शुक्रवार, 20 अक्तूबर 2023

मैथिली भगवती लोकगीत लिरिक्स - Maithili Bhagwati Geet Lyrics

मैथिली देवी गीत लिरिक्स - दुर्गा माँ के मैथिली गीत Maithili Devi Geet Lyrics - Maithili Kali Geet Lyrics


सभकेर सुधि अहाँ लै छी लिरिक्स

सभहक सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे, 
हमरा किए बिसरै छी हे 
सभहक सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे, 
हमरा किए बिसरै छी हे 
हमरा किए बिसरै छी हे अम्बे, 
हमरा किए बिसरै छी हे
सभहक सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे, 
हमरा किए बिसरै छी हे 

थिकहुँ पुत्र अहींकेर जननी
से तऽ अहाँ जनै छी हे 
थिकहुँ पुत्र अहींकेर जननी
से तऽ अहाँ जनै छी हे 
एहन निष्ठुर किए अहाँ भेलहुँ
कनिको दृष्टि नहि दै छी हे
सभहक सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे, 
हमरा किए बिसरै छी हे 

क्षण-क्षण पल-पल ध्यान करै छी
नाम अहींकेर जपै छी हे
क्षण-क्षण पल-पल ध्यान करै छी
नाम अहींकेर जपै छी हे
रैनि-दिवस हम ठाढ़ रहै छी
दर्शन बिनु तरसै छी हे
सभहक सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे, 
हमरा किए बिसरै छी हे 

छी जगदम्बा, जग अवलम्बा
तारिणि तरणि बनै छी हे
छी जगदम्बा, जग अवलम्बा
तारिणि तरणि बनै छी हे
हमरा बेरि किए ने तकै छी
पापी जानि ठेलै छी हे
सभहक सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे, 
हमरा किए बिसरै छी हे 



◆ 
इन्द्र गहि-गहि, चक्र गहि-गहि लिरिक्स

इन्द्र गहि-गहि, चक्र गहि-गहि, खर्ग लिअ माता भगवती
अड़हुल फूल भकनार भयो, देखि पुनि आनन्द भयो
सोनाके आसन रत्न सिंहासन, आबि बैसाउ माता भगवती
सोनाके झारी गंगाजल पानी, चरण पखारब माता भगवती
सोनाके थारी छत्तीसो व्यंजन, भाग लगाउ माता भगवती
सोनाके सराइ कपूरक बाती, आरती देखाउ माता भगवती
अड़हुल फूल भकनार भयो...



खोलू ने केबार हे जननी लिरिक्स

खोलू ने केबार...
खोलू ने केबार हे जननी, खोलू ने केबार

माँ के द्वार पर फूल नेने ठाढ़ छी
माँ के द्वार पर फूल नेने ठाढ़ छी
पूजन करब तोहार हे जननी, पूजन करब तोहार
खोलू ने केबार हे जननी, खोलू ने केबार

माँ के द्वार पर धूप नेने ठाढ़ छी
माँ के द्वार पर धूप नेने ठाढ़ छी
आरती उतारब तोहार हे जननी, खोलू ने केबार
खोलू ने केबार हे जननी, खोलू ने केबार

माँ के द्वार पर माखन नेने ठाढ़ छी
माँ के द्वार पर माखन नेने ठाढ़ छी
भोग लगाएब तोहार हे जननी, खोलू ने केबार
खोलू ने केबार हे जननी, खोलू ने केबार



कतेक दुख सुनायब हे जननी लिरिक्स

कतेक दुख सुनायब हे जननी
कतेक दुख सुनायब

तंत्र-मंत्र एको नहि जानल
की कहि अहाँ के सुनायब हे जननी
की कहि अहाँ के सुनायब

मूर्ख एक पुत्र अहाँ के भुतिआयल
रखबनि संग लगाय हे जननी
कतेक दुख सुनायब

सूरदास अधम जग मूरख
तारा नाम तोहार हे जननी
दुर्गा नाम तोहार
कतेक दुख सुनायब



माँ के द्वार पर अड़हुल फुल गछिया

माँ के द्वार पर अड़हुल फुल गछिया
माँ हे फड़-फूल लुबधल डारि
दछिन पछिम सँओ सूगा एक आयल
माँ हे बैसि गेल अड़हुल फूल गाछ
फड़ो ने खाय सुगा फूलो ने खाय
माँ हे पाते पाते खेलय पतझार
कहाँ गेल किए भेल डीहबार ठाकुर
माँ हे अपन सूगा लीअ ने समुझाय
भनहि विद्यापति सुनू जगदम्बा हे
माँ हे सेवक पर रहबइ सहाय



जगदम्बा हे लीअ ने खबरिया हमार लिरिक्स

जगदम्बा हे लीअ ने खबरिया हमार
जगदम्बा हे लीअ ने खबरिया हमार

जखन जगदम्बा मईया घरसं बहार भेली
जखन जगदम्बा मईया घरसं बहार भेली
जगदम्बा हे कोढ़िया काया लय ठाढ़
जगदम्बा हे लीअ ने खबरिया हमार

जखन जगदम्बा मईया आंगन सं बहार भेली
जखन जगदम्बा मईया आंगन सं बहार भेली
जगदम्बा हे अन्हरा नयना लय ठाढ़
जगदम्बा हे लीअ ने खबरिया हमार

जखन जगदम्बा मईया दरबज्जा सं बहार भेली
जखन जगदम्बा मईया दरबज्जा सं बहार भेली
जगदम्बा हे बाँझिन पुत्र लय ठाढ़
जगदम्बा हे लिअ ने खबरिया हमार

जखन जगदम्बा मईया गाम सं बहार भेली
जखन जगदम्बा मईया गाम सं बहार भेली
जगदम्बा हे निर्धन धन लय ठाढ़
जगदम्बा हे लीअ ने खबरिया हमार



◆ अम्बे अम्बे जय जगदम्बे लिरिक्स

अम्बे अम्बे जय जगदम्बे
जय-जयकार करै छी हे
जय-जयकार करै छी हे अम्बे
जय-जयकार करै छी हे
अम्बे अम्बे जय जगदम्बे
जय-जयकार करै छी है

तीन भुवन के मातु अहाँ छी
तीन नयनसँ तकै छी हे
तीन भुवन के मातु अहाँ छी
तीन नयनसँ तकै छी हे
सिंह पर एक कमल राजित
ताहि ऊपर बइसल छी हे
अम्बे अम्बे जय जगदम्बे
जय-जयकार करै छी है

भूत प्रेत सभ झालि बजाबय
योगिन के नचबइ छी हे
भूत प्रेत सभ झालि बजाबय
योगिन के नचबइ छी हे
राक्षस के संहार करै छी
दुनियाँ के जुड़बै छी हे
अम्बे अम्बे जय जगदम्बे
जय-जयकार करै छी है



भजै छी तारिणी सब दिन लिरिक्स

भजै छी तारिणी सब दिन कियै छी दृष्टि के झपने

जयन्ति मंगला काली सदा-शिव नाम थीक अपने
शरण एक छि अहिंक अम्बे होयत की आन लग कहने
भजै छी तारिणी सब दिन कियै छी दृष्टि के झपने

कृपा सं हेरू हे जननी विकल छी पाप के तपने
शरण एक छी अहिंके हम कियै छी दृष्टि के झपने
भजै छी तारिणी सब दिन कियै छी दृष्टि के झपने

कहब हम जाय ककरा सँ अपन दुख दीनता अपने
कयह जगदीश सब दिन सँ भगत प्रतिपालिका अपने
भजै छी तारिणी सब दिन कियै छी दृष्टि के झपने



महिमा अगम अपार, अम्बे माँ हे

महिमा अगम अपार, अम्बे माँ हे
महिमा अगम अपार
महिमा अगम अपार, अम्बे माँ हे
महिमा अगम अपार

कथी के आसन माँ हे, कथी के सिंहासन
कथी के आसन माँ हे, कथी के सिंहासन
कओने नाम धराय, जगदम्बे माँ हे
कओने नाम धराय

सोना के आसन, रतन सिंहासन
सोना के आसन, रतन सिंहासन
काली नाम धराय, देवी माँ हे
काली नाम धराय

तोहेँ देवी काली माँ हे, तोहेँ श्रीसुन्दरि
ज्योति जरय दिन-राति, आनन्दी माँ हे
ज्योति जरय दिन-राति

जे इहो गाओल माँ हे, पूर्ण फल पाओल
दिन-दिन पाबय वरदान, आनन्दी माँ हे
महिमा अगम अपार, अम्बे माँ हे
महिमा अगम अपार



• मैथिली काली गीत लिरिक्स 

कमल कर गहि कमलवर्णी लिरिक्स

कमल कर गहि कमलवर्णी,
कमल कोर बिच शोभिता
सिंह उपर एक कमल राजित,
ताहि ऊपर भगवती
दाँत खटखट, जीह लह,
सोने दाँत मढ़ाबिती
असुर धय धय, खप्परि भरि भरि,
शोणित पिबति माँ कालिका
हेमन्त पति के इहो निवारण,
नाम थिक देवी कुमारिका



दुखियाक दिन बड़ भारी लिरिक्स

दुखियाक दिन बड़ भारी हे काली मइया
कोखियामे पुत्र नहि, सींथो सिनुर नहि
कोना कऽ दिवस गमायब हे काली मइया

सेर न पसेरी काली, द्वार ने दरबज्जा काली
कथी लए दिवस गमेबइ हे काली मइया

सूरदास प्रभु तोहरे दरस के, सदा रहब रछपाल
हे काली मइया, दुखियाक दिन बड़ भारी



कालिका, एलौं तोरे द्वार लिरिक्स

कालिका, एलौं तोरे द्वार, पूजन बेरिया 
कालिका, एलौं तोरे द्वार, पूजन बेरिया 

के चढ़ाबे अक्षत-चानन, केयो फूल-कलिया 
सेवक चढ़ाबे अक्षत-चानन, भगत चढ़ाबे फूल कलिया
कालिका, एलौं तोरे द्वार, पूजन बेरिया

के चढ़ाबे उजरा छागर, के छागर करिया 
सेवक चढ़ाबे उजरा छागर, भगत चढ़ाबे छागर करिया
कालिका, एलौं तोरे द्वार, पूजन बेरिया

के चढ़ाबे गेरू, के चढ़ाबे अंचरिया
सेवक चढ़ाबे गेरू, भगता चढ़ाबे अंचरिया
कालिका, एलौं तोरे द्वार, पूजन बेरिया

कल जोरि मिन्ती करै छी हे माता
सदा रहब रछपाले हे कालिका
कालिका, एलौं तोरे द्वार, पूजन बेरिया


इहो पढ़ब :-


तारा नाम तोहार लिरिक्स

तारा नाम तोहार
तारा नाम तोहार जननी, काली करथि पुकार

सतयुग कलयुग दुइ प्रति हारल
तीनू भुवन तोहार जननी, तारा नाम तोहार

अष्टभुजा लए सिंह पर चढ़ली
देखइत सकल संसार जननी, तारा नाम तोहार

सुर-नर-मुनि सभ ध्यान धरतु हैं
गले बैजन्ती माल जननी, तारा नाम तोहार
तारा नाम तोहार जननी, काली करथि पुकार



स्वर्गसँ अयली माता काली लिरिक्स

स्वर्गसँ अयली माता काली, आनन्द लागय
सिंह सवार मइया डामरु बजाबय
रिमझिम बाजए नूपुर, आनन्द लागय

कोने फूल ओढ़न माँ के, कोने फूल पहिरन
कोने फूल कालीक शृंगार, आनन्द लागय

बेली फूल ओढ़न माँ के, चमेली फूल पहिरन
ओड़हुल फूल माँ के शृंगार, आनन्द लागय
स्वर्गसँ अयली माता काली, आनन्द लागय



हे महरानी सिया लिरिक्स

हे महरानी सिया, काली के महिमा अगम अपार
गंगा यमुनासँ माटि मंगायब, हे महरानी सिया
ऊँच कए पीड़िया बनायब, हे महरानी सिया
कौने फूल ओढ़न सिया, कौने फूल पहिरन
कौने फूल माता के शृंगार, हे महरानी सिया
बेली फूल ओढ़न माँ के, चमेली फूल पहिरन
अड़हुल फूल माँ के शृंगार, हे महरानी सिया
पहिरि ओढ़िए काली ठाढ़ि भेली गहबर
सूर्यक ज्योति मलीन, हे महरानी सिया
महिमा अगम अपार, हे महरानी सिया
भनइ विद्यापति सुनू माता कालिका
सेवक पर होइअउ ने सहाय, हे महरानी सिया





◆ नया शहर दरभंगा हो राजा लिरिक्स

नया शहर दरभंगा हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली
नया शहर दरभंगा हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली

केओ चढ़ाबे माँ के अक्षत चानन, माँ हे केओ चढ़ाबे फुलहारी
सेवक चढ़ाबे माँ के अक्षत चानन, माँ हे माली चढ़ाबे फुलहारी
नया शहर दरभंगा हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली

केओ चढ़ाबे माँ के करिया छागर, माँ हे केओ चढ़ाबे फुलहारी
सेवक चढ़ाबे माँ के करिया छागर, माँ हे मालिन चढ़ाबे फुलहारी
नया शहर दरभंगा हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली



स्वर्गसँ अयली माता काली लिरिक्स

स्वर्गसँ अयली माता काली, आनन्द लागय
स्वर्गसँ अयली माता काली, आनन्द लागय

सिंह सवार मईया डामरु बजाबय
सिंह सवार मईया डामरु बजाबय
रिमझिम बाजए नूपुर, आनन्द लागय
स्वर्गसँ अयली माता काली, आनन्द लागय

कोने फूल ओढ़न माँ के, कोने फूल पहिरन
कोने फूल ओढ़न माँ के, कोने फूल पहिरन
कोने फूल कालीक शृंगार, आनन्द लागय
स्वर्गसँ अयली माता काली, आनन्द लागय

बेली फूल ओढ़न माँ के, चमेली फूल पहिरन
बेली फूल ओढ़न माँ के, चमेली फूल पहिरन
ओड़हुल फूल माँ के शृंगार, आनन्द लागय
स्वर्गसँ अयली माता काली, आनन्द लागय

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