फूल लोढ़य गेली गौरी - Maithili Lokgeet
फूल लोढ़य गेली गौरी माली फुलबारीदस-पाँच सखि गौरी लेल संग साथी
बसहा चढ़ल आबय शंकर भिखारी
ककर अलारी, ककर दुलारी
ककरा हुकुमे अयली फुलबारी
भैया के अलारी गौरी, बाबा के दुलारी
अम्मा के हुकुमे गोरी, अयली फुलबारी
एक खोंइछा लोढ़ल गौरी, अयली फुलबारी
एक खोंइछा लोढ़ल गौरी, दुइ खोंइछा लोढ़ल
तेसर लोढ़इते गौरी गेली रिसिआइ
कि शिव फुल देलनि छिड़िआइ
कनइते खिजइते गौरी अम्मा आगू ठाढ़ भेली
के तोरा मारल, के पढ़ल गारि
के तोरा आहे गौरी देल फूल छिड़िआय
हमरो मुख अम्मा कहलो ने जाइ
के छिड़िआओल फूल, कहितो लजाइ
बसहा चढ़ल एक आयल भिखारी
बएह बुढ़ा बाजल-भूखल, कयल झिकझोर
लोढ़ल फूल सेहो अम्मा, देल छिड़िआइ
सीता के संग सहेलिया
केओ आगाँ चले केओ पाछा चले - 2
चले बीचहिमे जनक दुलरिया
केओ बेली लोढ़य केओ चमेली लोढ़य - 2
केओ लोढ़य अड़हूल केर कलिया
केओ गौरी पूजय केओ गिरिजा पूजय - 2
केओ पूजय जनक जी के बगीया
सीता के संग सहेलिया
दस सखि आगू चलय, दस सखि पाछू चलय
बीचमे सिया सुकुमारी, जनक जी के बागमे
बाटेमे भेटि गेला फल्लां दुलरुआ
धय लेल अंगुरी के पोर, जनक जी के बागमे
जँ तोहें आहे सिया, वारि कुमारि
चलहु हमरहुँ संग, जनक जी के बागमे
पिता के नगरिया सिया, जनक दुअरिया हे
हाथकऽ लेली फूलक डाली, सिन्दूर केर पुड़िया हे
गौरी पूजन चलली सीता, पिता के नगरिया हे
हाथ कऽ लेली मधुर खांड़, लाल अड़हुल केर कलिया
बेलपत्र सभ तोड़थि सखिया, अपने अड़हूल कलिया
गौरी पूजन चलली सीता, पिता के नगरिया हे
देखैत गेन्दा बड़ लाल
किनकर बाड़ी बेली चमेली - 2
किनकर बाड़ी गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
शिवजी के बड़ी बेली चमेली - 2
गौरी केर बाड़ी गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
कथीए लोढ़ब बेली चमेली - 2
कथीए लोढ़ब गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
आँचरमे लोढ़ब बेली चमेली - 2
फांगड़मे लोढ़ब गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
किनका चढ़ायब बेली चमेली - 2
किनका चढ़ायब गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
शिवकेँ चढ़ायब बेली चमेली - 2
गौरी चढ़एबनि गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
किनकासँ मांगब अनधन लछमी - 2
किनकासँ माँगब सोहाग के मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
शिवजीसँ माँगब अनधन लछमी - 2
गौरीसँ माँगब सोहाग गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
देखैत गेन्दा बड़ लाल के मलिनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
हे अहाँ पूजू गौरी
कहथि सीता दाइ सुनू हे सुनयना
किये लए गौरी हम पूजब
से अहाँ कहिए दीअ ना
जल लीअ फूल लीअ और बेलपत्र लीअ
लाल कमल लीअ हाथ यो
से अहाँ पूजू गौरी
धूप लीअ दीप लीअ और नैवेद लीअ
लाल सिन्दूर लीअ हाथ
हे अहाँ पूजू गौरी
कहथि सीता दाइ सुनू हे सुनयना
किये हम गौरीसँ माँगब
से अहाँ कहिए दीअ ना
सासु ससुर माँगब वीर देओर माँगब
कन्त माँगब श्रीराम
हे अहाँ पूजू गौरी
हे सुकुमारी सिया
पूजि पूजि मांगू अहिबात
हे सुकुमारी सिया
एक हाथ लीअ सीता फूल केर डलिया
हे सुकुमारी सिया
दोसर हाथे गौरी पूजू आजु
हे सुकुमारी सिया
जाहि लए सभ दिन जप-तप कयलौं
हे सुकुमारी सिया
सेहो वर भेटला भगवान
हे सुकुमारी सिया
गौरी पूजि लीअ जनक भवनमे
हे सुकुमारी सिया
पूजि पूजि मांगू अहिबात
हे सुकुमारी सिया
वर मांगल हे
आहे ऋषि जनक सन बाप
कि माय सुनयना रानी हे
तेसर पहर गौरी पूजल
इहो बर मांगल हे
मांगल रामचन्द्र सन कन्त
देओर बाबू लछुमन हे
चारिम पहर गौरी पूजल
इहो वर मांगल हे
मांगल जनकपुर नैहर
कि सासुर अयोध्या सन हे
पांचम पहर गौरी पूजल
इहो वर मांगल हे
मांगल लव-कुश सन पुत्र
कि सेवक श्री हनुमान हे
ककरा हुकुमे अयली फुलबारी
भैया के अलारी गौरी, बाबा के दुलारी
अम्मा के हुकुमे गोरी, अयली फुलबारी
एक खोंइछा लोढ़ल गौरी, अयली फुलबारी
एक खोंइछा लोढ़ल गौरी, दुइ खोंइछा लोढ़ल
तेसर लोढ़इते गौरी गेली रिसिआइ
कि शिव फुल देलनि छिड़िआइ
कनइते खिजइते गौरी अम्मा आगू ठाढ़ भेली
के तोरा मारल, के पढ़ल गारि
के तोरा आहे गौरी देल फूल छिड़िआय
हमरो मुख अम्मा कहलो ने जाइ
के छिड़िआओल फूल, कहितो लजाइ
बसहा चढ़ल एक आयल भिखारी
बएह बुढ़ा बाजल-भूखल, कयल झिकझोर
लोढ़ल फूल सेहो अम्मा, देल छिड़िआइ
फूल लोढ़न चलू फुलबरिया - Maithili Lokgeet
सखी फूल लोढ़न चलू फुलबरियासीता के संग सहेलिया
सखी फूल लोढ़न चलू फुलबरिया
सीता के संग सहेलिया
सीता के संग सहेलिया
केओ आगाँ चले केओ पाछा चले - 2
चले बीचहिमे जनक दुलरिया
सीता के संग सहेलिया...
केओ बेली लोढ़य केओ चमेली लोढ़य - 2
केओ लोढ़य अड़हूल केर कलिया
सीता के संग सहेलिया...
केओ गौरी पूजय केओ गिरिजा पूजय - 2
केओ पूजय जनक जी के बगीया
सीता के संग सहेलिया
सखी फूल लोढ़न चलू फुलबरिया
सीता के संग सहेलिया
सीता के संग सहेलिया
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चलू सखि गौरी पूजन - Maithili Lokgeet
चलू सखि गौरी पूजन, जनक जी के बागमेदस सखि आगू चलय, दस सखि पाछू चलय
बीचमे सिया सुकुमारी, जनक जी के बागमे
बाटेमे भेटि गेला फल्लां दुलरुआ
धय लेल अंगुरी के पोर, जनक जी के बागमे
जँ तोहें आहे सिया, वारि कुमारि
चलहु हमरहुँ संग, जनक जी के बागमे
गौरी पूजन चलली सीता - Maithili Lokgeet
गौरी पूजन चलली सीता, पिता के नगरिया हेपिता के नगरिया सिया, जनक दुअरिया हे
हाथकऽ लेली फूलक डाली, सिन्दूर केर पुड़िया हे
गौरी पूजन चलली सीता, पिता के नगरिया हे
हाथ कऽ लेली मधुर खांड़, लाल अड़हुल केर कलिया
गौरी पूजन चलली सीता, पिता के नगरिया हे
बेलपत्र सभ तोड़थि सखिया, अपने अड़हूल कलिया
गौरी पूजन चलली सीता, पिता के नगरिया हे
देखैत गेन्दा बड़ लाल गे मलीनियां - Maithili Lokgeet
देखैत गेन्दा बड़ लाल गे मलीनियांदेखैत गेन्दा बड़ लाल
किनकर बाड़ी बेली चमेली - 2
किनकर बाड़ी गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
शिवजी के बड़ी बेली चमेली - 2
गौरी केर बाड़ी गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
कथीए लोढ़ब बेली चमेली - 2
कथीए लोढ़ब गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
आँचरमे लोढ़ब बेली चमेली - 2
फांगड़मे लोढ़ब गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
किनका चढ़ायब बेली चमेली - 2
किनका चढ़ायब गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
शिवकेँ चढ़ायब बेली चमेली - 2
गौरी चढ़एबनि गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
किनकासँ मांगब अनधन लछमी - 2
किनकासँ माँगब सोहाग के मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
शिवजीसँ माँगब अनधन लछमी - 2
गौरीसँ माँगब सोहाग गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
देखैत गेन्दा बड़ लाल के मलिनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
सीता दाइ दुलारी प्रेम के प्यारी - Maithili Lokgeet
सीता दाइ दुलारी प्रेम के प्यारीहे अहाँ पूजू गौरी
कहथि सीता दाइ सुनू हे सुनयना
किये लए गौरी हम पूजब
से अहाँ कहिए दीअ ना
जल लीअ फूल लीअ और बेलपत्र लीअ
लाल कमल लीअ हाथ यो
से अहाँ पूजू गौरी
धूप लीअ दीप लीअ और नैवेद लीअ
लाल सिन्दूर लीअ हाथ
हे अहाँ पूजू गौरी
कहथि सीता दाइ सुनू हे सुनयना
किये हम गौरीसँ माँगब
से अहाँ कहिए दीअ ना
सासु ससुर माँगब वीर देओर माँगब
कन्त माँगब श्रीराम
हे अहाँ पूजू गौरी
गौरी पूजि लीअ जनक भवनमे - Maithili Lokgeet
गौरी पूजि लीअ जनक भवनमेहे सुकुमारी सिया
पूजि पूजि मांगू अहिबात
हे सुकुमारी सिया
एक हाथ लीअ सीता फूल केर डलिया
हे सुकुमारी सिया
दोसर हाथे गौरी पूजू आजु
हे सुकुमारी सिया
जाहि लए सभ दिन जप-तप कयलौं
हे सुकुमारी सिया
सेहो वर भेटला भगवान
हे सुकुमारी सिया
गौरी पूजि लीअ जनक भवनमे
हे सुकुमारी सिया
पूजि पूजि मांगू अहिबात
हे सुकुमारी सिया
पहिल पहर गौरी पूजल - Maithili Lokgeet
पहिल पहर गौरी पूजलवर मांगल हे
आहे ऋषि जनक सन बाप
कि माय सुनयना रानी हे
दोसर पहर गौरी पूजल
इहो वर मांगल हे
आहे मांगल दशरथ सन ससूर
कि सासु कौशिल्या रानी हे
इहो वर मांगल हे
आहे मांगल दशरथ सन ससूर
कि सासु कौशिल्या रानी हे
तेसर पहर गौरी पूजल
इहो बर मांगल हे
मांगल रामचन्द्र सन कन्त
देओर बाबू लछुमन हे
चारिम पहर गौरी पूजल
इहो वर मांगल हे
मांगल जनकपुर नैहर
कि सासुर अयोध्या सन हे
पांचम पहर गौरी पूजल
इहो वर मांगल हे
मांगल लव-कुश सन पुत्र
कि सेवक श्री हनुमान हे
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