शनिवार, 5 अक्तूबर 2024

भगवती नैना खोलू हे लिरिक्स - Bhagwati Naina Kholu He Song Lyrics

भगवती नैना खोलू हे, आरती द्वार पुकारू,
भगवती नैना खोलू हे
भगवती नैना खोलू हे, आरती द्वार पुकारू,
भगवती नैना खोलू हे

गंगा निकट सं माटि कोरी लायब,
पिरहिया बनायब हे
यमना निकट जल भरि लायब,
यमना निकट जल भरि लायब,
पिरहिया निपायब हे
भगवती नैना खोलू हे,
भगवती नैना खोलू हे, आरती द्वार पुकारू,
भगवती नैना खोलू हे

हलुआई दोकान सं मधुर मंगायब,
भोग लागयब हे
बनियां दोकान सं गुगुल मंगायब,
बनियां दोकान सं गुगुल मंगायब,
धूप देखायब हे,
भगवती नैना खोलू हे,
भगवती नैना खोलू हे, आरती द्वार पुकारू,
भगवती नैना खोलू हे

मलिया आँगन सं मोर मंगायब,
सिर पर टँगायब हे,
पटवा आँगन सं अंचरि मंगायब,
पटवा आँगन सं अंचरि मंगायब,
घुंगरू लागयब हे,
भगवती नैना खोलू हे,
भगवती नैना खोलू हे, आरती द्वार पुकारू,
भगवती नैना खोलू हे
भगवती नैना खोलू हे, आरती द्वार पुकारू,
भगवती नैना खोलू हे...।

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