मिथिला, देवी- देवताक लेल सभ सँ प्रिय स्थान रहल अछि। दरभंगा जिला के मनीगाछी प्रखंड के बङका गाम उजान के लालपुरक कलमगाछी मे माँ छिन्नमस्तिका देवी श्मशानघाट पर अवस्थित छैथि। ( Chinnamastika Bhagwati Sathan, Manigachhi, Yhan ) ई स्थान आई सँ सौ साल पहिले एतेक घनगर आ भयंकर जंगल रहय जे आदमी एहिठाम दिन में जेवा सँ डरैत छल। एहि ठाम लोक मात्र गामक कोनो सदस्य के मृत्यु के बाद ओकर दाह संस्कार के लेल अवैत छल अथवा गामक चरवाह सभ अपन माल जाल ल क झुण्ड बान्हि कऽ अवैत छल।
एहि ठाम केर दृश्य एतेक भयावह छल जे बारह बजे दुपहरिया में लगैत छलैक जेना एहिठाम चारू कात भूत प्रेत पिशाच सभ नाचि रहल अछि। एक दिन एकटा चरवाह देखलकै जे ओकर गाय एक स्थान पर बहुत काल धरि ठाढ़ रहैक ओकरा संदेह भेलैक त लग जा क देखलकै त ओकरा अपन आँखि पर विश्वास नहि भ रहल छलैक। ओ देखलकै जे गाय के थऽन सँ दूधक धार निकलि रहल छलैक आ सभटा नीचाँ खसि रहल छलैक। ओ अपन सभ संगी के बजाओलक आ बात ग्रामीण सभ के कान में गेलैन्ह। ग्रामीण सभ आवि क ओहि स्थान पर खद्धा कोरय लगलाह त देखैत छैथि जे ओहि में सँ छिन्नमस्तिका केर मूर्ति बाहर निकलल। ई दृश्य देखि ग्रामीण अति रोमांचित भ गेलाह आ ओहि ठाम सँ जंगल झार के काटि क साफ कएलन्हि। कहल जाइत अछि जे ओहि ठाम केर एकटा गाछ के उखारवाक समय ओहि गाछक जैइर सँ अत्यधिक मात्रा में सोना चांदी हीरा जवाहरात सभ निकलय लागल। ग्रामीण लोकनि डरि गेलाह आ एहि घटनाक सूचना दरभंगा राज के देल गेलैक। ई बात समूचा क्षेत्र में आगि जकाँ पसरि गेलैक। हजारों के संख्या मे श्रद्धालु लोकनि एहि स्थान पर पहुँचय लगलाह। सोना चांदी हीरा जवाहरात सभ दरभंगा राज सँ आयल सिपाही अपना संग ल गेलाह आ एमहर ग्रामीण लोकनि ढोल बाजा पिपही सभ बजा कऽ मैया के गुणगान करय लगलाह। पूरा स्थान मेला केर रूप ल लेने छल। ग्रामीण सभ केर इच्छा भेलैन्ह जे एहि ठाम माता केर एकटा भव्य मंदिर बनाओल जाए मुदा राति में माता एकटा सुहृदय बला ग्रामीण के स्वप्न देलखिन्ह जे हमरा मन्दिर नहि चाही। हम ओहिना ठीक छी। ओ स्थान एतेक सिद्ध आ पवित्र अछि जे आइधरि माँ एहिठाम बिना मन्दिर के नीम केर गाछक तऽर में प्रतिष्ठित छैथि। एहि नीमक गाछ केर बिशेषता छैक जे एहि गाछ में कहियो पतझड़ नहिं लगैत छैक। सभ दिन गाछ हरियर कंच रहैत छैक।
एतय दुर्गा पूजा खूब धूमधाम सँ मनाओल जाइत अछि। ओहि ठामक ग्रामीण लोकनि स्पष्ट कयलाह जे पूजा में जेनेरेटर माता केर जेनरेटर माँ सौं पश्चिम दिशा में नै लगेल जै छैक जौं लगेलगेल त खराब भय जाई छैक आ एहि नीमक गाछ में जौ बौल टांगल जाई छैक त बौल नै जरै छैक।एखनो ई जगह रात्री में विरान भय जाई छैक। किम्बदन्ती छै जाहि स्त्री के संतान नै होई छैन जौं अहिठाम आवि शुद्ध आ विकल हृदय सौं देवी माँ सौं याचना करै छथि त अवश्य हुनक कोईख भैर जाई छनि।कोनो तरहक मनोरथ अहि जगह एला सौं सिद्ध होई छै।सूदूर दूर सौं भक्तगण माँ के दर्शनक लेल सदिखन अबिते रहैत छथि।
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