गुरुवार, 19 सितंबर 2024

नेह लगा के सलौने सजन कित जैहो लिरिक्स - Neh Laga Ke Salona Sajan Lyrics

नेह लगा के सलौने सजन कित जैहो॥धु्रव॥

लागी प्रीति अब कैसे छूटे,
अब न पिया बिछड़ैहो। सजन.॥1॥

तजि मिथिला, जल बिनु मीनहिं जिमि,
जनि जीवन तरसैहो। सजन.॥2॥

सिय सिय अलि सँग रुचिर केलि बहु,
कहु किंमि ललन भुलैहो। सजन.॥3॥

कोहबर हास-विलास सोहावन,
असि ससुरारी न पैहो। सजन.॥4॥

नित नव ब्याह रचैहो स्यामघन,
अगहन सावन बनैहो। सजन.॥5॥

पुनि पुनि विनबऊँ अब ‘करील’ पहु,
मिथिलाहिं अवध बसैहो। सजन.॥6॥

रचना : बांके बिहारी झा 'करील
लोक धुन - ताल-स्थायी दादरा

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