मंगलवार, 29 मार्च 2016

मिथिला पेंटिंग सँ सजायल जायत पटना आ पाटलिपुत्र स्टेशन

मिथिला धरोहर, पटना : मिथिला केर संस्कृति और एही ठामक कलाकृति पटना और पाटलिपुत्र स्टेशन के प्लेटफॉर्म के शोभा बढ़ैत। पटना जंकशन के तीन नंबर प्लेटफॉर्म धरि और पाटलिपुत्र जंकशन के एक नंबर प्लेटफॉर्म पर मिथिला पेंटिंग सँ आकृति बनायल जायत। एही योजनाक माध्यम सँ दुनु स्टेशन के नव रूप। देल जायत, जाहि सँ लोग सुन्नर शांत माहौलक अनुभूति क सकैथ। पूर्व मध्य रेल मिथिले सँ कलाकार के बजा क सबटा पेंटिंग के बनवेता। एखनो भी पटना जंकशन के एक नंबर प्लेटफॉर्मक किछ हिस्सा मे मिथिला पेंटिंग देखवाक भेटय अछि। मुदा आब इ स्टेशनक सब कोना मे देखायत।

मिथिला पेंटिंग के माध्यम सँ रामायण केर कहानी देखायल जायत। सीता और हुनका सँ जुड़ल जानकारी के सेहो स्टेशन पर आबय वला लोग देख पेता। ऐहिके अतेक जीवंत बनेबाक योजना अछि जे मानु सोंझा दृश्य साकार भ रहल होय। रेलवे स्टेशन पर आबय वला लोग केर केखनो-काल बहुते देर धैर बैठय परैत अछि, एहन मे हुनका यदि सिन्नर संस्कृति के झलक देखवाक मौका भेटत, त हुनक समय सिघ्रता सँ कैट जायत। और मिथिला के बारे मे हुनक सोच सेहो विकसित भ पायत।

पेंटिंगक माध्यम सँ हिंदू देवी-देवता सँ संबंधित जानकारी सेहो देल जायत। एहिमे राम, कृष्ण, शिव, दुर्गा, सरस्वती, सूर्य, चंद्रमा, तुलसी के पौधा आदि के चित्र बनायल जायत। पेंटिग मे पात्र केर बारे मे किछु पंक्तियां सेहो लिखल जायत, ताकि लोग के जानकारी भेट सकय।

बुधवार, 23 मार्च 2016

मैथिली गल्प : कका, होली आ बिहार सरकार

विरंची कका एहि बेर होली में बड्ड उत्साहित छैथ। गामक घर घर जा कए सब कें निमंत्रण द रहल छथि जे एहि बेर हमरो आतिथ्य स्वीकार करू। मुदा महिला आ बच्चा छोड़ि कए। 

जखन हमरा लग नओत देबय अयलाह त हुनका बैसा कए चाह पिया कए एहि सदाशयताक कारण पुछल्यन्हि। कका पहिने त टारलैन्ह मुदा फेर कह, बिहार सरकारक कृपा भेल अछि। हम अचकचा गेलहुं। से कोना? बाबा विहुंसइत बजलाह, होली मने आब लोक मात्र दारू बुझैत अछि। तों त जनिते छ जे तोहर काकी एहि बेर मुखियाक चुनाव में भाग्य आजमाइश क रहल छ्थुन्ह। वोटक जोगाड़ लेल त इ सब करए पड़त। हम कहलियेन एहि में त बहुत खर्च भ जएत ।

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मुदा काका मंद मंद मुस्कैत कहलैत-एखन त किछु नहि। सब भाज बैसा लेने छी।

हम पुछल्येन्ह-से की? काका हमरा कान लग फूस फुसा कए कहलथि-हमर दोस्त मंगलबा मोन छह नए? ओकर बेटा कें देशी विदेशी दारूक दोकान छैक। मुदा एक अप्रेल सं देशी दारू बंद भ जेतैक आ विदेशी दारू मात्र सरकारी दोकान में भेटतै। मंगलबा क बेटा हमरा संग डील कैने अछि जे ओ दू बोरा देशी आ एक कार्टून विदेशी हमरा मुफ्त में देत। मुखिया बैन जय्थुंह तोहर काकी त हमहूँ एकटा योजना ओकरा देबै। हम पंचायत चुनावक इ समीकरण, से हो मुफ़्तौआ सुनि कए ककाक बुधि पर अफ़सोस क अलावा और की क सकैत छी।

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मंगलवार, 22 मार्च 2016

पिरुकिया पकवान विधि मैथिली मे l Pirukiya Recipe in Maithili

आवश्यक सामग्री - 
मैदा - 2 कप (250 ग्राम), घी - 1/4 कप (60 ग्राम), दही या दूध - 1/4 कप स्टफिंग के लेल, सूजी - 3/4 कप (150 ग्राम), पिसल (पाउडर) चीनी - 3/4 कप, ड्राय फ्रूट्स - 1 कप (काजू, अखरोट, बादाम, किशमिश), छोटका इलायची - 7-8 टा, घी/तेल - पिरुकिया तरवाक लेल और सूजी भूजवा के लेल। 

विधि :-
मैदा के कुनो बर्तन मे निकैल लिअ, घी और दही आटा मे दऽ के, निक जंका मिला लिअ। आब कनि-कनि पैन दैत पूरी के आटा सँ थोड़बे सख्त आटा सैन लिअ। आटा के अधहा घंटा लेल झैंप के राइख दिऔ।

दोसर दिस, सबटा ड्राय फ्रूट्स छोट छोट काइट के तैयार कऽ लिअ और इलायची के छील कऽ पाउडर बना लिअ।

लोहिया (कढा़ई) मे 2 चम्मच घी दऽ गरम कऽ लिअ। घी मे सूजी दऽ के लगातार लारैत हल्का गोल्डन ब्राउन हेबाक धरि भुजु। सूजी के भूजवा पर एहिमे काटल गेल ड्राय फ्रूट्स दऽ और 1-2 मिनट मिलाबैत भुइज लिअ। आंच बंद कऽ दियौ आ सूजी के कनि देर धरि चलाबैत रहु। सूजी के कुनो बर्तन मे निकैल लिअ और कनि ठंडा होमय दियौ।

आटा के मसैल-मसैल के मुलायम कऽ लिअ आ आटा सँ छोटका छोटका 25 टा लोईया तोइड़ कऽ बना लिअ, लोइया के झैँप के रैख लिअ।

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सूजी के हल्का ठंडा भेला पर ओहिमे पिसल (पाउडर) चीनी और इलायची के पाउडर दऽ कऽ मिला लिअ, पिरुकिया मे भरबाक लेल मसल्ला (मिश्रण) तैयार अछि।
एकटा लोईया निकैल लिय 3-4 इंचक व्यास मे पूरी बेल लि'अ, बेलल गेल पूरी थाड़ी मे राखैत जाउ। लगभग 10 टा पूरि बेल के तैयार कऽ लि'अ, आब एकरा भैर कऽ पिरुकिया तैयार कऽ लि'अ। पूरी कऽ सांचा या तऽ हाथ सँ मोइढ़ कऽ तैयार कऽ लि'अ। एक-एक कऽ सबटा पूरि के पिरुकिया एही तरहे बना कऽ सुप या चँगेरा मे झैंप के रैख लिअ। 

पिरुकिया छनबाक लेल:- 
लोहिया (कड़ाही) मे घी या तेल अपन इच्छा अनुसार द के गरम क लिअ, मध्यम गरम घी मे पिरुकिया द दियो, और धीम और मध्यम आंच पर हल्का ब्राउन होय धरि पलैट-पलैट क सब टा पिरुकिया क बेरा-बेरी छानैत लिअ। पिरुकिया तैयार अछि।

सोमवार, 7 मार्च 2016

इंडियाज बेस्ट ड्रामेबाज के विजेता भागलपुर के स्वस्ति नित्या

मिथिला धरोहर, प्रभाकर मिश्र : मिथिलाक, भागलपुर शहरक तिलकामांझी, तुलसीनगर के रहय वाली आ मानस मिश्रा ( Swasti Nitya Mishra From Tilka Manjhi, Tulsi Nagar ) के सुपुत्री "स्वस्ति नित्या"  जी-टीवी चैनल पर प्रसारित भेल 'इंडियाज बेस्ट ड्रामेबाज' 2016 शो मे खूब चर्चा बटोइर के एही शो के विजेता बैन गेल छथि। हिनक पिता पेसा सँ रियल स्टेट के बिजनेश करैत छथि, आ माँ गृहणी छथि। अम्मा आ छुटकी के नाम सँ चर्चित 15 सालक स्वस्ति नित्या माउंट कार्मेल हाई स्कूल के छात्रा छथि। स्वस्ति नित्या अपन हुनर सँ छोटे उम्र सँ टीवी शो मे खूब धूम मचा चुकल छथि। इंडियाज बेस्ट ड्रामेबाज शो लेल स्वस्ति नित्या अपन छोट भाय वत्सल के संगे चयन कैल गेल छलि।

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स्वस्ति नित्या वर्ष २००८ मे सोनी पर प्रसारित चर्चित टीवी शो 'बूगी-वूगी' मे सेमीफाइनल बनल छलि, वर्ष २०१० मे कलर्स चैनल पर प्रसारित 'चक धूम-धूम' मे क्वार्टर फाइनल मे स्थान बनेने छलि। एहि के उपरांत ओ एनडीटीवी इमेजिन पर प्रसारित भेल 'नच बलिए' मे सेहो भाग लऽ चुकल छथि। वर्ष २०१२ मे कलर्स चैनल पर प्रसारित 'छोटे मियां' टीवी शो के विजेता बनी नय केवल भागलपुर अपितु पूरा मिथिलांचल के नाम देश भैर मे रोशन केलनि। स्वस्ति नित्या स्थानीय बाल कलाकारक लेल प्रेरणा के स्रोत सेहो छथि।

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बताबैत चली जे, इंडियाज बेस्ट ड्रामेबाज शो ( India Best Dramebaaz ) के लेल देश के विभिन्न हिस्सा के ६५ हजार बच्चा ऑडिशन देने छल। एहि मे सँ मात्र १०० गो बच्चा के चयन भेल, जाहिमे स्वस्ति आ वत्सल के भाय बहिनक जोड़ी सेहो छल।

रविवार, 6 मार्च 2016

शुकेश्वर नाथ महादेव : बसबिट्टा, सीतामढ़ी

मिथिला धरोहर, सीतामढ़ी : भारत-नेपाल सीमा पर मेजरगंज प्रखंड मुख्यालय सँ दस किमी के दूरी पर बसबिट्टा गांव मे स्थित अछि शुकेश्वर नाथ महादेव के अति प्राचीन मंदिर ( Shukeshwar Nath Mahadev Basbitta )। इ मंदिर नय केवल भारत आ नेपाल के लोगक आस्था के केंद्र अछि, बल्कि एतय के भोले नाथ दुनु देश के लोगक मन-मंदिर मे रैच-बैस गेल छथि।

मंदिरक इतिहास : शुकेश्वर मुनी द्वारा एही शिवलिंग के स्थापना कैल जेवाके कारण एही शिवलिंग केर नाम शुकेश्वरनाथ पड़लनि। जानकारक अनुसार त्रेता युग मे स्वयंवर मे भाग लेबय जनकपुर जेबाके दौरान बसबिट्टा गांव मे शुकेश्वर ऋषि एतय शिवलिंग के स्थापना क भगवान शंकर केर पूजा अर्चना केने छलैथ। मिथिला नरेश राजा जनक जी सेहो बसविट्टा पहुंच के बाबा शुकेश्वर नाथ महादेव ( Sitamarhi Shukeshwar Sthan ) केर पूजा-अर्चना केने छलैथ।
कहल जाइत अछि जे एही स्थान पर भोलेनाथ राजा जनक आ शुकेश्वर ऋषि केर दर्शन सेहो देने छलथि। राम जानकी विवाह के उपरांत जनकपुर सँ लौटैत ऋषि-मुनि एतय मंदिर के निर्माण क भोले नाथ केर पूजा-अर्चना के पश्चात वापस गेल छलथि। बाद मे इ मंदिर जमींदोज भ गेल। भूकंप के त्रासदी झेलवा के पश्चात जनकपुर राज दरबार द्वारा एही मंदिर के जीर्णोद्धार कैल गेल। 

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एतय स्थापित शिवलिंग अति प्राचीन अछि, जे धरती के सामान्य उंचाई सँ दस फीट नीचा करीब सात फीट लंबा शिवलिंग सावन सँ कातिक धरि शिवलिंग जलाधिवास मे रहय छथि। एही चाईर मास मे शिवलिंग केर गर्भ गृह पैइन मे डूबल रहय अछि। ताहि लेल सावन सँ कातिक धरि लोग मंदिर के बाहर स्थित भगवान शिव केर प्रतिमा पर जलाभिषेक करैत अछि। मंदिर के गर्भ गृह के पैइन इलाका मे मौसम के भविष्यवाणी करय अछि। गर्भ गृह मे जतेक पैइन होइत अछि, इलाका मे ओतेक बेसी पैइन होइत अछि। गर्भ गृह मे पैइन सूखला सँ इलाका मे अकालक स्थिति होइत अछि। मन्दिरक लगे पोखैर आ ईनार अछि, जाहि सँ बाबा के अभिषेक कैल जाइत अछि।
कोना जायब : सीतामढ़ी रेलवे टीसन सँ 35 किमी के दूरी पर भारत - नेपाल सीमा सँ ठीक सटल बसबिट्टा गांव मे बाबा शुकेश्वरनाथ महादेव के मंदिर अछि। सीतामढ़ी सँ मेजरगंज बस सँ या फेर गाड़ी भाड़ा क एतय जा सकय छी। ओतय मेजरगंज सँ टेम्पो या निजी वाहनक जरिए बसबिट्टा जा सकय छी।

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कतय ठहरी : बसबिट्टा स्थित शुकेश्वरनाथ महादेव मंदिर परिसर मे मंदिर प्रबंधन द्वारा धर्मशाला के निर्माण कैल गेल अछि। एतय पर्यटक अस श्रद्धालु ठहरैत अछि। एहीके अलावा सीतामढ़ी शहर मे कतेक रास होटल अछि, जतय ठहरल जा सकैत अछि।