शुक्रवार, 20 सितंबर 2024

जगदम्ब अहाँ के शरण ऐलौं लिरिक्स - Jagdamb Ahan Ke Sharan Lyrics

जगदम्ब अहाँ के शरण एलौं
फटकार दिय की सम्हार लिअ
जगदम्ब अहाँ के शरण एलौं
फटकार दिय की सम्हार लिअ
शरणागत द्वार पुकारी रहल -2
झट तार दिय की उबार लिअ -2
जगदम्ब अहाँ के शरण एलौं 

विधि विष्णु महेशक अंतर रही
विधि विष्णु महेशक अंतर रही
वन में पुष्टि जग नाष करी
सब किछ करबा में स्वतंत्र अहाँ
फटकार दिय की सम्हार लिअ
जगदम्ब अहाँ के शरण एलौं
फटकार दिय की सम्हार लिअ

जल थल नव वायु हुथासन में
जल थल नव वायु हुथासन में
अछि तेज अहिं के विराज रहल
अछि तेज अहिं के विराज रहल
घट घट वासी करुणा मयी हे
फटकार दिय की सम्हार लिअ
जगदम्ब अहाँ के शरण एलौं
फटकार दिय की सम्हार लिअ

ऐछ नाम अहाँ के जघन माता
ऐछ नाम अहाँ के जघन माता
तऽ हम की जगत सं बाहर छी
मा हम की जगत सं बाहर छी
सन्तान कखन सं पुकारी रहल
फटकार दिय की सम्हार लिअ
जगदम्ब अहाँ के शरण एलौं
फटकार दिय की सम्हार लिअ

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