मंगलवार, 27 मार्च 2018

मैथिली किस्सा : गोनू झाक इनाम

गोनू झा अपन बुद्धिमत्ता आ वाकपटुताक लेल नहि केवल मिथिले वरन्‌ अरोस-परोसक राज्य मे सेहो मशहूर रहथि। हुनक पहुँच राज दरवार धरि रहनि आ अपन एहि गुणक लेल सभ ठाम समादृत होथि। राज दरवार मे चाहे कोनो समस्या विशेष पर चर्चा हो या कोनो आन ठामक विद्वान सँ शास्त्रार्थक गप्प, सभ ठाम हुनक उपस्थिति अनिवार्य रहनि। शास्त्रार्थ वा अन्य क्रम मे ओ बेसीकाल इनाम सेहो पाबथि आ तें कतेको दरबारी सहित आन लोक सभ हुनक उन्नति सँ जरनि। एहने स्थिति एकटा द्वारपालक छल जे राज दरवारक मुख्य द्वार पर तैनात छल। गोनू झा कें कतेको इनाम आदि भेटलनि किन्तु ओ ओहि द्वारपाल के कहियो बख्शीश नहि देलाह आ तें ओ विशेष रूप सँ गोनू सँ नाराज रह।

एकबेर एहन संजोग भेल जे कोनो दोसर राज्यक विद्वान मिथिला दरबार मे पधारलथि आ एहि ठामक विद्वान लोकनि के कोनो विषय पर शास्त्रार्थ करबाक लेल चुनौती देलनि। यद्यपि गोनू दरबार मे उपस्थित नै छलाह, तथापि हुनक चुनौती कें स्वीकार कयल गेलनि। शास्त्रार्थ शुरु तँ भेल, परन्तु गोनूक अनुपस्थिति मे मिथिलाक विद्वान लोकनि पिछड़य लगलाह। ता गोनू के कतहु सँ खबरि भेलनि जे आई मिथिलाक प्रतिष्ठा दाव पर लागल अछि, तँ ओ तुरंत राज दरवार दिस विदा भेलाह।

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राज दरवारक मुख्य द्वार बन्न छल आ दरबार मे शास्त्रार्थ होयबाक कारणें प्राय: ककरो प्रवेशक अनुमति नहि छल । आ तें मौका देखि द्वारपाल गोनू कें सेहो रोकि देलक। गोनू ओकरा बुझेबाक प्रयास कयलनि जे हमरा भीतर जाय दयह, कारण आई अपना राज्यक प्रतिष्ठा दाँव पर लागल अछि। परन्तु ओ गोनू सँ बदला चुकेबाक एहन अवसर के हाथ सँ नहि जाय देबय चाहैत छल आ तें कतबो कहलाक बाद द्वार खोलबाक लेल राजी नहि भेल। गोनू कें ई बुझबा मे भांगठ नहि रहलनि जे आखिर ई किएक द्वार नहि खोलि रहल अछि। ओ प्रसंग के बदलैत बजलाह। ठीक छै तों द्वार खोल । आई हमरा जे इनाम मे भेटत से हम तोरे देबौक। द्वारपाल प्रसन्नचित्त होईत द्वार खोलि देलक आ गोनू दरबार मे हाजिर भेलाह ।

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हुनका पहुँचतहि शास्त्रार्थक रंग बदलि गेल आ पराजित होईत मिथिलाक विद्वान शास्त्रार्थ मे विजित भेलाह। वस्तुत: गोनू हारल बाजी कें पलटि देलनि आ सम्पूर्ण दर्बार मे हुनक चर्चा होमय लागल। चूँकि समय पर आबि कें गोनू मिथिलाक प्रतिष्ठाक रक्षा केलनि आ तें राजा हुनका १०० स्वर्ण मुद्रा इनाम देबाक घोषणा कयलनि। परंतु ई की? गोनू एहि इनाम कें लेबा सँ इन्कार कऽ देलनि। राजा कें भेलनि जे संभवत: राशि कम अछि आ तें गोनू इनाम नहि लय रहल छथि आ तें राजा पुन: १००० स्वर्ण मुद्रा इनामक घोषणा केलनि। परन्तु गोनू एहू बेर इनाम लेबा सँ इन्कार कऽ देलनि आ मन माफिक इनाम लेबाक बात कहलनि। राजा अपन स्वीकृति देलनि आ गोनू सँ अपन इच्छित इनामक विषय मे पुछलनि। परंतु गोनू इनाम मे २० सोंटा मारि मंगलनि। हुनक एहन इनामक मांग सूनि सभ कियो अचम्भित रहि गेल आ हुनका सँ पुनर्विचारक निवेदन कयल गेल। परन्तु गोनू अपन बात पर अडिग रहलाह। हारि कें राजा सिपाही कें हुनका २० सोंटा मारबाक आदेश देलनि।

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तखनहि गोनू बजलाह जे आई हम अपन इनाम मुख्य द्वार परहक द्वारपाल के गछने छियैक आ तें ई इनाम ओकरे देल जाय। तुरंत दूत मुख्य द्वार पर पहुँचल आ द्वारपाल सँ पुछलक जे गोनू आई तोरा अपन इनाम गछने छथुन से चलि कें लऽ ले। द्वारपाल बेस प्रसन्न भेल आ पहुँचल दरबार मे। परंतु एहि ठाम तँ दोसरे नजारा छल। ओकरा गोनू कें इनाम मे भेटल २० सोंटा खाय पड़लैक। ओहि दिन सँ ओ गोनुए नहि वरन्‌ आन ककरो सँ बख्शीश माँगब छोड़ि देलक।

शुक्रवार, 23 मार्च 2018

मिथिला एक झलक - आस्था केर प्रतीक मुन्नीबाबा

मधुबनी जिलाक बाबूबरही प्रखंड केर बेला दउरा में, मुन्नी बाबाक स्थान अवस्थित अछि। मुनिनाथ बाबा बेला गामक अंत चौड़ी में घनघोर जंगल में एकटा बृक्ष जाहि में अनेको रंगक पात अछि , ओहि बृक्ष सँ प्रकट भेलाह ई मानल जाएत अछि। करीब १०० वर्ष पहिले के बात अछि। गामक चरवाहा सब ओहि जंगल में अपन -अपन गाय चराबैत छल, एक दिन अचानक ग्वाला सभक नजर एकटा पाथर (पत्थर) पर पड़ल। ओहि पाथर केँ उठा कऽ अपन उपयोग के लेल लऽ कऽ अपन घर चलि आयल। नीक आ मजबूत पाथर देख अपन हांसू, कोदारि, खुरपी, कुरहैर आदि सब केँ रेतकय धारदार बनेबा में नीक रहत ई सोचि ओ अपन दैनिक काज में उपयोग करय लागल। बाबा मुनिनाथ ओहि चरवाहा केँ रात्रि में स्वप्न देलखिन जे ओह पत्थर तू जतअ सँ अनलें ओतहि राख़ि आ, मुदा ओह ओहि बात के कोनो कान-बात नै देलक। ओहि पत्थर केर उपयोग नियमित रुपें करय लागल।

किछ दिन उपरांत ओकर परिवार में एहि अवमाननाक असर होबय लगलैक। ओकर माल-जाल एक-एक कऽ बीमार भऽ भऽ मरऽ लगलैक मुदा तईयो ओह कोनो कान बात नै देलकैक। मुदा जखन पारिवारिक सदस्य पर चपेटक मामला आबि गेल, ओकर एकटा बेटा बीमार भऽ दुनिया छोड़ि देलकैक तेकर पश्चात ओह पूजा पाठ कय पत्थर केँ स्थापना मुनीबाबा के प्रांगण में कऽ देलकैक। तेकर बाद फेर ओकर परिवार सही पटरी पर लौटि गेलैक।

ओहि दिनक बाद एक दोसर घटनाक्रम मे शिवरात्रि केर दिन एकटा बच्चा एहि स्थान सँ खेलधूप वास्ते एकटा घंटी लय लेलक। मुदा हुनकर सीमा ख़त्म भेलाक बाद ओकर पेट मे दर्द शुरू भऽ गेलैक। ताहिक बाद ओकर माता-पिता ओकरा लऽ कऽ ऐलाह बाबा केर दरबार और हुनका सऽ क्षमा मंगलैन, कोबलाह केलक आर फेर हुनका लोकनिक ओ बच्चा फेर स नीक जेकाँ रहय लागल। एहेन‍-एहेन कतेको रास सत्य किंवदन्ति आ सत्य गाथा पैघ बुजुर्ग सभक मुँहपर मुन्नी बाबाक विषय मे रहैत अछि।

श्रद्धालू भक्त लोकनि केर आस्था एहि स्थान पर एतेक बढि गेल अछि जेकर शब्द मे चर्चा करब थोड़ होयत।और आब त नै जानि कते घंटी, सोन, चांदीक नाग टाँगल अछि ओहि बृक्ष पर, आयल दिन भक्ति और भजन सँ प्रसन्न करबाक भक्त सभक प्रयास रहैत छैन, स्वयं बाबा अपन भक्त सब केर दुःख दूर कय दैत छथिन। आब त मधुबनी जिलाक अलावे सीमा सँ सटल मित्रदेश नेपाल केर भक्त सब हमेशा आबैत रहैत छैथ और एतय सदिखन कोनो नो कोनो धार्मिक अनुष्ठान यथा नवाह, कीर्तन, अष्टजाम, एवं तरह -तरह के मनोकामना पूर्ण भेलाक बाद भक्त द्वारा यज्ञादि कर्म कराओल जाएत रहैत अछि।

मानल बात छैक जे पाठक लोकनि ई समाचार पढिते बाबा मुनिनाथ केर दर्शन हेतु व्याकुल भऽ गेल होयब । आउ और हुनकर दर्शन करू परिवार सँगे, अहाँक सेहो कल्याण होयत।

28वाँ महाशिवरात्रि उत्सव केर शुभअवसर पर आयोजित कुश्ती प्रतियोगिताक 2018  आयोजन भेल छल । जाहिमे भारतक बहुतो राज्य समेत नेपाल सँ पहलवान सब सामिल भेल । गौरवान्वित अछि जे ई स्थान मधुबनी जिले के बहुतो चर्चित धार्मिक स्थल सब में एक अछि ।जतअ प्रत्येक वर्ष लाखों के संख्या मे श्रद्धालुगण आहि उत्सव में भाग लैत छैथ।
साभार : मिहिर कुमार झा "बेला"

सोमवार, 19 मार्च 2018

कुमारिक गीत - मैथिली कुमारीक लोकगीत लिरिक्स

Maithili Kumarik Geet Lyrics

जाहि दिन आहे बेटी तोंहे अवतरलऽ
ताहि दिन भेल विषमाद
चिन्ता, निन्द हरित भेल बेटी
थिर नहि रहल गेयान
पुत्र जँ होइतऽ बेटी, बजैत बधाबा
धियाक जनम विषमाद
कथी लय आहे अम्मा धियाक जनम देल
खैतहुँ मरिच पचास
मरिचक झोंकसँ धिया दरि जैतय
छुटि जाइत धियाक सन्ताप
सएह सुनि बाबा उठल चेहाय
मनाइन देल जगाय
गाड़ल धन धिया हम नहि राखब
आब धिया होयत वियाह
बान्ह बन्हबिहऽ बाबा पोखरि खुनबिहऽ
धनकेँ लगबिहऽ छाँह
हाँस छुटुकि गेल, कमल फलकि गेल
जलमे मारय हिलकोर
ई सरोवर बाबा जैतुक मांगय
भैयाक जनम निरधन होय

शुक्रवार, 16 मार्च 2018

अहि छह टा फिल्म सँ नवका उचाई पर जायत मैथिली सिनेमा मुदा...

मैथिली सिनेमाक ५० साल पूर्ण भऽ चुकल अछि। एहि अंतराल मे मैथिली सिनेमा लेल छोट पैघ अनेको प्रयास भेल, मुदा एक-आध टा कें छोडि कोनो फिल्म के व्यावसायिक वा आन तरहक सफलता नहि भेटि सकल। जाहि कारण किछ रास फिल्म निर्माण भेलाक बादो प्रदर्शित नै भ रहल अछि या नै कैल जा रहल अछि। एहने किछ फिल्म के नाम अछि...

डमरू उस्ताद
अहि मैथिली फिल्म के शूटिंग जून २०१३ में आरंम्भ भेल छल। सितम्बर २०१४ में अहि फिल्म के पटनाक किछ सिनेमा घर मे रिलीज कैल गेल छल। फिल्म नारी सशक्तिकरण पर आधारित अछि जे मैथिली और भोजपुरी दुनु भाषा मे बनल अछि। फिल्मक मुख्य भूमिका मे नेहा श्री, अनिल मिश्रा, विजय मिश्र, मीना गौतम, शुभ नारायण झा, नीलेश दीपक, आदि छथि फिल्मक निर्माण विष्णु पाठक केने छथि। लेखक अनूप कुमार आ संगीत पवन नारायण देने छथि। मिथिलाक सब सिनेमा घर मे अहि फिल्म के प्रदर्शित हेबाक इंतजार अछि।


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ललका पाग
अहि फिल्मक शूटिंगक काज २०१४ में आरम्भ भेल छल और फरवरी २०१५ में संगीत रिलीज कैल गेल छल। सेक्रेड फिग एन्टरटेनमेंट लेल एहि फिल्मक निर्माण गुजराती युवा रत्नेश एन शाह छथि आ निर्देशक प्रशांत नागेन्द्र। उक्त फिल्म मिथिलाक नारी संवेदना पर केंद्रित अछि, मुख्य भूमिका मे स्वेता वर्मा, मीना गौतम, रोशन राज, प्रेमलता मिश्र प्रेम आ उमाकांत छथि। प्रसिद्ध रचनाकार हृदय नारायण झा आ कुणालक गीत कें सीताराम सिंहक संगीत गायक उदित नारायण झा, नंदिता चक्रवर्ती स्वर देलनि छथि।
मिथिला मखान
निर्देशक नितिन चंद्रा ‘चंपारण टॉकीज़’ के बैनर तर फिल्म ‘मिथिला मखान’ के शूटिंग मई २०१५ में सुरु भेल छल एकर शूटिंग कनाडा, नेपाल और मिथिला क्षेत्र भेल अछि। फिल्मक प्रमुख रोल मे क्रांति प्रकाश, अनुरिता झा, पंकज झा छथि जे बॉलीवुड मे अपन पहचान बना चुकल छथि। मैथिली रंगमंच के मांजल कलाकार प्रेमलता मिश्र प्रेम फिल्म मे सेहो छथि। प्रवेश मल्लिक के संगीत में सुरेश वाडेकर सोनू निगम और श्रेया घोसाल के  गायिकी बला अहि फिल्म सँ मैथिल भाषी के  बहुते उम्मीद अछि। निर्माता नीतू चंद्रा निर्मित अहि फिल्म के ६३म राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भेंटि चुकल अछि। इ फिल्म २०१६ सँ बनी क तैयार अछि।


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दुल्हा चोर
निर्देशक वीरेन्द्र पासवान द्वारा निर्देशित अहि फिल्म के सबटा काज २०१७ में पूर्ण क लेल गेल अछि। दहेज़ प्रथा पर आधारित अहि फिल्म 'दूल्हा चोर' के निर्माता भजन गायक एन के झा “श्याम जी” छथि। अभिराज झा के लिखल गीत के संगीत सँ देने छथि सुरेश आनंद। पार्श्वगायन उदित नारायण, श्याम झा, पुष्प लता, अलका झा तथा सुरेश आनंद। फ़िल्म में मुख्य कलाकार छथि कुमार घनश्याम, कल्पना शाह, प्रतिभा पाण्डेय, अरुणा गिरी आदि। अहि फ़िल्म गीत यूट्यूब पर रिलीज भ गेल ऐछ मुदा फिल्म प्रदर्शित हेबाक इंतजार अछि।

लव यू दुलहिन
श्री राम जानकी फिल्म्स तर बनल अहि मैथिली फिल्म 'लव यू दुलहिन' के निर्माता छथि विष्णु पाठक आ रजनी पाठक और निर्देशित केने छथि मनोज श्रीपति। अहि फिल्मक शूटिंग २०१७ के प्रारम्भ भेल छल जेकर शूटिंग पूर्ण भ गेल अछि। कलाकार रूप में विकास झा, आलोक कुमार, अमिय कश्यप, अनिल पतंग, विजय मिश्र, शुभ नारायण झा, प्रतिभा पांडेय ,इंनुश्री आ पूजा पाठक। मैथिल दर्शक के अहि फिल्मक बेसबरी सँ प्रतीक्षा अछि।
प्रेमक बसात
मैथिलि मे एहन पहिल सिनेमा अछि जेकर सबटा कलाकार सँ लऽके टेक्नीकल सपोर्ट धरि सब हिंदी सिनेमा जगत के छथि। एहि फिल्म मे बतौर हिरो पियूष कर्ण आ हिरोईन रैना बनर्जी केँ भूमिका देल गेल अछि। कथा-पटकथा एवम् निर्देशन रूपक शरार केर, कैमरामैन नरेन्द्र पटेल, संगीत प्रवेश मल्लिक केर रहल ई फिल्म प्रेमक बसात के सूटिंग समाप्त भऽ चुकल अछि। सम्भव अछि जे अहि सिनेमा के अहि साल (२०१८) प्रदर्शित क देल जाइत।

Tags : # Maithili Film # Damru Ustad # Lalka Paag # Mithila Makhan # Dulha Chor # Love U Dukhon # Premak Basaat

शनिवार, 10 मार्च 2018

ताजमहल एहन एकटा कलाकृति मिथिला मे सेहो अछि

अहि दुनु तस्वीर मे हमरा ख्याल सँ समानान्तर अध्ययनक आवश्यक अछि, दुनु मकराना संगमरमर के बनल अछि, बेल बूटे, नक्कासी दुनु मे उम्दा किस्मक अछि। दुनु के अपन इतिहास छैक। एगो मुगलक कृति अछि त एकटा भारतीय हिन्दू शासक द्वारा निर्मित, एकटा मे प्रेमक प्रतिरूप अछि त दोसर मे आस्थाक स्वरूप अछि।
राजनगर, मधुबनी मे 18वीं सदी में निर्मित इ माँ काली मंदिर केर बनावट, नक्काशी, बेलबूट के देखबा सँ ताजमहल एहने लागय अछि, चमक त आयो भी ताजमहल सँ बेसी अछि, मुदा दुर्भाग्य छैक मिथिला (बिहार) मे एकर देखभाल और प्रचार प्रसार  शून्य छैक। वीरान पड़ल इ ऐतिहासिक धरोहर दिनरात अपन पीढ़िक उदासीनता पर नोर बहा रहल अछि।समाजसेवी, इतिहासकार, साहित्यकार, कलाकार और सरकार की घोर उपेक्षा के कारण मिथिलाक इ बेशकीमती धरोहर सुन पड़ल अछि। सन्निकट के कतेको बेशक़ीमती मंदिर और इमारत धराशायी भ चुका अछि। अगर एकरा बचा लेल गेल और प्रचारित कैल गेल त निश्चित तौर पर उत्तर बिहार मे लाखों लोग के पर्यटन सँ रोजगार भेटबाक उम्मीद जागय लागत। अगर बर्बाद भ गेल त आबय बला पीढ़ी अपन पूवज के कहियो माफ नै करत। उम्मीद अछि मिथिला, और मिथिला सँ बाहरक लोग एकरा बचेबाक मुहिम मे मिथिला धरोहर के संग दैथ, अपन धरोहर के बचेबा मे  सहयोग करैथ। #MithilakTaj