मधुबनी जिलाक बाबूबरही प्रखंड केर बेला दउरा में, मुन्नी बाबाक स्थान अवस्थित अछि। मुनिनाथ बाबा बेला गामक अंत चौड़ी में घनघोर जंगल में एकटा बृक्ष जाहि में अनेको रंगक पात अछि , ओहि बृक्ष सँ प्रकट भेलाह ई मानल जाएत अछि। करीब १०० वर्ष पहिले के बात अछि। गामक चरवाहा सब ओहि जंगल में अपन -अपन गाय चराबैत छल, एक दिन अचानक ग्वाला सभक नजर एकटा पाथर (पत्थर) पर पड़ल। ओहि पाथर केँ उठा कऽ अपन उपयोग के लेल लऽ कऽ अपन घर चलि आयल। नीक आ मजबूत पाथर देख अपन हांसू, कोदारि, खुरपी, कुरहैर आदि सब केँ रेतकय धारदार बनेबा में नीक रहत ई सोचि ओ अपन दैनिक काज में उपयोग करय लागल। बाबा मुनिनाथ ओहि चरवाहा केँ रात्रि में स्वप्न देलखिन जे ओह पत्थर तू जतअ सँ अनलें ओतहि राख़ि आ, मुदा ओह ओहि बात के कोनो कान-बात नै देलक। ओहि पत्थर केर उपयोग नियमित रुपें करय लागल।
किछ दिन उपरांत ओकर परिवार में एहि अवमाननाक असर होबय लगलैक। ओकर माल-जाल एक-एक कऽ बीमार भऽ भऽ मरऽ लगलैक मुदा तईयो ओह कोनो कान बात नै देलकैक। मुदा जखन पारिवारिक सदस्य पर चपेटक मामला आबि गेल, ओकर एकटा बेटा बीमार भऽ दुनिया छोड़ि देलकैक तेकर पश्चात ओह पूजा पाठ कय पत्थर केँ स्थापना मुनीबाबा के प्रांगण में कऽ देलकैक। तेकर बाद फेर ओकर परिवार सही पटरी पर लौटि गेलैक।
ओहि दिनक बाद एक दोसर घटनाक्रम मे शिवरात्रि केर दिन एकटा बच्चा एहि स्थान सँ खेलधूप वास्ते एकटा घंटी लय लेलक। मुदा हुनकर सीमा ख़त्म भेलाक बाद ओकर पेट मे दर्द शुरू भऽ गेलैक। ताहिक बाद ओकर माता-पिता ओकरा लऽ कऽ ऐलाह बाबा केर दरबार और हुनका सऽ क्षमा मंगलैन, कोबलाह केलक आर फेर हुनका लोकनिक ओ बच्चा फेर स नीक जेकाँ रहय लागल। एहेन-एहेन कतेको रास सत्य किंवदन्ति आ सत्य गाथा पैघ बुजुर्ग सभक मुँहपर मुन्नी बाबाक विषय मे रहैत अछि।
श्रद्धालू भक्त लोकनि केर आस्था एहि स्थान पर एतेक बढि गेल अछि जेकर शब्द मे चर्चा करब थोड़ होयत।और आब त नै जानि कते घंटी, सोन, चांदीक नाग टाँगल अछि ओहि बृक्ष पर, आयल दिन भक्ति और भजन सँ प्रसन्न करबाक भक्त सभक प्रयास रहैत छैन, स्वयं बाबा अपन भक्त सब केर दुःख दूर कय दैत छथिन। आब त मधुबनी जिलाक अलावे सीमा सँ सटल मित्रदेश नेपाल केर भक्त सब हमेशा आबैत रहैत छैथ और एतय सदिखन कोनो नो कोनो धार्मिक अनुष्ठान यथा नवाह, कीर्तन, अष्टजाम, एवं तरह -तरह के मनोकामना पूर्ण भेलाक बाद भक्त द्वारा यज्ञादि कर्म कराओल जाएत रहैत अछि।
मानल बात छैक जे पाठक लोकनि ई समाचार पढिते बाबा मुनिनाथ केर दर्शन हेतु व्याकुल भऽ गेल होयब । आउ और हुनकर दर्शन करू परिवार सँगे, अहाँक सेहो कल्याण होयत।
28वाँ महाशिवरात्रि उत्सव केर शुभअवसर पर आयोजित कुश्ती प्रतियोगिताक 2018 आयोजन भेल छल । जाहिमे भारतक बहुतो राज्य समेत नेपाल सँ पहलवान सब सामिल भेल । गौरवान्वित अछि जे ई स्थान मधुबनी जिले के बहुतो चर्चित धार्मिक स्थल सब में एक अछि ।जतअ प्रत्येक वर्ष लाखों के संख्या मे श्रद्धालुगण आहि उत्सव में भाग लैत छैथ।
साभार : मिहिर कुमार झा "बेला"
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