मंगलवार, 26 फ़रवरी 2019

अच्छा त ट्रिवागो के विज्ञापन मे देखाय बला लड़का मैथिल छी

जेखन भी अहाँ टीवी चालू करैत छी तहन एकटा ट्रिवागो के विज्ञापन जरूर देखने हैब। तहन अहाँ खुद सं पूछने हैब जे ट्रिवागो के विज्ञापन मे देखाय बला इ लड़का के छियै? जे कहै छै "क्या आपने कभी ऑनलाइन होटल सर्च किया है"। ट्रिवागो एकटा जर्मन मल्टी नेशनल कंपनी छै जे ५६ सं बेसी देश मे एकटा ऑनलाइन होटल सर्च इंजन प्रदान करैत छै। ट्रिवागो अपन विज्ञापन मे कुनो भी विख्यात मॉडल के नै लैत अछि। ताहिलेल, एकर सबटा मे ओहि लोग के देखायल जाइत छै जे आम और सामान्य देखैत होय। 

भारत मे ट्रिवागो के विज्ञापन मे देखाय बला आदमी के असली नाम अभिनव कुमार अछि।ओ मूलरूप सं लखीसराय जिला अंतर्गत आबय बला बढ़हिया नामक गांव सं सम्बन्ध राखैत छथि। हिनक पिता के नाम गौरांग प्रसाद सिंह छनि, जे एकटा किसान छथि। हिनक माता के नाम नीलम देवी छनि।

अहाँ के बता दि जे अभिनव कुमार के जन्म लखीसराय (बढ़हिया) मे भेलनि, मुदा ओ बहुते दिन देवघर मे बितेला, कियाकि की हिनक दादी देवघर मे रहैत छलनि। हिनक स्कूली शिक्षा नामकुम स्थित बिशप वेस्टकॉट स्कूल मे भेलनि। दशवी पास क ओ पुणे चली गेला और बारवी तक के पढाई मराठवाड़ा कॉलेज सं केलथि। स्नातक करबाक के दौराने ओ मास्टर्स  स्टडी लेल इटली के तरन्तो यूनिवर्सिटी मे आवेदन क देने छलथि। जेतय चयनित भेलाक बाद हुनका स्कोलरशिप सेहो भेटलनि। एखन ओ जर्मनी के डसेलडोर्फ शहर मे ट्रिवागो के कंट्री मैनेजर (भारत दिसन सं) के पद कार्यरत छथि।

trivago कंपनी के विज्ञापन पॉलिसी के तहत ओ कुनो नामी गिरामी मॉडल के बजाय फ्रेश चेहरा के मौका दैइत आबि रहल अछि। कंपनी के भारत मे अपन विज्ञापन लेल कुनो चेहरा के ताक छल, मुदा कंपनी के कुनो मॉडल पसंद नै आयल। फेर ओकर बाद trivago कंपनी  अभिनव कुमार के इ विज्ञापन करबाक सलाह देलक। 

जेकर बाद अभिनव अहि ऐड के केलनि। शुरू-शुरू  मे अभिनव कनि त हिचकिचेलनी मुदा फेर बाद मे ओ अहि चुनौती के स्वीकार करबाक लेल तैयार भ गेला। 

अभिनव के कतेको बेरा सोशल मीडिया पर ट्रोल सेहो कैल गेलनि। हिनका पर बहुते तरहक  चुटकुले बनल छनि।

शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019

पूर्णिया जिलाक इतिहास अहाँ नै जानैत हेबय

पूर्णिया शहर बिहारक महत्वपूर्ण शहर में सँ एक अछि। पूर्णिया जिलाक स्थापना 14 फरवरी 1772 मे अंग्रेज केने छल। सौरानदी के पूर्वी तट पर स्थित इ जिला 248 साल पुराना अछि। पूर्णिया जिलाक नाम पूरण देवी मंदिर सँ परल अछि और किछ लोग मानय छैथ जे पूर्णिया जिलाक नाम बेसी जंगल भेला सँ परल ऐछ।

पूर्णिया जिलाक 1990 मे बटवारा भेलाक बाद पूर्णिया अररिया किशनगंज और बाद मे बटवारा भेला के बाद स्वतंत्र जिला बनल। पुरनिया के उत्तर मे नेपाल दक्षिण मे गंगा नदी पछिम मे कोशी प्रमंडल और पूब मे पश्चिम बंगाल अछि। पूर्णिया मुख्य रूप सँ प्रसिद्ध अछि। मेडिकल हब और ऐतिहासिक मंदिर मस्जिद के लेल। लाइन बाजार जे चिकित्सा के लेल पूरा मिथिलांचल मे अलग पहचान बनने अछि। पूर्णिया मे प्रसिद्ध मंदिर पूरण देवी मंदिर सिटी मंदिर, पंचमुखी मंदिर इत्यादि ऐछ संगे संग लाइन बाजारक मस्जिद सीमांचल मे अपन अलग पहचान बनाबय अछि। अहि जिला मे ख्याति प्राप्त साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु केर जन्म भेल छलनी। फणीश्वर नाथ रेणु केर किताब पर कतेको फिल्म बनल छनि, तीसरी कसम हिनके उपन्यास पर बनल फिल्म अछि।
पूर्णिया जिला कला संस्कृति के लेल सेहो जानल जाइत अछि और पूर्णिये मे प्रसिद्ध अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के जन्म भेल छनि प्रसिद्ध अभिनेता गुरमीत चौधरी अपन पढ़ाई अहि जिला सं केने छलथि। पूर्णिया जिला के राजनीतिक इतिहास सेहो बिहार मे विषय बनाबैत रहैत अछि। इ जिला बिहार के एकटा मुख्यमंत्री देलक जिनकर नाम भोला पासवान शास्त्री छलनी जे बिहार के बेहतरीन मुख्यमंत्री मे सं एक छलाह। पुरनिया  विधानसभा स्पीकर सेहो देलक हिनकर नाम बी पी मंडल छलनी। 

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करीब ढाई सौ साल पुरान जिला पुरनिया ऐतिहासिक धरोहर सं परिपूर्ण अछि। इ  पुरनिया अपन समृद्धि संस्कृति विरासत और पुरातन लोक परंपरा के लेल विख्यात रहल अछि। महाभारत काल सं ल के स्वतंत्रता काल धरि बनैत-बिगरैत इतिहास मे पूर्णिया के महत्वपूर्ण योगदान रहल अछि। 
एकर नामकरण के ल क कतेको धारणा अछि। जाहिमे तीनटा तर्कसंगत मानल जाइत अछि।आयो पूर्णिया जिला के हरल-भरल वृक्ष सं घेरल भेनाइ, यैह बन'क कारण पूर्ण अरण्य सं बदलल गेल नाम पूर्णिया मानल जाइत अछि। दोसर धारणा इ अछि जे एतय पौराणिक काल मे पूर्ण वर्धन राजा छलथि जिनका नाम सं एकरा पुरनिया कहल जाई लागल छल तेसर मान्यता इ अछि जे एतय असंग ताल-तलैया मे पूरनक पत्ता छायल रहैत जाहिसँ अहि क्षेत्र के नाम पूर्णिया प्रचलन मे आबि गेल। ओना कतेको लोग माननाय अछि जे पूर्णिया के नाम पूरण देवी मंदिर के नाम पर पड़ल अछि। 

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ओना महाभारतकालीन मे इ क्षेत्र मत्स्य राजा विराट केर अधीन छल। पूर्णिया सं ६० किलोमीटर दूर किशनगंज मे ठाकुरगंज राजा विराट के राजधानी छल। सातवीं शताब्दी सं ल के ११ वीं शताब्दी धरि पाल वंशी एवं सेन वंशी बंग देश के राजा पूर्णिया पर शासन केलक।१२वीं शताब्दी मे बख्तियार खिलजी अहि क्षेत्र पर कब्जा केलक एतय सं मुस्लिम शासन के आरम्भ भेल।

गुरुवार, 21 फ़रवरी 2019

लाबा छीटऽ काल के गीत - मैथिली लोकगीत

बाबू लाबा छिड़िआउ - Maithili Lokgeet

बाबू लाबा छिड़िआउ, धीया बीछि-बीछि खाउ
बरक बाबी कनियांक बाबा संगहि सुताउ
बाबू लाबा छिड़िआउ, धीया बीछि-बीछि खाउ
बरक माय कनियांक बाबू संगहि सुताउ
बाबू लाबा छिड़िआउ, धीया बीछि-बीछि खाउ
बरक बहिनि कनियांक भइया संगहि सुताउ
दुनू घर गुजर चलाउ
बाबू लाबा छिड़िआउ, धीया बीछि-बीछि खाउ

बेदिया घुमि-घुमि लाबा छिड़िआबे हे - Maithili Lokgeet

बेदिया घुमि-घुमि लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया
रघुवर घुमि-घुमि देल हे महारानी सिया
आगू आगू दुलहिन लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया
रघुवर पाछू लागल जाइ हे महारानी सिया
सखि के वचन सुनि प्रेम संग ने लगबियौ हे महारानी सिया
पहिरा दिअनु प्रेमक मालहे महारानी सिया
वेदिया जे घुमि घुमि लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया
उठू उठू आहे सखि लाबा छिड़िआउ हे
दुलहा दुलहिनियां के मड़बा घुमाउ हे
आंचर- चदरिया मे गेठिया बन्हाउ हे
घूमि घूमि सखि सब मंगल गाउ हे
आगू आगू दुलहिन पाछू दुलहा कुमार हे
देखू आब सखि सब फूल बरिसाउ हे
सीता जी के हाथ शोभनि सिन्दुर के पुड़िया हे
छोड़ि देलनि सीया अपन - परार हे
कहथिन गाबि सखि गारि बरिआति हे
दुलहा के माय बहिन बहुत छिनारि हे

गुरुवार, 7 फ़रवरी 2019

उत्कृष्ट सांसद आ पद्म भूषण पुरस्कार सं सम्मानित हुकुमदेव नारायण यादव के जीवनी

ठेठ मैथिल मिजाज आ अंदाज मे अपन लाजवाब भाषण सं विरोधि के चित करबा मे बेजोड़ हुकुमदेव नारायण यादव के साल 2019 में पद्म भूषण पुरस्कार सं सम्मानित कैल गेल छलैन। वर्तमान मे मधुबनी सं सांसद छथि। पूर्व राज्यमंत्री रही चुकल हुकुमदेव फिलहाल त बीजेपी मे छथि, मुदा संघवाद और समाजवाद के एक संग जीबय बला नेता के तौर पर विशिष्ट पहचान राखय छथि। हिंनक भाषण सोशल मीडिया पर सेहो चरचाक विषय बनल रहय छनि।

हुकुमदेव नारायण यादव के 1 अगस्त 2019 के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हिनका उत्कृष्ट सांसद के अवार्ड सं सम्मानित केलकनि। 17 नवम्बर 1939 के हुकुमदेव नारायण यादव के जन्म दरभंगा के बिजुली गांव मे एकटा किसान परिवार मे भेलनि। पिता राजगीर यादव एकटा स्वत्रन्ता सेनानी छलथि। माता के नाउ चंपा देवी आ पत्नी के नाउसुदेश यादव छनि। 
हिनका दु टा लड़का और एकटा लड़की छनि। हुकुमदेव नारायण यादव अपन स्नातक राजनीतिक विज्ञान और अर्थशास्त्र मे ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी सं केने छथि। 

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हुकुमदेव नारायण यादव के झुकाव शुरूए सं समाज सेवा दिस छलनी। वर्ष 1950 मे हुकुमदेव नारायण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क मे एलाह आ करीब 10 वर्ष धरि संघ मे सक्रिय भूमिका निभेलथि। ताहि उपरांत वर्ष 1960 मे पहिल बेरा राजनीति मे डेग रखलैथ। ओ पहिल बेरा अपन गांव बिजुली पंचायत के ग्राम प्रधान लेल चुनल गेल छलथि।
वर्ष 1977 मे पहिल बेर भारत के छठम लोकसभा के सदस्य बनलैथ। अहि बीच ओ जनता पार्टी के सदस्य छलैथ । वर्ष 1980 में लोक दल दिस सं राज्यसभा सांसद बनलैथ। एकर उपरांत आन आ कतेको दायित्व के निर्वहन करैत वर्ष 1993 मे भारतीय जनता पार्टी सं जुरलैथ । संगे किसान मोर्चा के दु बेरा अध्यक्ष सेहो रैह चुकल छथि, और भाजपा के बिहार उपाध्यक्ष के पद पर सेहो काज केने छथि।  

एहो पढ़ब:-

साल 1980 मे एकटा किताब लिखने छलथि जेकर नाउ “गाँव की कहानी” अछि। हुनक “किसान की बात” और “संसद में गाँव” एहन विषय पर लेख कतेको पत्र- पत्रिका मे प्रकाशित कैल गेल अछि।