रविवार, 1 अप्रैल 2018

कमल कर गहि कमलवर्णी लिरिक्स

कमल कर गहि कमलवर्णी,
कमल कोर बिच शोभिता
सिंह उपर एक कमल राजित,
ताहि ऊपर भगवती
दाँत खटखट, जीह लह,
सोने दाँत मढ़ाबिती
असुर धय धय, खप्परि भरि भरि,
शोणित पिबति माँ कालिका
हेमन्त पति के इहो निवारण,
नाम थिक देवी कुमारिका

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