मोन भैर माँ नै देखलौं,
सुनलऊ जे चलि जेबैं,
मोन भैर माँ नै देखलौं,
सुनलऊ जे चलि जेबैं,
एक आस माँ आहीं स कहू हम कोना क जीबै,
मोन भैर माँ नै देखलौं…
आहां बिना हे अम्बे कोना क दिन बितेलौं,
पाथर बनल हे जननी एको बेर घुरी ने देखलौं,
आहां बिना हे अम्बे कोना क दिन बितेलौं,
पाथर बनल हे जननी एको बेर घुरी ने देखलौं,
पोरे स हम कनै छी आरो कते कनेबै,
एक आस माँ आहीं स कहू हम कोना क जीबै,
मोन भैर माँ नै देखलौं…
कियो कहै या टुअर कियो कहै ये पगला,
आहां के रहितो जननी बुझैये जग अभगला,
कियो कहै या टुअर कियो कहै ये पगला,
आहां के रहितो जननी बुझैये जग अभगला,
माधव के दुःख में छोइर आहां कोना क जेबै,
एक आस माँ आहीं स कहू हम कोना क जीबै,
मोन भैर माँ नै देखलौं…
कालिया के दिश तकलियै कालिदास नाम देलियै,
हम केलौं कोन गलती सब दिन आहां ठकलियै,
कालिया के दिश तकलियै कालिदास नाम देलियै,
हम केलौं कोन गलती सब दिन आहां ठकलियै,
कोना रहत रमेंद्र अहि बेर छोरि जे जेबै,
एक आस माँ आहीं स कहू हम कोना क जीबै,
मोन भैर माँ नै देखलौं.
स्वर : माधव राय
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