रविवार, 2 नवंबर 2025

कातिक मासे यौ भैया लीरिक्स - Katik Mase Yo Bhaiya Lyrics

कातिक मासे यौ भैया
सामा लेले अवतार
सामा चकेबा खेलब गे बहिना
भैया जीबथु हजार

कानी कानी बहिनो से (कोने) बहिनो
चिट्ठीया लिखै जे तोहार
इहो चिट्ठीया दिहैं रे हजमा
हाथ जोड़ी हमहू तोहर
कातिक मासे यौ भैया
सामा लेले अवतार

चिट्ठीया पाबैते से हमर भैया
घोड़ा पीठ भेला सवार
बटिया ताकैते से कोने बहिनो
रसता पर भेली ठाड़
कातिक मासे यौ भैया
सामा लेले अवतार

घोड़बा चढ़ल एला हमर भैया
भौजी उठली चेहाय
भाय बहिन के पाबनि
प्रेम बढ़य हजार
कातिक मासे यौ भैया
सामा लेले अवतार

स्वर : चेतना


चुगला लगन बिता क एलै ससुरारी लीरिक्स - Chugla Lagan Bita Ka Lyrics

Sama Chakeba Song - Chugala Lagan Bitake Aele Sasurari Mein Lyrics, Singer : Poonam Mishra

चुगला लगन बिता कऽ एलै ससुरारी में
पाकल पाकल दाढ़ी में ना
चुगला लगन बिता कऽ एलै ससुरारी में
पाकल पाकल दाढ़ी में ना

चुगला गेलै भानस घर
सासु ठेल देलकै ओमहर
चुगला गेलै भानस घर
सासु ठेल देलकै ओमहर
चुगला दांत खिसुठने
चुगला दांत खिसुठने परल छै ओरियानी में
पाकल पाकल दाढ़ी में ना

चुगला गेलै कोहबर घर
कनियाँ ठेल देलकै ओमहर
चुगला गेलै कोहबर घर
कनियाँ ठेल देलकै ओमहर
चुगला आँइख मरोड़ने
चुगला आँइख मरोड़ने गोरथारी
पाकल पाकल दाढ़ी में ना

चुगला गेलै पोखैर दीस
सार ठेल देलकै ओहि दीस
चुगला गेलै पोखैर दीस
सार ठेल देलकै ओहि दीस
चुगला दम तोड़ने
चुगला दम तोड़ने पड़ल छै बसबाड़ी में
पाकल पाकल दाढ़ी में ना

जतय हमर भैया बैसे
ततय चुगला चुगलपन करै
रे चुगला तोहर ई कोन बैन
ओक बैन बोक बैन
चुगला के निकलल निछक्के पाइन
चुगला करे चुगली बिलैया करे म्याउ
चुगला के जीभ हम नोईच नोईच खांउ
चुगला के जीभ हम नोईच नोईच खांउ
चुगला के जीभ हम नोईच नोईच खांउ

शनिवार, 1 नवंबर 2025

परम पवित्र भूमि मिथिला नगरिया से लीरिक्स - Maati Mein Vileen Bheli Sama Lyrics

Param Pavitra Bhumi Mithila Nagariya Lyrics

परम पवित्र भूमि मिथिला नगरिया से
मिथिला नगरिया से
माटी में बिलीन भेली सामा दाई गे माई
माटी में बिलीन भेली सामा दाई गे माई
परम पवित्र भूमि मिथिला नगरिया से
मिथिला नगरिया से
माटी में बिलीन भेली सामा दाई गे माई
माटी में बिलीन भेली सामा दाई गे माई

कहाँ गेला कतय गेला बड़का हो भईया से
बड़का हो भईया से
फेरी दियौ सामा रे चकेबा गे माई
फेरी दियौ सामा रे चकेबा गे माई

चूड़ा गूर लै बहिनी भैया के देलन से
भैया के देलन से
बहिनी के अत्मा जुरायल गे माई
बहिनी के अत्मा जुरायल गे माई

मुंह कारी के चुगला वृंदावन जरौलेन 
वृंदावन जरौलेन,
झांझी कुकुर माटी कोरी भसौलेन गे माई
झांझी कुकुर माटी कोरी भसौलेन गे माई
परम पवित्र भूमि मिथिला नगरिया से
मिथिला नगरिया से
माटी में बिलीन भेली सामा दाई गे माई
माटी में बिलीन भेली सामा दाई गे माई

Album: Sama Chakeva
Singer: Chetna


कोने भैया जेता गंगा रे जमुनमा लीरिक्स - Kone Bhaiya Jeta Ganga Lyrics

Kaune bhaiya jeta ganga re jamunma Lyrics

कौने भैया जेता गंगा रे जमुनमा 
कौने भैया लौता चिकनी माटी गे माई 
कौने भैया जेता गंगा रे जमुनमा 
कौने भैया लेता चिकनी माटी 
कौने बहिनो गढ़ती सामा रे चकेबा
कौने बहिनो खेलन जाए गे माई 
कौने भैया जेता गंगा रे जमुनमा 
कौने भैया लौता चिकनी माटी गे माई
कौने भैया जेता गंगा रे जमुनमा 
कौने भैया लेता चिकनी माटी गे माई

बड़का भैया जेता गंगा रे जमुनमा
छोटका भैया लौता चिकनी माटी गे माई
बड़ी दीदी गढ़ती सामा रे चकेबा
नेहा बहिनो खेलन जाए गे माई 
बड़ी दीदी गढ़ती सामा रे चकेबा
नेहा बहिनो खेलन जाए गे माई 

कौने भैया लौता झिली पिली केचुंआ
कौने भैया लौता पटोर गे माई
बड़का भैया लौता झिली पिली केचुंआ
उगनु भैया लौता पटोर गे माई
बड़का भैया लौता झिली पिली केचुंआ
उगनु भैया लौता पटोर गे माई

कौने भैया लौता हाथ के कंगना
कौने भैया लौता सिंदूर गे माई
बड़का भैया लौता हाथ के कंगना
छोटका भैया लौता सिंदूर गे माई 
बड़का भैया लौता हाथ के कंगना
छोटका भैया लौता सिंदूर गे माई 

कौने बहिनो गढ़ती सामा रे चकेबा
कौने बहिनो खेलन जाए गे माई 
कौने भैया जेता गंगा रे जमुनमा 
कौने भैया लौता चिकनी माटी गे माई
कौने भैया जेता गंगा रे जमुनमा 
कौने भैया लेता चिकनी माटी गे माई
कौने भैया जेता गंगा रे जमुनमा 
कौने भैया लेता चिकनी माटी गे माई
कौने भैया जेता गंगा रे जमुनमा 
कौने भैया लेता चिकनी माटी गे माई
कौने भैया जेता गंगा रे जमुनमा 
कौने भैया लेता चिकनी माटी गे 


गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025

देवउठाउन एकादशी पूजा मंत्र, भगवान के जगेबाक मंत्र

देवोत्थान एकादशी पूजन मंत्र - देव उठाओन मंत्र 
( Devutthana Ekadashi Mantra, Dev Uthaun Mantra ):-

ब्रह्मेन्द्ररुद्ररभिवन्द्यमानो भवानुषिर्वन्दित वन्दनीयः।
प्राप्ता तवेयं किलकौमुदाख्या जागृष्व जागृष्व च लोकनाथ॥
मेघा गता निर्मल पूर्णचन्द्रः शारद्यपुष्पाणि मनोहराणि।
अहं ददानीति च पुण्यहेतो जागृष्व च लोकनाथ॥
उत्तिष्ठोतिष्ठ गोविन्द त्यज निन्द्रां जगत्पते।
त्वय चोत्थीय मानेन उत्थितं भुवनत्रयम्‌॥


तदर्थ भगवान के जगेबाक मंत्र :-
ऊँ ब्रह्मेन्द्र रुद्रैरभिवन्द्यमानो भवान ऋषिर्वन्दितवन्दनीय:।
प्राप्तां तवेयं किल कौमुदाख्या जागृष्व-जागृष्व च लोकनाथ।।
मेघागता निर्मल पूर्ण चन्द्र: शरद्यपुष्पाणि मानोहराणि।
अहं ददानीति च पुण्यहेतोर्जागृष्व च लोकनाथ।।
उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविन्द! त्यज निद्रां जगत्पते।
त्वया चोत्थीयमानेन उत्थितं भुवनत्रयम्

रविवार, 26 अक्टूबर 2025

चौमुख दियरि गंगा किनार लीरिक्स - Chaumukh Diyari Lyrics Maithili New Chhath Song 2025

Udit Narayan Maithili Chhath Geet Chaumukh Diyari Lyrics

चौमुख दियरि गंगा किनारऽ
चौमुख दियरि गंगा किनारऽ
छठी माईक अर्घा सजल दुनु पारऽ
चौमुख दियरि गंगा किनारऽ

असरा हे, असरा धऽ कल जोड़ी ठाड़
उगियो ने दिनकर हे दिनानाथ
जगकेर, जगकेरहि छी प्रतिपालक
अहिं पर सकल जग अहिं पालक
छठी माईक अर्घा सजल दुनु पारऽ
चौमुख दियरि गंगा किनारऽ...

भोरे भोरेहे, भोरे भोर करैत सब गोहार
सुनियो ने दिनकर हम करै छी पुकार
छठी मइया हे, छठी मइया नाम एक रटै छी
आशीष अपन दियऽ एतबै मांगै छी
छठी माईक अर्घा सजल दुनु पारऽ
चौमुख दियरि गंगा किनारऽ
चौमुख दियरि गंगा किनारऽ.

स्वर: उदित नारायण
लीरिक्स: दीपिका झा

शनिवार, 25 अक्टूबर 2025

छठ मइया के दरबार सजल सतकार में लीरिक्स - Chhath Maiya Ke Darbar Lyrics

Sharda Sinha New Chhath Song 2025
Chhath Maiya Ke Darbar Lyrics Song by Sharda Sinha

छठ मइया के दरबार सजल सतकार में
बरतिन के पुकार हो रहल
बरतीन के पुकार हो रहल
छठ मइया के दरबार सजल सतकार में
बरतिन के पुकार हो रहल
बरतिन के पुकार हो रहल

बरतिन सुर में सुर मिलावे
छठ मइया के महिमा गावे
बरतिन सुर में सुर मिलावे
छठ मइया के महिमा गावे
घाटे घाटे गूंजे, हो....
घाटे घाटे गूंजे छठ गीतन के सार में
बरतिन के पुकार हो रहल
बरतिन के पुकार हो रहल

सब भगतन के मन में भावे
असरा छठ मइया पुरावे
सब भगतन के मन में भावे
असरा छठ मइया पुरावे
बरतिन पावेलि, हो...
बरतिन पावेलि वरदान सुख परिवार में
बरतिन के पुकार हो रहल
बरतिन के पुकार हो रहल
बरतिन के पुकार हो रहल
बरतिन के पुकार हो रहल

Singer – Late Sharda Sinha
Lyrics – Hriday Narayan Jha

मारबो रे सुगवा धनुख से लीरिक्स - Marbo Re Sugwa Dhanush Se Lyrics

Marbo Re Sugwa Dhanush Se Lyrics Anuradha Paudwal Chhath Song

नारियालवा जे फरेला घबद से
ओह पर सुगा मेड़राए,
(ओह पर सुगा मेड़राए)
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से
सुगा दिहली झुठियाय
(सुगा दिहली झुठियाय)
ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से
सुगा गिरे मुरझाए
(सुगा गिरे मुरझाए)

ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से
ओह पर सुगा मेड़राए
(ओह पर सुगा मेड़राए)
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से
सुगा दिहली झुठियाय
(सुगा दिहली जुठियाय)
ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से
सुगा गिरे मुरझाए
(सुगा गिरे मुरझाए)

अमरुदवा जे फरेला घबद से
ओह पर सुगा मेड़राए
(ओह पर सुगा मेड़राए)
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से
सुगा दिहली झुठियाय
(सुगा दिहली झुठियाय)
ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से
सुगा गिरे मुरझाए
(सुगा गिरे मुरझाए)

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से
(ओह पर सुगा मेड़राए)
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से
सुगा दिहली झुठियाय
(सुगा दिहली झुठियाय)
ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से
सुगा गिरे मुरझाए
(सुगा गिरे मुरझाए)

सभे फलवा जे फरेलन खबद से
(ओह पर सुगा मेड़राए)
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से
सुगा दिहली झुठियाय
(सुगा दिहली झुठियाय)
ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से
सुगा गिरे मुरझाए
(सुगा गिरे मुरझाए)

ऊ जे सुगनी जे रोवेली वियोग से
आदित होई ना सहाय
(आदित होई ना सहाय)
आदित होई ना सहाय
देव होई ना सहाय
(आदित होई ना सहाय देव होई ना सहाय)

कांच ही बांस के बहंगिया लीरिक्स - Kaanch Hi Baans Ke Bahangiya Lyrics

Kaanch Hi Baans Ke Bahangiya Song Lyrics Anuradha Paudwal

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय
बहंगी लचकत जाय
होई ना बलम जी कहरिया,
बहंगी घाटे पहुंचाय

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय
बहंगी लचकत जाय

बाट जे पूछेला बटोहिया,
बहंगी केकरा के जाय
बहंगी केकरा के जाय
तू तो आन्हर होवे रे बटोहिया,
बहंगी छठ मैया के जाय
बहंगी छठ मैया के जाय
ओहरे जे बारी छठि मैया,
बहंगी उनका के जाय
बहंगी उनका के जाय

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय
बहंगी लचकत जाय
होई ना देवर जी कहरिया,
बहंगी घाटे पहुंचाय
बहंगी घाटे पहुंचाय
ऊंहवे जे बारि छठि मैया
बहंगी के उनके के जाय
बहंगी उनका के जाय

बाट जे पूछेला बटोहिया
बहंगी केकरा के जाय
बहंगी केकरा के जाय
तू तो आन्हर होवे रे बटोहिया
बहंगी छठ मैया के जाय
बहंगी छठ मैया के जाय
ऊंहवे जे बारी छठि मैया
बहंगी उनका के जाय
बहंगी उनका के जाय

बुधवार, 22 अक्टूबर 2025

सूर्य उपासनाक महा पर्व छठि पूजा के कथा आ व्रत विधि

मिथिला धरोहर : कार्तिक मासक अमावस्या के दियाबाती मनेला के तुरंत बाद मनायल जाय बला छठि व्रत के सब सं कठिन आ महत्वपूर्ण राइत कातिक शुक्ल सष्ठी के होइत अछि। एहि कारणे एहि व्रत के नामकरण छठि व्रत भ गेल। इ पावैन एक बरख मे दु बेरा मनायल जाएत अछि। पहिल बेरा चैत्र मे आ दोसर बेरा कातिक मे। चैत्र शुक्लपक्ष षष्ठी पर मनाऔल जायबला छैठ पर्व के चैती छैठ आ कातिक शुक्लपक्ष षष्ठी पर मनायल जायवला पर्व के कातिक छैठ कहल जाइत अछि। पारिवारिक सुख-स्मृद्धि आ मनोवांछित फलप्राप्ति के लेल इ पर्व मनाऔल जाइत अछि।

इहो पढ़ब :-
कहिया छै छठ 2025 में - Chhath Puja 2025 Date
25 अक्टूबर 2025 : नहाय-खाय, अरबा-अरबाइन
26 अक्टूबर 2025 : छठि व्रतक खरना, 
27 अक्टूबर 2025 : छठि व्रतक सायंकालीन अर्धदान
28 अक्टूबर 2025 : छठि व्रतक प्रातःकालीन अर्धदान

छैठ व्रतके संबंध मे बहुते रास कथा प्रचलित अछि; एहिमे सं एकटा कथाक अनुसार जेखन पांडव अपन सबटा राजपाट जुआ मे हारी गेलाह, तखन द्रौपदी छठि व्रत रखलनी। तखन हुनक मनोकामना पूर्ण भेलनि आ पांडव के राजपाट आपस भेट गेलनि। इ व्रत खासतौर पर मिथिलांचल संगे पूरा बिहार और एकर आस-पासक प्रदेश मे प्रचलित अछि। ओना आब इ पावनि संपूर्ण भारत वर्ष मे मनायल जाइत अछि।
धर्म शास्त्र मे इ पर्व सुख-शांति, समृद्धि के वरदान आ मनोवांछित फल दय बला कहल गेल अछि। लोकपरंपरा के अनुसार सूर्य देव और छठि मइया के संबंध भाई-बहिन के छन्हि।  लोक मातृ के षष्ठी के पहिल पूजा सूर्य केने छथि। छैठ पावैन के परंपरा मे बहुते गहिर विज्ञान छिपल अछि, षष्ठी तिथि (छैठ) एकटा विशेष खगौलीय अवसर अछि। एहि समय सूर्य के पराबैगनी किरण पृथ्वी के सतह पर सामान्य सं बेसी मात्रा मे एकत्र भ जाइत अछि। हिनक संभावित कुप्रभाव सं मानव के यथासंभव रक्षा करवाक सामर्थ्य एहि परंपरा मे अछि।


इ पर्व चाइर दिनक अछि। भरदुतिया के तेसर दिन सं इ आरंभ होइत अछि। पहिल दिन सैंधा नुन, घी सं बनायल गेल अरवा चाउर आ कदिमा'क सब्जी प्रसादक रूपमे लेल जाइत अछि। अगिला दिन सं उपवास आरंभ होइत अछि। एहि दिन राइत मे खीर बनय अछि। व्रत केनिहार रातइमे यैह प्रसाद लइत छथि। तेसर दिन डूबैत सूर्यके अर्घ्य अर्पण कैल जाइत अछि आ अंतिम दिन उगैत सूर्यके अर्घ्य चढ़ायल जाइत अछि। एहि पावनि मे पवित्रता'क बड़ ध्यान राखल जाइत अछि। जिनका घर मे इ पूजा होइत अछि, ओतय गीत-नाद सोहो गायल जाइत अछि। एहिके शुरुआत कातिक शुक्ल चतुर्थी के आ समाप्ति कातिक शुक्ल सप्तमी के होइत अछि। एहि दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटा के व्रत राखय छथि। पहिला दिन कातिक शुक्ल चतुर्थी ‘नहाय-खाय’ के रूप मे मनायल जाइत अछि। सबसं पहिले घर के साफ क निक-पोइत ओकरा पवित्र बना लेल जाइत अछि। एहि पश्चात छैठव्रती स्नान क पवित्र तरीका सं बनल शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण क व्रत के शुरुआत करय छथि। घर के सब सदस्य व्रती के भोजनोपरांत भोजन ग्रहण करय छथि। दोसर दिन कातिक शुक्ल पंचमी के व्रतधारी दिन भरी के उपवास रखवा के बाद शांझ के भोजन करय छथि जेकरा ‘खरना’ कहल जाइत अछि। प्रसाद'क रूप मे कुसियार के रस मे बनायल गेल चाउर'क खीर'क संग दूध, चावल का पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनाई जाती है।

इहो पढ़ब :- 

तेसर दिन कातिक शुक्ल षष्ठी के दिन म छैठ प्रसाद बनायल जाइत अछि। प्रसादक रूप मे टिकरी, भुसवा, पेरा आदि बनायल जाइत अछि। शांझ के पूरा तैयारी और व्यवस्था क बाँसक छिट्टा मे अर्घ्य के सूप, कोनियां सजायल जाइत अछि। सब छैठव्रती अपन लग-पासक पोखरी या नदी कात इकट्ठा भ सामूहिक रूप सं अर्घ्य दान संपन्न करय छथि। चारिम दिन कातिक शुक्ल सप्तमी के भोरे उदियमान सूर्य के अघ्र्य देल जाइत अछि।
हिंदू धर्म के देवता मे सूर्य एहन देवता छथि जिनका मूर्त रूप मे देखल जा सकैत छनि। सूर्य के शक्ति के मुख्य श्रोत हुनक पत्नी ऊषा और प्रत्यूषा छन्हि। छैठ में सूर्य के संगे-संग दुनु शक्तिय के संयुक्त आराधना होइत अछि। भिनसर काल मे सूर्य के पहिल किरण (ऊषा) और शांझकाल मे सूर्य के अंतिम किरण (प्रत्यूषा) के अघ्र्य द के दुनु के नमन कैल जाइत अछि। 
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