बुधवार, 20 जून 2018

मैथिली किस्सा : गोनू झा के कबुला

Gonu Jha Maithili Story : गोनू रहथि विद्वान लोक, ओ कखनो अंधविश्वास आ कि देवता-पितरक कबुला-पाती मे विश्वास नहि राखथि आ तें जन-सामान्य जकाँ देवता-पितर कें कोनो वस्तु आ कि नीक उपजा-बाड़ीक लेल कबुला-पाती नहि करथि। गाम मे लोक कहनि जे अहाँ के देवता-पितर पर विश्वासे नहि अछि। परन्तु हुनक कहब रहनि जे समय पर वारिश हौक आ समयानुसार धान आदि रोपल जाय, तँ नीक धान हेबे करतैक आ ताहि लेल कबुला-पातीक की प्रयोजन? तथापि एकबेर सभ कियो हुनक पाँछा पड़ि गेल जे अहूँ कबुला करियौ जे अहाँ के एतेक ने एतेक धान होयत तँ अहाँ देवता कें किछु ने किछु चढ़ेबनि। गोनू हारि कें गौंआ सभक समक्ष कबुआ केलनि जे हे देवता जँ हमरा नीक उपजा-बाड़ी होयत तँ हम अहाँ के ‘किछ” चढ़ा देब। संयोग सँ एहि बेर नीक वरषा भेलैक आ गोनू कें नीक जकाँ धान भेलनि। आब गौंआ सभ हुनका पाछाँ पड़ि गेल जे अहाँ कबुला पूरा करियौक।

इहो पढ़ब :-

आब गोनू के फुरेबे ने करनि जे की कयल जाय। कोन वस्तु देवता के चढ़ाओल जाय। चूँकि ओ वस्तुक नाम नियत नहि केने रहथि तें हुनका लोक तरह-तरह के सलाह दैन। कियो कहनि जे पाई चढ़ाऊ, कियो कहनि जे छागर छढ़ाऊ तँ कियो किछु आन वस्तु चढ़ेबाक लेल कहनि। गोनू लाख सोचथि ‘किछ’ भेटबे ने करनि जे ओ देवता कें गछने रहथि। एही तारतम्य मे कतेको मास बीति गेल। यद्यपि गोनू निश्चिंत रहथि तथापि गौंआ सभ कहाँ मानय वला छल। ओ सभ सभ जखन-तखन गोनू के कबुला पूरा करबाक लेल टोकि दैन।

इहो पढ़ब :-

गोनू एक दिन घुमैत-फिरैत दया बाबूक ओहिठाम गेलाह । हुनका देखितहि दया बाबू आव-भगत केलखिन आ जोर सँ बजलाह जे गोनू अयलाह अछि तें बैसैक लेल ‘किछ’ ला । आँगन सँ एकटा बचिया एकटा पिरही लेने आयल । आब गोनू के कबुला पूरा करबाक लेल ‘किछ’ भेट गेलनि । ओ कनिये काल मे उठलाह आ पिरही लैत दया बाबू सँ कहलाह जे हमरा बहुत दिन सँ कबुला पूरा करबाक लेल ‘किछ’क तलाश छल, से हमरा भेटि गेल । कृपा कय कें हमरा ई ‘किछ’(पिड़ही) देल जाय ताकि हम अपन कबुला पूरा कऽ सकी । ओ ठोकले ग्राम देवताक मंदिर गेलाह आ ओ पीढ़ी चढ़ा कऽ कयल गेल कबुला ‘किछ’ कें पूरा केलनि । हुनक एहि कारनामा पर सभ कियो हँसय लागल।

मंगलवार, 19 जून 2018

पान खायब काल के गीत - मैथिली लोकगीत

Paan Khayab Kaal Lokgeet Lyrics

कोने सार बेसाहल पान गे माइ
किनका बहिन के बड़ैबा नेने जाइ
अपन सार बेसाहल पान गे माइ
पाहुन बहिन के बड़ैबा नेने जाइ
अहाँ सभ देबनि तऽ दियनु
सिया के कोना देब गारि हे
हमरा तऽ लगता ओ सरोकारी हे
अपन सार बेसाहल सुपारी गे माइ
पाहुन बहिन केँ बनियाँ नेने जाइ


रविवार, 17 जून 2018

Dekuli Dham Mandir | भुवनेश्वर नाथ महादेव मंदिर देकुली धाम, मिथिलाक पौराणिक धरोहर

शिवहर सँ पांच किलो मीटर पुब सीतामढ़ी एनएच 104 पथ मे देकुली स्थित बाबा भुवनेश्वर नाथ मंदिर ( Bhuvneshwar Nath Mandir, Dekuli Dham Shivhar ) मिथिलाक पौराणिक धरोहर'क संगे जिलावासि के आस्था'क केंद्र छथि। द्वापर काल मे निर्मित अहि मंदिर मे शिवहर के पड़ोसी जिलाक संगे नेपाल धरिक लोग पूजा अर्चना आ जलाभिषेक लेल आबय अछि।

अहि मंदिरक धार्मिक महत्व'क बारे मे कहल जाइत छैक जे इ मंदिर एकेटा पत्थर के तराइश के बनायल गेल अछि। अहिमे स्थापित शिव लिंग भगवान परशुराम केर तपस्या सँ प्रकट भेल छथि जे आदि काल सँ बाबा भुवनेश्वर नाथ केर नाम सँ प्रचलित छथि। शिव लिंग केर अरघा'क निचा अनंत गहराई अछि। जाहिके मापल नै जा सकैत अछि।
जानकारक कहब छैक जे सन १९५६ मे प्रकाशित अंग्रेजी गजट मे अहि धाम के चर्चा करैत उल्लेख कैल गेल छल जे नेपाल के पशुपति नाथ आ भारत के हरिहर क्षेत्र मंदिरक मध्य मे देकुली बाबा भुवनेश्वर नाथ मंदिर अवस्थित अछि। कोलकत्ता हाई कोर्ट के एकटा  फैसला मे सेहो ‘अति प्राचीन बाबा भुवनेश्वर नाथ मंदिर देकुली धाम’ उल्लेखित अछि।ग्रामीण बताबय छथि जे मंदिरक पश्चिम एकटा पोखैर छै जेकर खोदाई १९६२ ई. मे चैतन्य अवतार जिलाक छतौनी गावं निवासी महान संत ‘प्रेम भिझु जी महाराज करवेने छलथि। जाहिमे द्वापर काल पत्थर आ धातु के मूर्ति भेटल छल। जाहिके मंदिरक प्रांगन मे मुख्य द्वार के दाहिना दिस अति प्राचीन मौलश्री वृक्षक जड़ीक ल'ग स्थापित कैल गेलनि।

इहो पढ़ब:-
जमीनक सामान्य स्तर सँ करीब १५ फिट ऊपर अवस्थित उक्त शिव मंदिर के उत्तर पश्चिम कोण मे माता पार्वती, दक्षिण मे भैरोनाथ, पुब दक्षिण मे माता पार्वती आ पुब दक्षिण के कोण में हनुमान जी केर मंदिर अछि। मंदिरक पूब करीब १२ फिटक नीचा खोदाई केला पर ग्रेनाईट पत्थर सँ बनल अवशेष प्राप्त होइत अछि। कहल जाइत छैक जे कुच्छ वर्ष पहिले अहि मंदिर के पश्चिम खोदाई मे एगो नरक काल प्राप्त भेल छल। जाहिक अग्रबाहू के लम्बाई १८ इंच सँ बेसी छल। अहिके पौराणिक आ धार्मिक महत्व के बारे मे कहल जाइत छैक जे भगवती सीता केर संग पाइन ग्रहण संस्कार के उपरांत जाहि स्थान पर श्री राम के परशुराम केर कोप'क शिकार भेल परल छलैन ओ जगह कोपगढ़ गाँमक नाम सँ जानल जाय लागल। जेतय परशुराम केर मोह भंग भेलनि। ओतय मोहारी गाँव बसल अछि।

इहो पढ़ब:-
राम एवं परशुराम केर आपसी प्रतीती के पश्चात परशुराम जी राम केर भुनेश्वर नाथ (शिव) केर दर्शन करेलनी जाहि कारन शिव आ हरी के इ मिलन क्षेत्र शिवहर के नाउ सँ जानल जाय लगल। ओतय द्वापर काल मे कुलदेव के द्रोपदी द्वारा संपूजित कैल जेबाक कारण अहि जगह'क नाउ देकुली परल। ओना अहि बारे मे अन्य कतेको कथा प्रचलित अछि। धाम सँ सटल उत्तर मे युधिष्ठिर के ठहरबा'क उपरांत ६१ पोखैर (तालाब) खोदायल गेल छल जे विभिन्न नाय सँ प्रचलित छल, मुदा बागमती नदी के कटाव मे अस्तित्व हीन भ गेल।

इहो पढ़ब:-

शुक्रवार, 8 जून 2018

सगरो मिथिला के गौरवान्वित केलनि कटिहार के बेटी अनुरिता झा

मिथिला धरोहर : मूल रूप सँ कटिहार के बेटी अनुरिता झा ( Actress Anurita Jha From Katihar ) सब मिथिलावासी के निश्चते गौरवान्वित केलनि हन। अनुरिता के पिता शैलेन्द्र कुमार झा कटिहारक जानल-मानल अर्थशास्त्र के फ्रोफेसर छथि। मैथिली साहित्य में हिनक अग्रणीय योगदान रहल छनि। अनुरिता के माता स्व० प्रो भानु झा सेहो कटिहारक महिला महाविद्यालय मे कार्यरत छलथि। 
शिक्षक परिवार में रहला सँ अनुरिता के पढ़ाई दिस बेसी रुझान रहलनि। कटिहारक स्कॉटिश पब्लिक स्कूल में किछु समय लेल पढ़ाई केलनि, ओकर बाद हिनक शिक्षा राजस्थान के पिलानी मे भेलनि। पटना के मगध महिला महाविद्यालय सँ इंटरक परीक्षा मे उतीर्ण भ ओ दिल्ली सँ फैशन डिजाइनिंग मे स्नातक के उपाधि प्राप्त केलनि।

इहो पढ़ब :-
दिल्ली मे रहिते ओ मॉडलिंग के सुरुआत केलनि और चैनल वी के गैट गॉर्जियस ब्यूटी कान्टेस्ट के ख्याति'क उपरांत अनूरिता झा मुम्बई के रुख केलनि। एकर बाद ओ ड्रेस डिजाइनर्स रॉकी एस, मनीष मल्होत्रा, अचला सचदेवा आदि के शो मे पार्टिसिपेट केलनि।
फेर अनुरिता किछु टेली फिल्म्स मे काज केलनि, जाहिमे एकटा रणबीर शौरी के टेली फिल्म 'काम का प्लॉट' छल अहि टेली फिल्म मे हुनक काज सब के पंसद एलनी। सबसँ बड़का सफलता तहन भेंटलनि जहन हुनका अनुराग कश्यप के 'गैंग ऑफ वासेपुर' मे शमा परवीन के पहत्वपूर्ण भूमिका मे दमदार अभिनय सँ ओ अपन अलग पहचान बनेलनी। अनुरीता 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के दुनु पार्ट मे काज केने छथि।

इहो पढ़ब :-
जेकर बाद ओ मैथिली फिल्म 'मिथिला मखान' मे काम केलनि। अनुरीता के २०१६ मे रिलीज फिल्म 'जुगनू' आ २०१७ मे रिलीज 'बारात कम्पनी', हेलमेट 2021 मे अहम भूमिका छलनि। अनुरिता अपन मॉडलिंग केरियर मे नोकिया, एयरटेल, हिमालय, स्नैपडील एहन ब्रांड के एड क चुकल छथि।

इहो पढ़ब :-

अनुरिता के मॉडलिंग आ फिल्म मे एबाक लेल हिनक पिता शैलेन्द्र कुमार झा सुरुए सँ प्रोत्साहित केलनि। अनुरिता एकटा अंग्रेजी मूवी 'मूनलाइट कैफे' मे सेहो काज केने छथि।
रिपोट : प्रभाकर मिश्र 'ढुन्नी'

सोमवार, 4 जून 2018

गिरिजा स्थान, फुलहर : एतय भेल छलनि राम सीता के पहिल भेंट

गिरिजा स्थान मधुबनी जिलक हरलाखी प्रखंडक फुलहर गांव मे अवस्थित अछि। ( Girija Sthan, Harlakhi, Phulhar ) जगत जननी सीता फुल लोढ़य राजा फुलवाड़ी  गिरजा स्थान नित्य दिन जाय छलथि। जनकपुर राज्य केर चारु दिशा मे चारिटा शिवलिंग (मंदिर) छल, पूब मे विशौल, पश्चिम मे धनुषा, उत्तर मे शिवजनक मंदिर, आ दक्षिण मे गिरिजा शिव मंदिर अवस्थित छल जे आयो अवस्थित अछि।

इहो पढ़ब :-
कहल जाइत छैक जे राम-लक्ष्मण केर धनुषक शिक्षा विशौलक जंगल मे देल गेल छलनि।विशौल के ठीक १० किलोमीटर पश्चिम मे गिरजा स्थान अछि। राम लक्ष्मण एक दिन फुलवाड़ीक दर्शन करै गिरजा स्थान एला जतय सीता जी के नजैर राम पर और राम केर नजैर सीता जी पर पड़लनी त गिरजा पूजनक समय जगत-जननी जानकी जी के हाथ सँ पुष्प माला गिर गेलनि आ हैंस पड़लि। तुलसी कृत रामायण मे वर्णित चौपाई “खसत माल  मुड़त मुस्कानी”साक्षी अछि। अहि मिलनक उपरांत देवी सीता माँ गिरिजा केर पूजा अर्चना केलनि आ हुनका सँ आशीर्वाद लेलनि और माँ गिरिजा  माता सीता के श्री राम सँ विवाह हेबाक आशीर्वाद देलखिन। इ प्रमाण रामायण सँ मिलैत अछि।

इहो पढ़ब :-
कोना पहुंचब गिरिजास्थान :-
मधुबनी सँ बेनीपट्टी भ के हिसार-उमगांव होइत कलना जा सकैत छि या फेर मधुबनी सँ कलुआही होइत बासोपट्टी क बाद कलना गांव तक पहुंच सकैत छि। मधुबनी सँ कलना स्थान तक के लेल बस के सुबिधा उपलब्ध छै।