पहुना हमर चितचोर निरमोहिया,
पहुना हमर चितचोर
पहुना हमर चितचोर
निरमोहिया, पहुना हमर चितचोर
मुस्की मुस्की सखी जकरा निहारे
भरी भरी अंखियां के कोर
ताकी ताकी तीर मारे तिरछी नजरिया
चंदा देखी जहिना चकोर, निरमोहिया,
पहुना हमर चितचोर
मुख से ना बोले सखी, देहिया ना डोले
अंखियां से झहरत नोर
गसिमती हरि लेले मन्द मुसकनमा
पहुना के छतिया कठोर, निरमोहिया
पहुना हमर चितचोर निरमोहिया
पहुना हमर चितचोर निरमोहिया
पहुना हमर चितचोर
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