Bhajai Chhhi Tarini Sab Din Lyrics
भजै छी तारिणी सब दिन कियै छी दृष्टि के झपने
जयन्ति मंगला काली सदा-शिव नाम थीक अपने
शरण एक छि अहिंक अम्बे होयत की आन लग कहने
भजै छी तारिणी सब दिन कियै छी दृष्टि के झपने
कृपा सं हेरू हे जननी विकल छी पाप के तपने
शरण एक छी अहिंके हम कियै छी दृष्टि के झपने
भजै छी तारिणी सब दिन कियै छी दृष्टि के झपने
कहब हम जाय ककरा सँ अपन दुख दीनता अपने
कयह जगदीश सब दिन सँ भगत प्रतिपालिका अपने
भजै छी तारिणी सब दिन कियै छी दृष्टि के झपने
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