक सीडी "चानन" लोकप्रियताक कीर्तिमान स्थापित केलक। एकर संग संग सुधा फाउंडेशनसँ हिनक स्वरमे पारम्परिक मैथिली विवाह गीतक, तेरा शुक्रिया, प्रीतम आ सदगुरू तुमको प्रणाम  संकलन प्रमुख अछि।

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