केहेन शुभ दिन अछि ई माँ
एलौं आहाँ हमर अंगना
एक दिस मुस्काबथि माँ लक्ष्मी,
गुन-गुन गावथी मातु सरस्वती,
धैल संग दु टा ललना,
केहेन शुभ दिन अछि ई माँ
प्रथमेहि हिनकर चरण पखारब,
आँचर सं कुश के आसन झारब,
देबैन नबेद थार भरी ना,
केहेन शुभ दिन अछि ई माँ
अहाँ के पुजारी बनी माँ शेरावालि,
भरी लिय सबटा दोख हे काली,
रंग दिय भक्ति मोन रँगना,
केहेन शुभ दिन अछि ई माँ
भाओल जिनका अहाँ के भक्ति,
देलौं ज्ञानक वर हे माँ शक्ति,
पावन ओ दर्शन एहि जग ना,
केहेन शुभ दिन अछि ई माँ
गीतकार: मोहन दर्शन
स्वर: रजनी पल्लवी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !