शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

ओल के चोखा (चटनी) विधि - Jimikand ke Chutney

मिथिला मे ओल (Elephant foot yam) एकटा सुलभता सँ भेटय बला सब्जी अछि। इ मैथिल घर मे एकटा प्रायः बनय बला चोखा (चटनी) अछि।

सामग्री
१/२ ओल
१/२ छोटका चम्मच हरैद
२-३ हरीयर मिरचाय
१/४ छोटाका चम्मच नून
१/४ करु (सरसो) क तेल
१/२ छोटाका चम्मच पिसल गोट (सरसो क पेस्ट)
१ निबू क रस (जमीरी निबू)

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बनेबाक विधि
ओल क हरैद आ नून द के उसैन लिअ। हरीयर मिरचाय और पिसलाहा गोट (सरसो पेस्ट) बना लिअ। अहिमे उसनल गेल ओल क मसैल क नून निबू क रस, करु क तेल द क नीक जंका मिला लिअ। आब एकरा सोहारी या अब भात संगे परोसु। 

मंगलवार, 27 अगस्त 2019

जुट्टी खोलबऽ काल के गीत - मैथिली लोकगीत

दुलहा बदन ने छुबियौ - LYRICS
दुलहा बदन ने छुबियौ खोलियौ जुट्टीया
जौं अहाँ हैब एक बापक बेटा
एके हाथे खोलबै सिया के जुट्टिया
जौं अहाँ हेबै एक बापक बेटा
एक हाथे बन्हबै सिया के जुट्टिया
दुलहा बदन ने छुबियौ खोलियौ जुट्टिया


सोमवार, 26 अगस्त 2019

साल 2019-2020 मे मुण्डनक, उपनयन, विवाह और द्विरागमन के शुभ दिन

मिथिला धरोहर
मुण्डनक दिन :-
२०१९ ई० मे नवम्बर - २८ |
२०२० ई० मे जनवरी - २७, ३१ |
फरवरी - ५, ७, २८ |
मार्च - २, ५, ६, ११, १२ |
अप्रैल - २७, २९, ३० |
मई - २५, २७ |
जून - १, ३, १०, २४ |

उपनयनक दिन :-
२०२० ई० मे जनवरी - २७, २९, ३० |
फरवरी - ४ (छ०), ५, २६, २८ |
मार्च - ४, ५ (क्ष०वै०), ६|
अप्रैल - २७, २८ |
मई - ३ |

विवाहक दिन :-
२०१९ ई० मे नवम्बर - २०, २२, २४, २७, २८, २९ |
दिसम्बर - १, २, ३, ६, ११, १२ |
२०२० ई० मे जनवरी - १७, १९, २०, २२, २४, २६, २९, ३०, ३१ |
फरवरी - ३, ४, ९, १०, १६, १९, २०, २१, २६, २७, २८ |
मार्च - १, २, ८, ११, १७ |
अप्रैल - १५, १६, १७, २०, २३, २६ |
मई - ३, ४, ६, ७, १०, १७, १८, २०, २२ |
जून - ७, १०, ११, १७ |

द्विरागमनक दिन :-
२०१९ ई० मे नवम्बर - २७, २८, २९ |
दिसम्बर - १, २, ६, ८, ११, १२ |
२०२० ई० मे फरवरी - २४, २७, २८ |
मार्च - १, २, ५, ६, ११, १२ |
अप्रैल - २६, २७, २९, ३० |
मई - ३, ४, ६, ७, ८, १० |

काल : अग्रहण सँ माघ - पूब, फाल्गुन सँ बैशाख - दक्षिण ।
ज्येष्ठ सँ श्रावण - पश्चिम,  भादव सँ कार्तिक - उत्तर ।

गुरुवार, 8 अगस्त 2019

आखिर मिथिला के एकटा स्त्री सँ किया पराजित भ गेलथि आदि शंकराचार्य

भारतीय धर्म-दर्शन के सबसं ऊंच स्थान पर पहुंचेनिहार आदि शंकराचार्य एकटा सामान्य मुदा बुद्धिमान स्त्री सं बहस मे हारी गेल छलथि। ओ स्त्री मिथिला के छलिथि, हुनकर नाउ छलनी भारती। भारती केर पति मंडन मिश्र मिथिलांचल मे कोसी नदी कात स्थित गांव महिषि मे रहै छलथि। तहन धर्म-दर्शन के क्षेत्र मे शंकराचार्य के ख्याति दूर-दूर तक छलनी। कहल जाइत अछि जे ओहि वक्त एहन कुनो ज्ञानी नै छलाह, जे शंकराचार्य सं धर्म आ दर्शन पर शास्त्रार्थ क सकै। शंकराचार्य देशभरी के साधु-संत आ विद्वान सं शास्त्रार्थ करैत मंडन मिश्र के गांव धरि पहुंचल छलथि। एतय 42 दिन धरि लगातार भेल शास्त्रार्थ मे शंकराचार्य ओना मंडन के पराजित क त देलनि, मुदा हुनक पत्नी के एगो सबालक जवाब नै द पेलथी आ अपन हैर मानी लेलथि। 

मंडन मिश्र गृहस्थ आश्रम मे रहै बला विद्वान छलथि। हुनक पत्नी सेहो विदुषी छलनी। अहि  दंपती केर घर पहुंच शंकराचार्य मंडन मिश्र सं शास्त्रार्थ करबाक प्रस्ताव रखलनी। आ शर्त रखलथि जे हारत, ओ जीतै बला के शिष्य बनी जायत। आब सबाल खरा भेल जे दु विद्वान के बीच शास्त्रार्थ मे हाइर-जीत के फैसला के करत। शंकराचार्य के पता छलनी जे मंडन मिश्र के पत्नी भारती विद्वान छथि। ओ हुनके निर्णायक के भूमिका निभेबा के कहलनि।
शंकराचार्य केर कहल अनुसार भारती दुनू गेटे के बीच होय बला शास्त्रार्थ के निर्णायक बैन गेली। मंडन और शंकराचार्य केर बीच 21 दिन धरि शास्त्रार्थ होइत रहल। आखिर मे शंकराचार्य के एकटा सबालक जबाब नै द पेलथी आ हुनका हारय परलनी। निर्णायक के हैसियत सं भारती कहलनि जे हुनक पति हाइर गेलथि। आब अहाँ शंकराचार्य के शिष्य बैन जाऊ आ संन्यास के दीक्षा लिअ। मुदा भारती शंकराचार्य सं इहो कहलनि जे हम हुनक पत्नी छि। एखन मिश्रजी के अदहे हाइर भेलनि हन। हमरे हाइरक संगे हिनकर पूरा हाइर हेतनि। अते कहैत भारती शंकराचार्य के शास्त्रार्थ के चुनौती देलनी।

शंकराचार्य आ भारती बीच सेहो कतेको दिन धरि शास्त्रार्थ होइत रहल। एकटा महिला हेबाक बावजूद ओ शंकराचार्य के सब सबाल के जवाब देलथि। ओ ज्ञान के मामला मे शंकराचार्य सं बिल्कुल कम नै छलथि, मुदा 21मा दिन भारती के इ लागय लगलनि जे आब ओ शंकराचार्य सं हाइर जेती। 21मा दिन भारती एकटा एहन सबाल क देलनी जेकर व्यावहारिक ज्ञान के बिना देल गेल शंकराचार्य के जबाब अधूरा बुझल जायत।
भारती शंकराचार्य सं पूछलथि - काम की अछि? एकर प्रक्रिया की अछि और अहिसे संतान के उत्पत्ति केना होइत अछि ? आदि शंकराचार्य तुरंते सबालक गहराई बुइझ गेलथी। शंकराचार्य ओहि वक्त एकर जवाब देबाक स्थिति मे नै छलथि, कियाकि ओ ब्रह्मचारी छलथि और यौन जीवन के हुनका कुनो अनुभव नै छलनी। पढ़ल-सुनल बातक आधार पर जवाब दैतैथ त ओकरा मानल नै जा सकैत छल। एहन स्थिति मे ओहि छन हाइर मानी लेलथि, मुदा भारती सं जवाब लेल छ मासक समय मांगलथी। शंकराचार्य अहि हाइर के बाद ओतय सं चैल गेलथि। कहल जाइत अछि जे अहि सबालक  जवाब जानबाक लेल शंकराचार्य योग'क जरिए शरीर त्याग क एकटा मृत राजा के देह क धारण केलनि। राजा के शरीर मे प्रविष्ट भ के हुनक पत्नी संग कतेको दिन धरि संभोग करबाक उपरांत ओ  भारती के सवालक जवाब ढूंढलथी, ताहि उश्चत ओ फेर भारती सँ शास्त्रार्थ क हुनक सवाल के जवाब देलथि और हुनका पराजित केलनि। एकर बाद मंडन मिश्र हिनकर शिष्य भ गेलथि।


बुधवार, 7 अगस्त 2019

बेलपत्र तोरबा काल के गीत - मैथिली लोकगीत

हरिअर हरिअर बेल केर पात हे - Maithili Lokgeet

हरिअर हरिअर बेल केर पात हे सखि कोबर घर मे
रघुवर तोड़थि बेलपात हे सखि कोबर घर मे
सोनाक साजी सिया हाथ कय लेलनि हे सखि कोबर घर मे
दुलहा तोड़थि बेलपात हे सखि कोबर घर मे
बेलपात तोड़थि दुलहा दुलहिन भवन मे हे सखी कोबर घर मे
बैसलि छथि सुकुमारि हे सखि कोबर घर मे
गिरिजा पूजथि सीया सुमंगल गाउ हे सखि कोबर घर मे
मांगल मंगल वरदान हे सखि कोबर घर मे

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रविवार, 4 अगस्त 2019

आवश्यक व्यावहारिक मंत्र : चौठचन्द्र, दूर्वाक्षत, उल्का भ्रमण, अगस्त्यार्घदान, देवोत्थान, यज्ञोपवीत






अनन्त भगवान्‌ पूजन मन्त्र

देवोत्थान (देवउठाउन एकादशी पूजन मन्त्र)




● अगस्त्यार्घदान:-
कुम्भयोनिसमुत्पन्न मुनीना मुनिसत्तम्‌।
उदयन्ते लंकाद्वारे अर्घोऽयंप्रतिगृह्यताम्‌॥
शंख पुष्पं फलं, तोयं रत्नानि विविधानि च।
उदयन्ते लंकाद्वारे अर्घोऽयंप्रतिगृह्यताम्‌॥

● अगस्त्य-प्रार्थना:-
आतापि भक्षितो येन वातापि च महाबलः।
समुद्र शोषितो ये न स मेऽगस्त्य प्रसीदत्‌॥

उल्का भ्रमण:-
शास्त्राशस्त्रहतानांच भूतानांभूत दर्शयोः।
उज्ज्वल ज्योतिषा देहं निदहेव्योमवह्निना॥
अग्निदग्धाश्च ये जीवा येऽप्यदग्धाः कुले मम।
उज्ज्वलज्योतिषा दग्धास्ते यान्तु परमाङ्गतिम्‌॥
यमलोकं परित्यज्य आगता महालये।
उज्ज्वलज्योतिषा वत्मं पश्यन्तो व्रजन्तुते॥