मिथिला धरोहर, दिल्ली : पुरनका कहावत छै 'होनहार बिरवान के होइत चिकने पात', बेनीपट्टी प्रखंड के उड़ेन, बनकट्टा निवासी मैथिली ठाकुर पर एकदम सटीक बैठय अछि। बचपन मे जेखन लोग अ, आ और क, ख रटैत रहैत छलै तखन मैथिली सुर'क राग गुनगुनाबैत रहैत छलि। लग-पासक नमहर बुजुर्ग तखन बुच्ची मैथिली सँ भजनक चंद बोल सुनबाके लेल रोजाना जुटैत छला। तखन लोग इ कैह के मैथिली के माता-पिता के हिम्मत बढ़ाबै छला जे एक दिन इ नमहर भ के संगीतक दुनिया मे अपन नाम कमेति। आय लोग के इ बात सोलह अना सच साबित भ रहल अछि। आय मैथिली संगीतक दुनिया मे एकटा उगैत सितारा छथि।
मैथिली के नाम तखन पहिल बेरा सुर्खि मे आयल छल, जखन जी टीवी पर संगीत आधारित रियलिटी शो लिटिल चैम्प मे ओ गाना गेली। ओहि समय मैथिली के उम्र महज दस वर्ष छल। ओहि समय अपन सुर आ मधुर अवाज सँ ओ देश के शीर्ष 30 बाल गायक मे अपन जगह बनेलनि। ताहि उपरांत मैथिली कहिओ पाछु घुइम के नै देखलनि। शिक्षा निदेशालय के दिस सँ जोनल स्तर पर आयोजित होय वला प्रतियोगिता मे ओ पांच बेर सर्वश्रेष्ठ स्थान पर चुनल गेली। हरियाणा मे आयोजित युवा महोत्सव मे ओ देशभैर के क्लासिकल गायक मे शीर्ष तेसर स्थान पर अपन जगह बनेलनि। इंडियन आइडल मे सेहो हिनक प्रदर्शनक सबके सराहना भेटल और शीर्ष 20 मे अपना के स्थापित केलनि। एखन मैथिली रियलिटी शो राइजिंग स्टार मे टॉप 6 मे अपन जगह बना के फाइनलिस्ट बैन चुकल छथि।
भोरे तीन बजे शुरू होइत अछि दिनचर्या
मैथिली अब 12वीं के छात्रा छथि ओ द्वारका के बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल मे पैढ़ रहल छथि। स्कूल जाय सँ पहिले लगभग तीन घंटा के रियाज रोजाना कैल जाइत अछि। अहि तरहे स्कूल सँ एबाक बाद शांझ के समय सेहो रोजाना तीन सँ चाइर घंटा के रियाज जरूरी अछि। मैथिली के मां हिनक खानपान के पूरा ध्यान राखय छथि। मैथिली कहय छथि जे संगीत साधना अछि। मैथिली के संगीतक ज्ञान किओ और नै बल्कि हिनक पिता रमेश ठाकुर दै छथि। रमेश कहय छथि जे हुनका अपन बेटी पर गुमान अछि।
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