कखन उतारब पार हे जननी,
कखन उतारब पार,
कखन उतारब पार हे जननी,
कखन उतारब पार,
अहाँ जगजननी दया केर सागर,
अहाँ जगजननी दया केर सागर,
असत्य सकल संसार हे जननी,
कखन उतारब पार...
हमरा नहि अवलम्ब आन अछि,
हमरा नहि अवलम्ब आन अछि,
अहाँ छी एक अन्हार हे जननी,
कखन उतारब पार...
कतेक करब करुणा हम हिनका,
कतेक करब करुणा हम हिनका,
ई छथि बर रखबार हे जननी,
कखन उतारब पार...
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