शनिवार, 25 फ़रवरी 2017

मैथिली रोमांटिक कॉमेडी फिल्म 'लटकले तऽ गेले बेटा'

मिथिला धरोहर, प्रभाकर मिश्रा : आखिरकार तीन साल सँ अधर मे लटकल मैथिली फिल्म 'लटकले त गेले बेटा' के शूटिंग सम्पन्न कऽ लेल गेल अछि। अहि फिल्मक निर्माण कार्य जून, 2014 मे सुरु कैल गेल छल, मुदा कुनो कारण सँ अहि फिल्म के पूरा नय कैल जा सकल, और आब अहि फिल्म के पूरा काज सम्पन्न भेल। ब्लू ब्लड प्रोडक्शनक बैनरके अधीन बनल मैथिली फिल्म ''लटकले तऽ गेले बेटा" मिथिल दर्शक लेल एही फ़िल्म मे कॉमेडी कऽ संगे चहटगर गीत आ संगीत देल गेल अछि। इऽ फ़िल्म एकटा पूर्ण कॉमेडी कऽ संगे पारिवारिक फ़िल्म सेहो अछि। 


फ़िल्मक निर्माता, निर्देशक संगे राइटर छैथ विक्की चौधरी। फ़िल्मक में मुख्य कलाकारक रूप मे विक्की चौधरी, माधव राय, आरती गुप्ता, रेणुका कार्की, आर. के. दीपक, राघव झा, पिंकी चौधरी, महेंद्र चौधरी, आशुतोष सागर, रामसेवक ठाकुर आदि। गीत लिखने छैथ - प्रदीप पप्पू। फ़िल्म में मधुर आवाज देने छैथ -उदित नारायण झा, पवन नारायण, विकास झा, माधव राय, देवानंद झा, अनुज श्रीवास्तव।
फ़िल्मक कथा- कॉमेडीकऽ तरका संग एकटा आदमी कऽ दू गोट विवाह भेला के बादक परिस्थिति देखाओल गेल अछि। सम्भव अछि जे इऽ फ़िल्म अहि साल अपनेकऽ नजदीकी सिनेमा घर मऽ रिलीज होयत। फिल्म निमन गीत संगीत, कॉमेडी, सवटा देखैत ई फ़िल्म निश्चित रूप सँ मिथिलाक दर्शक के निमन लागत। मैथिलि प्रेमी सँ आग्रह जे ओ इ फ़िल्म देखैथ, आनन्द लैथ आ मैथिलि फ़िल्मक विस्तार में साझी बनैथ।

शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017

बाल्मिकेश्वर नाथ महादेव : सुरसंड (सीतामढ़ी)

मिथिला धरोहर , सुरसंड (सीतामढ़ी) : सीतामढ़ी के धरती त्रेता युग के बहुते स्वर्णिम इतिहास के समेटने अछि। भारत - नेपाल सीमा पर सीतामढ़ी के सुरसंड मे बाबा बाल्मिकेश्वर नाथ मंदिर सदि सँ आस्था आ विश्वास के केंद्र अछि। यैह कारण अछि जे लोग हिनकर दर्शन करवाके लेल आबैत रहैत अछि।सावन मे एतय भारत-नेपाल के श्रद्धालु के नमहर भीड़ लागल रहैत अछि। बाबा केर जलाभिषेक पटना के गंगा जल सँ सेहो होइत छैन। त्रेता युग मे महर्षि बाल्मिकी के तपस्या सँ खुश भ के भगवान भोले नाथ हुनका दर्शन देने छलैथ। जाहि स्थल पर महर्षि बाल्मिकी तप केने छलैथ, ओहि स्थान पर धरती सँ महादेव कऽ केर दुर्लभ शिवलिंग उत्पन्न भेल छल। बाल्मिकी के तपक उपरांत उत्पन्न भेलाक कारणे हिनक नाम बाल्मिकेश्वरनाथ महादेव पड़लनी।

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मंदिरक इतिहास : इ इलाका मिथिला राज्य के अधीन छल, इलाका मे राजा विदेह के शासन छल। हिनकर राज्य मे डाकू रत्नाकर त्राहिमाम मचा क रखने छल। यैह दौरान डाकू रत्नाकर राजा विदेह के खजाना लूटबाक रणनीति बनेलक। राजा के गुप्तचर राजा के एकर सूचना देलक। ताहि उपरांत राजा अपने डाकू सँ भेंट करबाक निश्चय लेलैथ। राजा प्रहरी के भेश धारण कऽ खजाना के सुरक्षा करय लगला। एक दिन डकैत ऐल और प्रहरी के रूप मे तैनात राजा विदेह के बैंध लूटपाट करय लागल। राजा डाकू रत्नाकर सँ पूछलनी जे तु डकैती केकरा लेल करय छं ? डाकू बाजल जे हमर परिवार हमरा संगे अछि। राजा डाकू के कहलक जे तु अपना परिजन सँ पूइछ के आबय, जे कि ओ तोहर अहि कुकर्म मे शामिल छउ, डाकू रत्नाकर जेखन घर लौटल तऽ पत्नी समेत सब परिजन पाप मे सहभागिता सँ इंकार कऽ देलक।
विचलित भऽ के डाकू राजा लग पहुंचल और राजा के कहला पर मोक्ष प्राप्त करबा के राह पर निकैल परल। डाकू रत्‍‌नाकर बीस - पच्चीस किमी के दूरी तय कऽ अहि स्थान पर तकरीबन 60 वर्ष धरि तप करैत रहल। डाकू रत्‍‌नाकर के पुरा शरीर मिट्टी सँ दैब गेल और शरीर मे (बाल्मिकी) दीमक लागि गेल। अहि बीच राजा अपन पत्‍‌नी आ बच्चाक संग भ्रमण पर निकललैथ जेतय एकटा टीला के देख कऽ हुनक पुत्री शक्ति स्वरूपा अंगुरु माइर् देलक। जाहि सँ खून निकलय लागल। राजा खून देखलनी तऽ आश्चर्य भेला। मिट्टी हटेलनी तऽ देखलैथ जे किओ तप मे लीन अछि। एकर बाद राजा अपन पुत्री शक्ति स्वरूपा के तपस्या खत्म भेला तक तपस्वी के देखभाल के निर्देश देलनि। वर्षो उपरांत भगवान भोले नाथ तपस्वी डाकू रत्नाकर के दर्शन दऽ के हुनक सुंदर काया लौटा देलनि। तपस्या करबा के कारण डाकू रत्नाकर के बाल्मिकी के नाम भेटलनि बाल्मिकी संस्कृत शब्द अछि, जेकर हिंदी मे अर्थ दीमक होइत अछि। बाल्मिकी के अहि तप स्थल सँ विशाल शिवलिंग भेटल जेकर नामाकरण बाल्मिकेश्वरनाथ महादेव भेल। अहि शिवलिंग के पूजा अर्चना भगवान श्रीराम सेहो केने छलैथ।

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पूजाके विधान आ चढ़ावा: एतय भोलेनाथ के पुजा के विधान अत्यंत सरल अछि। कनैल के फुल, धतूरा आ गंगा जल तथा अन्य नदी के जल। बस यैह अछि बाबा के चढ़ावा।

केना जायब : सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन सँ  तकरीबन 25 आ बस पड़ाव सँ 27 किमी के दूरी पर सुरसंड मे अछि इ शिवलिंग। एतय जेबाक लेल बस सेवा अछि एकर अलावा निजी वाहन सँ सेहो पंहुचल जा सकैत अछि।

रुकबाक लेल : ओना त तो सुरसंड मे रुकबा के लेल कतेको होटल अछि, एकर अलावा मंदिर परिसर मे विश्रामालय सेहो अछि।

Tags : # Balmikeshwar Nath Mahadev # Sursand # Sitamarhi


मंगलवार, 14 फ़रवरी 2017

Maithili Film Dulha Chor - मैथिली फिल्म दूल्हा चोर

मिथिला धरोहर : उमा फ़िल्म प्रोडक्शन आ कांति प्रोडक्शन केर बैनर तौर निर्मित दहेज प्रथा पर आधारित नारी के सशक्त बनाबय बला अहि मैथिली फिल्म दूल्हा चोर Maithili Film Dulha Chor निर्माता सुप्रसिद्ध भजन गायक एन के झा 'श्याम जी' आ महेश मिश्रा छथि। कतेको धारावाहिक आ फिल्म के सुप्रसिद्ध निर्देशक विरेन्द्र पासवान अहि फिल्म के निर्देशक छथि। जेखनकि लेखक मनीष चौधरी, संकलन ज्ञानेन्द्र सिंह, छायांकन संजय सिंह, नृत्य संतोष कुमार छथि। जेखनकि पार्श्वगायन पद्मश्री उदित नारायण झा, श्याम झा, पुष्पा लता, आ अलका झा केने छथि।
फिल्मक मुख्य कलाकार छथि कुमार घनश्याम, कल्पना शाह, प्रतिभा पाण्डेय, अरुण गिरी, फूल सिंह, विजय झा, अवधेश सिंह, अरुण सिंह उमाकांत राय आदि। अहाँक बता दी जे उक्त मैथिली फिल्म के सेंसर बोर्ड बिना कुनो काट छटाक यु/ए सर्टिफिकेट प्रदान केलक अछि।  समाज के सन्देश देबय वला आ नारी सशक्तिकरण के नव दिशा प्रदान करय वला अहि मैथिली फिल्म के भोजपुरी मे सेहो प्रदर्शित कैल जायत।


मिथिलाक मोस्ट वेटेड मैथिली फ़िल्म "दूल्हा चोर" के प्रदर्शन Youtube पर क देल गेल अछि। और एखन धरि लाखो लोग देख चुकल छथि। 

गुरुवार, 9 फ़रवरी 2017

दरभंगा किला - Darbhanga Fort : लाल किला सँ ऊंच अछि दरभंगा किलाक दीबार

छवि साभार - फेसबुक सं
मिथिला धरोहर : दिल्ली के लाल किला सँ दरभंगा राज के किला ( Darbhanga Kila ) के दीबार नौ फीट ऊंचगर अछि। एकरा रामबाग पैलेस सेहो कहल जाइत अछि। किला के वास्तुकारी मे फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरबाजा के झलक देखाइत अछि। मिथिला नरेश कामेश्वर सिंह के पास किला नय छलनी। तत्कालीन अंग्रेजी हुकुमत मिथिलांचल के पूर्ण राज्यक दर्जा नय द रहल छल। एकरे हासिल करवाक इरादा सँ किलाबंदी शुरू कैल गेल छल।   
छवि साभार -आर्यन
1936 मे कोलकाता के एकटा कंपनी काज शुरू केलक। छह वर्ष मे हजारों कारीगर दीबार के उत्तर- दक्षिण पूरब सँ खड़ा क देलक। पश्चिमी भाग के निर्माण'क दौरान 1942 मे बंग्लागढ़ निवासी अग्रवाल परिवार के आवेदन पर हाईकोर्ट निर्माण पर रोक लगा देलक। दीबार आय धरि अधूरे अछि। 15 अगस्त 1947 के किला के सिंह द्वार पर तिरंगा लहरायल गेल छल।

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किला के दिबारक निर्माण लाल ईंट सँ कैल गेल अछि। करीब 85 एकड़ भूखंड के दीबार तीनो दिशा के घेरने रखाने अछि। लंबाई लगभग 500 मीटर अछि। वॉच टावर और गार्ड हाउस सेहो अछि। किला के मुख्य द्वार जेकरा सिंहद्वार कहल जाइत अछि पर वास्तुकला सँ दुर्लभ दृश्य उकेरल गेल अछि। किला के भीतर दिबारक चारु दिस खदाइर (खाई) के निर्माण कैल गेल छल। ओहि समय खदाइर मे बराबर पैइन रहय छल। एना किला आ वस्तुतः राज परिवारक सुरक्षा के लेल कैल गेल छल।

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भारत सरकार के पुरातत्व विभाग 1977-78 मे अहि किला के सर्वेक्षण सेहो केने छल, तहन एकर ऐतिहासिक महत्वता के स्वीकार करैत किला के तुलना दिल्ली के लाल किला सँ केने छल।

रविवार, 5 फ़रवरी 2017

मैथिली ठाकुर : मिथिलाक राईजिंग स्टार

मिथिला धरोहर : मूल रूप सँ बेनीपट्टी प्रखंड के उड़ेन, बनकट्टा निवासी मैथिली ठाकुर केर प्रारंभिक संगीतक शिक्षा अपन दादा श्री बच्चा ठाकुर आ पिता रमेश ठाकुर सँ भेटल अछि। ग्रामीण परिवेश मे पलल-बढल मैथिली ठाकुर वर्तमान मे द्वारिका, दिल्ली मे अपन परिवार के संगे रहय छथि। मैथिली केर बचपने सँ संगीत सँ बड़ लगाव रहल अछि। एखन हिनक पढ़ाई बाल भवन इंटरनेशनल स्कुल, द्वारिका (दिल्ली)  मे भ रहल अछि।

दिल्ली मे पांच बेरा प्रथम पुरस्कार
मैथिली दिल्ली सरकार दिस सँ होमय वला वार्षिक समारोह मे पांच बेरा प्रथम पुरस्कार प्राप्त क चुकल छथि। जनवरी 2016 मे ओ अखिल भारतीय स्तर के टीवी कार्यक्रम आई जीनियस मे प्रथम पुरस्कार जीतल छलि। अहिसँ पहले ओ सोनी टीवी के सिंगिंग रियलिटी शो इंडियन आइडल जूनियर (2015) और जी टीवी के शो सारेगामापा लिटिल चैंप मे अपन प्रतिभा देखा चुकल छथि।
मैथिलि के एखन धरि संगीत के क्षेत्र मे "मैथिलि सांस्कृतिक पुरस्कार" सहित बहुते रास अवार्ड भेट चुकल अछि। मैथिली के मधुर आवाज मे यूनिवर्सल म्यूजिक के द्वारा रिकॉर्ड कैल गेल 'या रब्बा' नामक एकटा एल्बम सेहो आबि चुकल अछि।

एक बेर फेर सँ कलर्स टीवी पर 4 फरवरी सँ शुरू होमै बला सिंगिंग रियालटी शो 'राईजिंग स्टार' मे मिथिलाक बेटी मैथिली ठाकुर अप्पन आवाज से सभ के दिल जीतती।शनि-रविक रात्रि के 9 बजे सँ शुरू होमै बला एहि सिंगिंग रियालटी शो मे ऑडियन्स द्वारा कायल गेल वोटिंग ऑनलाइन होयत, जे की कलर्स टीवी चैनल के एंड्राइड अप्प के जरिये कैल जा सकत।

Tags : # Maithili Thakur # Bankatta Uren # Rising Star # Maithili Singer