Bees Barakh Ker Tyag Tapasya Pura Lyrics
धन्य, धन्य हे माँ जगदम्बे! महिमा कहल न जाय।
बीस बरख केर त्याग तपस्या पूरा देल कराय॥
स्वार्थहीन संकल्प सत्य निश्चय हे माँ कय देलहुँ।
अपन तुच्छ एहि भक्त प्रदीपक व्रतके निसेहलहु॥
कियो न दोसर संग देल माँ! अहीं ई दया देखलेहु ।
अहीं हमर व्रत पूरा कके पूर्ण मनोबल देलहु ।।
सहृदय जन किछु लेलनि संगग दू डेग, बढ़िकए छोरलनि संग ।
जून तिरासी मे त्यागल दरभंगा रेडियोक बाट ।।
मैथिलीक सम्मान हेतु हम राखल मांग पाँच!
प्रथम प्रसारण समाचार, दोसर अष्ठम अनुसूची,तेसर मैथिली कार्यक्रमे मे आन बात नहि ठूसी ।।
चारिम कृषि समाचारो मे कृषकक भाखा जानू ।
पाँचम क्षेत्रीय बाल जगत मे क्षेत्रीय बच्चा आनू ।।
दू हजार केर तेसर बरखक सोलह अगस्ते जानी ।
उप प्रधानमंत्री भारत केर आबि गेला आडवानी ।।
दैनिक समाचार उदघोखन कके हृदय जुरेलनि।
प्रथम मांग के पूरा कके निश्चय आइ देखेलनि॥
ई सबटा थिक अहिंक कृपा हे! जगत जननि-जगदम्बे ।
अज्ञ मैथिलीपुत्र प्रदीपक सतत अहीं अवलम्बे॥
बाँकी चारि मांग सेहो मा! निश्चय करबइ पूरा ।
हम तँ सदिखन समटि रहल छी अहिंक चरन केर धूरा॥
गीतकार: मैथिली पुत्र प्रदीप (प्रभुनारायण झा)
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