मंगलवार, 31 मई 2016

'हितेंद्र गुप्ता' एकटा उत्कृष्ट मीडिया पत्रकार

मिथिला धरोहर : मूल रुपे मिथिलांचलक केवटी, दरभंगा के रहनिहार हितेंद्र गुप्ता जी दिल्ली के भारतीय जनसंचार संस्थान (१९९३-९४) सँ डिप्लोमा प्राप्त केला के बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मे सेहो गौरवशाली योगदान देने छथि। प्रतिष्ठित चैनल एनडीटीवी सँ आठ बरख धरि जुड़ल रहला के उपरांत पिछला १२ बरख सँ विभिन्न क्षेत्रीय आ राष्ट्रीय चैनल वला सहारा समय न्यूज नेटवर्क सँ जुड़ल छथि और वरिष्ट प्रोड्यूसरक रूप मे जिम्मेदारि निभा रहल छथि।

श्री गुप्ता जी दर्जनो भरी पुरस्कार प्राप्त कऽ चुकल छथि, जाहिमे देशी-विदेशी दुनु तरहक संस्थान शामिल अछि। हिनका पटना मे आयोजित कादम्बिनी साहित्य सम्मेलन कहानी लेखन पुरस्कार भेटि चुकल छनि। हांगकांग कऽ एकटा पत्रिका सेहो हिनका लेखन के लेल सम्मानित केलैंन छनि, अखिल भारतीय मिथिला संघ दिसन सँ मिथिला विभूति सम्मान सेहो भेटि चुकल अछि। सहारा समय नेशनल के "विशेष कार्यक्रम" के एकटा खास मुकाम तक पहुंचेवा के लेल हिनका २००७ मे मीडिया फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा टीवी पत्रकारिता मे योगदानक लेल सेहो सम्मानित कयल जा चुकल अछि। हितेंद्र जी बरख १०१५ के  Woodpecker फिल्म फेस्टिवल के चयनकर्ता समिति मे सेहो शामिल छलैथ हितेंद्र जी  मैथिली ब्लॉग 'हेलो मिथिला' सेहो चलाबय छथि। जे ११५ सँ ज्यादा देश मे रहनिहार मैथिली भाषी लोगक बीच बड़ लोकप्रिय अछि।   स्व. पंडित कमलापति त्रिपाठी के ११०वीं (९.२०१५ मे) जयंती पर गाजियाबाद के कविनगर मे हितेंद्र गुप्ता के हिनक उत्कृष्ट सेवा लेल सम्मानित कयल गेल अछि। 

शुक्रवार, 20 मई 2016

मैथिली जोक्स ... मुस्कुरायत रहु...

1. मिसर जी बस मे सफर क रहल छलाह।
मिसर जी कन्डक्टर सँ सकरी आबि गेल ?
कन्डक्टर - नै
मिसर जी-सकरी आबि गेल?
कन्डक्टर- एखन नै
मिसर जी -यौ सकरी आयल की नै
कन्डक्टर -चुपचाप बैसल रहू सकरी आयत त बता देब ।
कनी देर बाद कन्डक्टर के ध्यान आयल जे सकरी पाछुये रही गेल फेर बस घुमा क सकरी ल गेल ।
कन्डक्टर-उतरु आबि गेलक सकरी।
मिसर जी झोरा स दवाई निकाली क खेला आ   बजला "आंगनवाली कहने छली सकरी आयत त दवाई खा लेब "आब चलू ...


2. एक बेर एगो अंगरेज मिथिला घुमैय लेल आयल। घुमैत घुमैत मनिषभाय क गाम  पर पहुँच गेलाह । और हुनका ओतय  कसतारा म राखल दही देख क मनिष जी  के पुछलकैन...
अंगरेज:-  What is This ?
मनिषभाय:- This is दही  सर।
अंग्रेज:- What is Dahi, मैन?
मनिषभाय:- दूध स्लीप विथ जोरन at night, सर एंड Morning Become भेरी Tight. एंड इट स्वाद इज खटरूस वेन इटिंग। यु केन इट विथ सुगर एंड नून बोथ बोथ।इफ यु इट छूछे देन योर दाँत बिकम कोथ कोथ, ओके अंडरस्टैंड हजूर...


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3. महिला डॉक्टर :- अहाँ सब दिन भोरे क्लिनिक के बाहर ठाड़ भ के औरत के किआ घूरैत छीयै?
भोलबा :- जी, अंहि ही त बाहर लिखने छीयै, 'औरत के देखबा के समय सुबह 9 सँ 11...!!!


4. सोनू:- पप्पा, हमरा बाजा किना दिअ।
भोला :- नै तू सबके तंग करमिहि।
सोनू:- नै करबै पप्पा ! जेखन सब सुइत जेतय तहन बजेबय...!!! 

रविवार, 15 मई 2016

सीतामढ़ी : जतय आयो रहय छथि माता सीता

मिथिला धरोहर, सीतामढ़ी : भगवान राम के धर्म पत्नी सीता के जन्म और समाधि सँ जुड़ल दु टा स्थान अछि, एहि दुनु स्थान के सीतामढ़ी ( Sitamarhi, Sita Janm Sthan ) के नाम सँ जानल जाइत अछि। एकटा सीतामढ़ी मे माता सीता जन्म लेने छलथि आ दोसर भूमि मे समाधि लेने छलीह। जाहि सीतामढ़ी मे भगवती जन्म लेने छलखिन, ओहि जिला के आय माता सीता के नाम सँ जानल जाइत अछि। एत्य के लोगक माननाय अछि जे माता सीता आयो एतय निवास करय छथि और अपन भक्त के सहायता करय छथि। 
माता सीता केर प्रतिमा, सीतामढ़ी, छवि साभार
कौना भेल छल माता सीता के जन्म
रामायण'क अनुसार, त्रेतायुग मे एक बेरा मिथिला नगरी मे भयानक अकाल पड़ल छल। बहुते साल तक बरखा नय भेला सँ परेशान राजा जनक जी पुरहितक सलाह पर अपने सँ हर (हल) चलेबाक निर्णय लेलैथ। जेखन राजा जनक हर चला रहल छलथि तेखन धरती सँ मईट्ट के एकटा पात्र भेटल, जाहिमे सँ माता सीता शिशु अवस्था मे छलखिन। एहि स्थान पर माता सीता भूमि मे सँ जन्म लेने छलखिन, ताहिलेल एहि जगहक नाम सीतामढ़ी पैड़ गेल।

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बीरबल दास केलैथ एतय मूर्ति के स्थापना
कहल जाइत अछि जे बहुते साल सँ इ जगह जंगल बनी गेल छल। एक बेरा लगभग पांच सौ साल पहिले अयोध्या मे रहय वला बीरबल दास नाम के एकटा भक्त के माता सीता अयोध्या सँ एतय एबाके प्रेरणा देलखिन। किछ समय उपरांत बीरबल दास एतय एला और ओ एहि बन-जंगल के साफ-सुथरा क के एहि स्थान पर मंदिरक निर्माण केलैथ और ओहिमे सीता जी केर मूर्ति स्थापित केलैथ।
पुनाओरा मंदिर, छवि साभार
संतान पेबाक लेल कैल जाइत अछि एतय स्नान
मिथिलांचल मे सीतामढ़ी नामक रेलवे स्टेशन और बस अड्डा सँ लगभग २ कि.मी. के दूरी पर माता सीता के जानकी मंदिर अछि। मंदिर के पाछु जानकी कुंड के नाम सँ एकटा प्रसिद्ध सरोवर अछि। एहि सरोवर के लके मान्यता अछि जे एहिमे स्नान केला सँ महिला के संतान के प्राप्ति होइत अछि।
पंथ पाकार, छवि साभार
पुनाओरा मंदिर:  माता सीता के जन्म स्थान
जानकी मंदिर सँ लगभग ५ कि.मी. के  दूरी पर माता सीता के जन्म स्थान अछि। एहि जगह पर पुनराओ मंदिर अछि। सीता जन्म के समय पर एतय बहुते भीड़ रहय अछि और भारी उत्सव मनायल जाइत अछि।

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हलेश्वर मंदिर, छवि साभार
माता सीता के विवाह सँ जुड़ल पंथ पाकार
सीतामढ़ी नगर के उत्तर-पूर्व दिशा मे लगभग ८ कि.मी. दूर पंथ पाकार नाम के प्रसिद्ध जगह अछि। इ जगह माता सीता के विवाह सँ जुड़ल अछि। एहि जगह पर एकटा बहुते ही प्राचीन पीपरक गांछ एखनो अछि, जेकर नीचा पालकी बनायल गेल अछि। कहल जाइत अछि जे विवाह के उपरांत माता सीता पालकी मे जा रहल छलखिन तखन किछ समय के लेल एहि गांछक निचा आराम केने छलखिन।

भगवान शिव के हलेश्वर मंदिर
सीतामढ़ी के उत्तर-पश्चिम दिशा मे लगभग तीन कि.मी. के दूरी पर हलेश्वर शिव मंदिर अछि। हिनका हलेश्वर नाथ मंदिर सेहो कहल जाइत अछि। मान्यता अछि जे एक समय पर विदेह नाम के राजा एहि शिव मंदिर के निर्माण पुत्रयेष्टि यज्ञ के लेल करवेने छलखिन।