जय शिव प्रिये शंकर प्रिये जय मंगले मंगल करू।
जय अम्बिके जय त्र्यम्बिके जय चण्डिके मंगल करू।।
अनन्त शक्तिशालिनी अमोघ शस्त्रधारिणी।
निशुम्भ - शुम्भ मर्द्दिनी त्रिशूल - चक्र-पाणिनी।।
जय भद्रकालि - भैरवी जय भगवती मंगल करू।
जय वैष्णवी विश्वम्भरी जय शाम्भवी मंगल करू।।
कराल मुख कपालिनी विशाल मुण्डमालिनी।
असीम अट्टहासिनी त्रिमूर्त्ति सृष्टिकारिणी।।
हे ईश्वरी परमेश्वरी सर्वेश्वरी मंगल करू।
कात्यायिनी नारायणी माहेश्वरी मंगल करू।।
प्रकृति अहीँ सुकृति अहीँ दया अहीँ क्षमा अहीँ।
स्वधा अहीँ छटा अहीँ कला अहीँ प्रभा अहीँ।।
दुखहारिणी सुखकारिणी हे पार्वती मंगल करू।
हे ललित शक्ति प्रदायिनी सिद्धेश्वरी मंगल करू।।
जय शिव प्रिये शंकर प्रिये जय मंगले मंगल करू।
जय अम्बिके जय त्र्यम्बिके जय चण्डिके मंगल करू।।
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