गुरुवार, 21 नवंबर 2024

Baba Hare Hare Banswa Lyrics - बाबा हरे हरे बांसवा कटाइ दिहो लिरिक्स

Angika Vivah Geet (Doliya Kahar) Lyrics 

बाबा हरे हरे बांसवा कटाइ दिहो
बतिया चिराई दिहो मड़वा छड़ाई दिहो हो
बाबा मड़वा में फूलवा सजाई दिहो
झालर लगाइ दिहो बेदिया बनाई दिहो हो

बेटी हरे हरे बांसवा कटाइ देबो 
बतिया चिराई देबो मड़वा छड़ाई देबो हे
बाबा मड़वा में फूलवा सजाई देबो 
झालर लगाइ देबो बेदिया बनाई देबो गे
ओहिरे मड़वा चढ़ि बेटी बैठाइ दिहो
हरदी चढ़ाई दिहो दुल्हिन बनाई दिहो हो
बाबा चांद नगरिया में दुल्हा मंगाई 
हमरा बियाही दिहो हो
बाबा सोने केर डोलिया में 
बत्तीसो कहरवा लगाई दिहो हो

ओहिरे मड़वा पर तोरा बैठाइ देबौ
हरदी चढ़ाई देबौ दुल्हिन बनाई देबौ गे
बाबा चांद नगरिया में दुल्हा मंगाई 
तोरा बियाही देबौ गे
बाबा सोने केर डोलिया में 
बत्तीसो कहरवा लगाई देबौ गे

सोने केर डोलिया में बैठी जब जाइबे बर
हरषाईबे सब ना सजाइब हो
बाबा सखिया सहेली छोड़ि ससुरार जेबै
सबके रुलाइबे हो
बाबा भैया के घर छोड़ि 
पिया के नगर हम बसाइबे हो

सोने केर डोलिया में बैठी हमर गुड़िया बेटी
ससुरार जाइतै सबके रुलाइतै गे
बेटी बाबुल के घर छोड़ि 
पिया के नगर एक दिन जाइतै गे
बेटी कानते कानते हमर आंसू सुखी जेतै
सब कोई समझैतै गे
बेटी कानते कानते हमर आंसू सुखी जेतै
सब कोई समझैतै गे
बेटी कानते कानते हमर आंसू सुखी जेतै
सब कोई समझैतै गे

शनिवार, 16 नवंबर 2024

सम्मरि मैथिली गीत लिरिक्स

सम्मरि स्वयंवर के अपभ्रंश अछि

■ पीपरक पात अकासहि डोलय लिरिक्स

पीपरक पात अकासहि डोलय,
शीतल बहय बसात यो
ताहि तर बाबा पलंगा ओछाओल,
सुतय पीताम्बर तानि यो
आइ हे माइ पर हे परोसिन, 
बाबा के दियनु जगाइ हे
जिनका घर बाबा कन्या कुमारि,
सेहो कोना सूतल निश्चिन्त यो
जइयौ यौ अयोध्या नगरी,
राजा दशरथ हुनि राम यो
राजा दशरथ के चारि बालक छनि, 
एक श्यामल तीन गोर यो
कारी देखि जुनि भुलबै यो बाबा, 
कारी के तिलक चढ़ायब यो


■ एक राजा के चारि छनि धीया लिरिक्स

एक राजा के चारि छनि धीया, 
चारू छनि कुमारि यो
धीया देखि बाबा माथ लेल पाग, 
चलि भेल मगह मुंगेर यो
दक्षिण खोजल बाबा पश्चिम खोजल, 
खोजल त्रिभुवन नाथ यो
एक जंगलमे भेटल एक तपसी, 
हुनकहि देखि कनै छथि मनाइन
एहि िबर सौं नहि धीया बिहाअब, 
मोर धीया रहति कुमारि यो
जुनि कानू जुनि खीजू हमरो मनाइन, 
इहो थिका त्रिभुवन नाथ


■ सीता के देखि देखि झखथि जनक ऋषि लिरिक्स

सीता के देखि देखि झखथि जनक ऋषि,
मोती जकां झहरनि नोर
सीता जुगुत वर कतऽ भेटत,
ओतहि सऽ लायब जमाय यो
सीता जुगुत वर अवधपुर भेटत, 
ओतहि सऽ लाउ जमाय यो
राजा दशरथ् जी के चारि बालक छनि, 
एक श्यामल तीन गोर यो
गोरहि देखि नहि भूलबै यो बाबा, 
श्यामल के मुकुट चढ़ायब यो
देशहि देश केर वीरलोक आओल, 
सभ छूबि चलि गेल यो
वशिष्ठ मुनि संग आए दुइ बालक, 
धनुष देखि करय उतफाल यो
जखनहि रामचन्द्र धनुष उठाओल, 
सीया गले डालू जयमाल यो
जखनहि उठाओल मचि गेल जय जयकार यो


■ सूर्यक ज्योति सन हमरो उमा छथि लिरिक्स

सूर्यक ज्योति सन हमरो उमा छथि
वर लयला भंगिया भिखारि गे माई
कानऽ लगली खीजऽ लगली गौरी मनाइन
झहरनि नयना सँ नोर गे माई
एहि बरसँ नहि गौरी बिआहब
मोर गौरी रहती कुमारि गे माई
तीन भुवन वर कतहु ने भेटल
वर लयला भंगिया भिखारि गे माइ
देखितौं नारद के पढ़ितौं गारि
हुनको ने उचित विचार के माई
जुनि कानू जुनि खीजू हमरो मनाइन
जुनि पढू नारद के गारि गे माई
हमरो करममे इहो वर लीखल
लीखल मेटल नहि जाइ गे माई


■ हमरो गौरी छथि पाँचे बरस के लिरिक्स

हमरो गौरी छथि पाँचे बरस के
एक सौ बरस के जमाइ गे माई
कोना कऽ गोरी सासुर बसती
छथिन अति सुकुमारी गे माई
चारि सखि मिलि गौरी देखि कानथि
गौरी के देल जहदाइ गे माई
सऽन सन वर के केश पाकल छनि
पयरमे फाटल बेमाई गे माई
जुनि कानू जुनि खीजू सखि हे सहेलिया
इहो थिका त्रिभुवननाथ गे माई
एहि वर लए हम फूल लोढ़ि लयलौ
गंथलौं मे हार बनाइ गे माई
चन्द्रवदनि सन हमरो सुरति अछि
सूर्य सन छथिन जमाइ गे माई


■ सूतल छलहुँ ऊँच रे हवेलिया लिरिक्स

सूतल छलहुँ ऊँच रे हवेलिया
सुतलहुँ आंचर ओछाइ गे माई
सुतलमे बाबा सपन एक देखलहुँ
तिरहुत हाट विवाह गे माई
जे तिरहुतिया साजल बरिअतिया
थर-थर कांपय करेज गे माई
किए देखि आहे बेटी बइसक देबनि
किए देखि देबनि तमोल गे माई
किए देखि आहे बेटी जइतुक देबनि
किए देखि सुबुधि सिआन गे माई
चालि देखि आहे बेटी बइसक देबनि
मुख देखि देबनि तमोल गे माई
धन देखि आहे बेटी जइतुक देबनि
सीता देबनि सुबुधि सिआन गे माई


■ नवम बरख बेटी मुखहु ने बोलय लिरिक्स

नवम बरख बेटी मुखहु ने बोलय
दशम बरख बेटी भेलि उताहुल यो
एगारह बरख बेटी मांड़ब चढ़ि बैसली
करू बाबा कन्यादान यो
कन्यादान कए उठला बाबा
मोती जकां झहरनि नोर यो
किए जो खायब बेटी किए पहीरब
किए देखि रहब आनन्द यो
खीर जे खेबइ बाबा चीर
सिन्दूर देखि रहब आनन्द यो





■ कहथि सीता सुनू यौ बाबा लिरिक्स

कहथि सीता सुनू यौ बाबा
सुनू बाबा वचन हमार यो
हमरो बिआह करा दीअ यौ बाबा
हम बेटी बारि कुमारि यो
दछिन खोजल पछिम खोजल
खोजल मगह मुंगेर यो
सीता जुगुति वर कतहु ने भेटल
आब सीता रहली कुमारि यो
जाउ यौ नगर अवधपुर
राजा दशरथजी के पास यो
राजा दशरथजी के चारि बालक छनि
जेठकेँ तिलक चढ़ायब यो
छोटी मोटी देखि जुनि भूलब यौ बाबा
छोटहि छथि वीर महान यो
सात समुद्र जल बान्हि नरायब
खेलब सरयुग के तीर यो
ऊँच कय मड़बा भरा दीअ यो बाबा
ऊँच कय दुआरि लगाउ यो
चौदह कोस बाबा पृथ्वी चंछायब
चौदह वेद पढ़ायब यो
गया नोतब यो बाबा
झाड़ीखंड बद्रीनाथहि नोतब
पूब नोतब जगन्नाथ यो
एते बरिआत बाबा जल कतऽ पीताह
बाबा कुल होएत खिधांस यो
अगम - दीगम बेटी नदिया खुनायब
बाबा कुल बाजत नाम यो
जखन बरिआत सब चलल जनकपुर
चेरिया कलश नेने ठाढ़ यो
देबउ गे चेरिया सोना के गेरुलिया
मोरा आगू चरण पखारू यो
पहिल दुइ दान करब गाय-महींसिया
तेसर दान शाल-दुशाला यो
चारिम दान करब कान दुनू सोनमा
पांचम होएत कन्यादान यो
भेल बिआह चलू राम कोबर घर
सीता लेल अंगुरी धराय यो


■ राजा जनक जी प्रण एक ठानल लिरिक्स

राजा जनक जी प्रण एक ठानल
सीता के विवाह आइ हे
देश विदेश राजा पतिया पठाओल
धनुषा धयल ओंठगाय हे
देश विदेश के नृप सभ आयल
धनुषा छूबि-छूबि जाय हे
उठय ने धनुषा लागय बड़ भारी
आब सीता रहली कुमारि हे
क्षत्रिय ओ वीर भेटत नहि जगमे
होयत कोना सीताक विवाह हे
एतबा वचन जब सुनलनि लछुमन
बजला वचन रिसिआइ हे
लछुमन विमुख देखि बजला श्री रामचन्द्र
जुनि बाजू वचन रिसिआइ हे
दहिनहि धनुष उठाओल रघुनन्दन
बामहि कएल सहस्र खण्ड हे
तुलसी दास प्रभु तुम्हरे दरस को
राम-सीता भेल विवाह हे


■ रंक सुदामा हरि सँ बोलथि लिरिक्स

रंक सुदामा हरि सँ बोलथि
कते दुख सहब दिवस भेल घोर
बिलखैत बहिनी करथि विचार
सभ दिन सुनियनि राय विचार
एक दिन आहे पति दिन मनाउ
हरि संओ भेंट करयक जाउ
हम सुदामा ओ भगवान
बिलखैत ब्राह्मणी केना ई मान
जरय नहि दीप जुड़य नहि बाती
दोसर नहि केओ बसय समीप
टुटली मड़ैया करू निज बास
तोड़लहुँ पात पलासक डारि
ताहि मध्य दुना देल उलाइ
बीछी बीनी लेलहुँ, सेरेक दुइ भेल
एहन कठिन दुख दैब मोरा देल
हाथ फराठी कांख सन्देश
चलल सुदामा हरि के उदेश
पहिरन धरिया भेष कुभेष
एहन एहन रूप बसय कोन देश
बाजत धरि उठत घमघोल
शांति सऽ घूमत फिरत चहुँओर
सुनैत कृष्णा तुरन्त उठि आयल
हाथ सिंहासन झाडू लेल
दौड़ली रूकमिनि ओ सतभामा
चरण पखारि छीटथि सभठाम
आंचर दय प्रभु धोयलनि बेमाइ
तखन देलनि चर डोलाय
अमृत भोजन आनि खोऔलनि
घूरि फीरि मंदिर देलनि देखाइ
जहां देखी तहां रतनक ढ़ेरी
जौं किछु दितथि के मोहि घेरी
लाजक लेल नुकौलनि झांपि
कान्ह जानल सब बात बुझलनि
एक फाका फंकलनि दोसर फाका फंकलनि
तेसर मे रूकमिनि देल हाथे
जखन सुदामा विदा भए गेल
सभ चीज याद छीनि लेल
मोन मे सुदामा दुखी भए गेल
गरीब ब्राह्मणी हठ ठानलनि
अहिठाम छलइ रामा टुटली मड़ैया
रातियेमे कोना भूप बना देलनि अटारी
जे इहो सुदामा सम्मरि गाबिकऽ सुनाआल
तनिका बैकुण्ठ हैत बास विलास


■ रामक जोड़ी बनय जनकपुर लिरिक्स

रामक जोड़ी बनय जनकपुर
छत्तीस कोटि दे दान यो
हाथी साजल घोड़ा साजल
साजल सय बरियात यो
एते बरियात कहा भए अंटकत
ई कुल हैत निन्दा यो
अगम संगम नदी खुनाएब
त्रिभुवन कर निज घाट यो
एते बरियात ओतहि भए अंटकत
सीताकेँ होयत विवाह यो
भेल विवाह श्री राम चलू कोबर
सीता लेल अंगुरि धराय यो
जे इहो सीता सम्मरि गाबि सुनाओत
तनिका हैत बैकुण्ठ बास यो


■ पिता सुतला निश्चिन्त आमा रोबइ छथि जनकपुर मे लिरिक्स

पिता सुतला निश्चिन्त आमा रोबइ छथि जनकपुर मे
सीता रहय जोग ने छथि आब
सीता रहली कुमारी जनकपुर मे
पिता उठला चहाय चललाह वर खोजय जाथि जनकपुर मे
पिता घूरि फीरि अबथिन वर कतहु ने पार
माता खसली झमाइ जनकपुर मे
जनु आमा करू विरोग मन करू उदार जनकपुर मे
छथिन दशरथ के लाल अयोध्या मे
रामचन्द्र छथिन कुमार अयोध्या मे
चीठिया लिखाय बाबा हुनिके पठाय दिअयैन
हजमा के संग लगाय अयोध्यामे


■ गे माइ कल जोड़ि विनती करै छथि सीता बेटी लिरिक्स

गे माइ कल जोड़ि विनती करै छथि सीता बेटी
सुनू बाबा वचन हमार यौ
चोर चाण्डाल बाबा हाथ ने धरायब
करबमे पण्डित जमाय यौ
चोर चाण्डाल बाबा हाथ ने धरायब
मारत बिनु अपराध यौ
कोना हम बुझब बेटी चोर चाण्डाल
कोनाकऽ पण्डित जमाय यौ
वन पैसि चानन चौकिया छेबायब
नम्र पैसि जोहब जमाय यौ
भनहि विद्यापति सुनू हे सुनयना
लीखल मेटल नहि जाय यौ


■ घटबहि खाट पेटारहि डन्टा लिरिक्स

घटबहि खाट पेटारहि डन्टा
चानन केर चौपारि यौ
कथी लय ठाठल बसहर घरबा
कथी लय कयल विवाह यौ
माता लय ठाठल बसहर घरबा
पुत्र लय कयल विवाह यौ
कथी लय लगाओल अनधन गछिया
कथी लय लगाओल फुलवारी यौ
धान लय लगाओल अनधन गछिया
धर्म लय लगाओल फुलवारी यो
मैलहि धोती मैलहि तौनी
कारी कम्मल लेल हाथ यौ
बालक बोली अधबोलियो ने सुनलौं
दुखे जाइ छी जगरनाथ यौ
जुनि बाबू कानू जुनि नोर ढ़ारू
जुनि करू मन मे विरोग यौ
नग्र अयोध्या मे बसथि वशिष्ट मुनि
तनिकहु पठायब नोत यौ
जैं सीता सुनलनि राम अबै छथि
मनमे जागल आस यौ
हरियर गोबर आंगन निपाआल
धनुष देल ओंठगाय यौ
पातर राम धनुष बड़ भारी
धनुषा कोना कऽ उठाइ यौ
बामहि हाथ राम धनुष उठाओल
दहिनहि छोर मिलाइ यौ
टूटल धनुष सहस्र खंड भय गेल
मेदिनी उठल घहराय यौ
राम गले सीता माला पहिराओल
सीताराम होयत विवाह यौ

मंगलवार, 12 नवंबर 2024

सामा खेल चलली भौजी संग सहेली लिरिक्स - सामा गीत लिरिक्स | Sama Khela Chalali Lyrics

Sama Khela Chalali Bhouji Sang Saheli Lyrics

सामा खेल चलली भौजी संग सहेली
सामा खेल चलली भौजी संग सहेली
हो हो भैया जीवऽ हो हो जुग जुग जीयऽ हो
सामा खेल चलली भौजी संग सहेली...

कांच बांस के रंगी रंग डाला, चकमक चमके दीयरा
कांच बांस के रंगी रंग डाला, चकमक चमके दीयर
देख के भैया भौजी के जोड़ी, हुलसे हम्मर जियरा हो
हो जुग जुग जीयऽ हो, हो भैया जीयऽ हो 
हो जुग जुग जीयऽ हो
सामा खेल चलली भौजी संग सहेली -2
हो...हो भैया जीवऽ हो, हो जुग जुग जीयऽ हो
सामा खेल चलली भौजी संग सहेली

स्वर्ग परी संग गगन से उतरल, हम्मर बौआ गोर
स्वर्ग परी संग गगन से उतरल, हम्मर बौआ गोर
सबके आंगन बौआ नाचै, जहिना नवका भोर
हो...हो जुग जुग जीयऽ हो, हो भैया जीयऽ हो 
हो जुग जुग जीयऽ हो
सामा खेल चलली भौजी संग सहेली -2
हो...हो भैया जीवऽ हो, हो जुग जुग जीयऽ हो
सामा खेल चलली भौजी संग सहेली

सब कोई घर से बाहर भेली, पेन्ही पेन्ही लाल पटोर
सब कोई घर से बाहर भेली, पेन्ही पेन्ही लाल पटोर
मोरल बेसक सेनुर टिकुली, आनल भैया मोर हो
हो जुग जुग जीयऽ हो, हो भैया जीयऽ हो 
हो जुग जुग जीयऽ हो
सामा खेल चलली भौजी संग सहेली -2
हो...हो भैया जीवऽ हो जुग जुग जीयऽ हो
सामा खेल चलली भौजी संग सहेली

साम चकेबा संग संग खेलब, जारब चुगलक ठोर
साम चकेबा संग संग खेलब, जारब चुगलक ठोर
चान सनक दुलारी बहिनिया, झर झर झहरै लोर हो
हो जुग जुग जीयऽ हो, हो भैया जीयऽ हो 
हो जुग जुग जीयऽ हो
सामा खेल चलली भौजी संग सहेली -2
हो...हो जुग जुग जीयऽ हो, भैया जीवऽ हो
सामा खेल चलली भौजी संग सहेली

एैरिन बैरिन निहुछी के फेंकब, भैया के ओहि पार
एैरिन बैरिन निहुछी के फेंकब, भैया के ओहि पार
साम चकेबा संग बसाएब, कोसी कमला धार हो
हो जुग जुग जीयऽ हो, हो भैया जीयऽ हो 
हो जुग जुग जीयऽ हो
सामा खेल चलली भौजी संग सहेली
सामा खेल चलली भौजी संग सहेली हो
हो जुग जुग जीयऽ हो, हो भैया जीवऽ हो 
सामा खेल चलली भौजी संग सहेली -2

चाउर चाउर चाउर भैया कोठी चाउर
चाउर चाउर चाउर भैया कोठी चाउर
छाउर छाउर छाउर चुगला घर मे छाउर
छाउर छाउर छाउर चुगला घर मे छाउर
चुकला करे चुगली बिल्लैया करे म्याऊं
चुकला करे चुगली बिल्लैया करे म्याऊं
चुकला के झिभ हम नोची नोची खाऊं
चुकला के झिभ हम नोची नोची खाऊं
चुकला के झिभ हम नोची नोची खाऊं...


सोमवार, 11 नवंबर 2024

घर पछुअरबा में लौंग केर गछिया लिरिक्स - Ghar Pachhuarba Me Laung Ker Gachhiya

घर पछुअरबा में लौंग केर गछिया, 
लौंग चुबय आधी राति हे

लौंग के चुनि चुनि सेजिया सजाओल, 
सेज भरि देल छिड़िआइ हे
ताहि कोबर सुतलनि दुलहा से रामजी दुलहा, 
संगमे सिया सुकुमारि हे

घुरि सुतू फिरि सुतू सुहबे हे कनियां सुहबे, 
अहूँ घामे भीजत चादरि हे
एतबा वचन जब सुनलनि कनियां सुहबे, 
रूसि नैहर चलल जाथि हे

एक कोस गेली सीता दुइ कोस गेली, 
तेसरे मे भय गेल सांझ हे
कहां गेलह किए भेलह भैया रे मलहबा, 
नइआसँ उतारि दैह पार हे

दिनमे खुअयबह सुन्दर चेल्हबा मछरिया, 
राति मे ओढ़ायब महाजाल हे
चान सुरुज सन अपन प्रभु तेजल, 
तोहर बोली मोरो ने सोहाय हे

एक नइआ आबय आजन बाजन, 
दोसर नइआ आबय बरिआत हे
तेसर नइआ फल्लां दुलहा आयल, 
पान खुआय धनी मनाओल हे

घर पछुअरबामे सुपारी के गछिया, 
चतरल चतरल डारि हे
घुमइत फिरइत अयला रामचन्द्र दुल्हा, 
तोड़ि लेल सुपारीक डारि हे

मचिया बैसल अहाँ निज हे सासु, 
मालिन बेटी देत उपराग हे
अपन पुत्र रहितै डांटि डपटि दितिऐ, 
परपुत्र डांटल ने जाय हे

मैथिली भजन कीर्तन लिरिक्स - Maithili Bhajan Kirtan Lyrics

शुक्रवार, 8 नवंबर 2024

रानी सुनैना के सुंदर जमाई चलु परिछु गे दाई - Rani Sunaina Ke Sundar Jamai

चलु परिछु गे दाई, रानी सुनैना के सुंदर जमाई
चलु परिछु गे दाई, रानी सुनैना के सुंदर जमाई
चलु परिछु गे दाई...

माथे मुकुट भाल चन्दन सोहाय,
माथे मुकुट भाल चन्दन सोहाय
सोभा निरख इंद्र, चंद्रो लजाय
चलु परिछु गे दाई...

राजा जनक द्वार बाजे बधाई
राजा जनक द्वार बाजे बधाई
देखिते सिनेहिया के नैना जुड़ाई
चलु परिछु गे दाई...

मैथिली कोहबर गीत- पूरब पश्चिम मुहक घर Purab paschim muhak ghar lyrics

पूरब पश्चिम मुहक घर
दुल्हा चलु ने कोबर
चलि के देखु ने भीतर कोबर घर मे

देखू कोबर के लिखाई
पुरैनी पाति के सफाई
आय तऽ कनियाँ बजती 
अहाँ संग कोबर घर मे

ऊपर चाँद सुरुज निवास
नीचा बर कनियाँ के वास
आय तऽ कनियाँ बजती 
अहाँ संग कोबर घर मे

गुरुवार, 7 नवंबर 2024

चलु देखु भरि नयना नवल दुल्हा लिरिक्स - Chalu Dekhu Bhari Nayna Naval Dulha

Maithili Parichhan Geet

चलु देखु भरि नयना नवल दुल्हा

अरछि परछि लाउ सजनी आँगनमा
छवि देखू भरि नयना नवल दुल्हा

परम सुंदर चारु बर चित चोरबा
सखी चारु मन मोहना नबल दुल्हा

शिर मणि मौड़िया सुमंगल चनमा
सखि चारु छवि एना नबल दुल्हा

जेहने सलिनी धिया तेहने सलोनमा
रचि देल जोड़ी विधिना नवल दुल्हा

गाबथि स्नेहलता इहो परिछनमा
झट आनु सखि अंगना नबल दुल्हा

सरसों के कली सिया, जोत महान हे लिरिक्स - Sarso Ke Kali Siya Jot Mahan He

सरसों के कली सिया, जोत महान हे, तीसी फूल,
रंग दुलहा सोहान हे, तीसी फूल।

हियरा दियटिया में नेहिया चुआन हे, रस-रस,
प्रान बतिया जरान हे, रस-रस।

छवि-माधुरी-रस झहरि झहरान हे, भींजि-भींजि,
सब सखिया नहान हे, भींजि-भींजि।

सब जग भरल अन्हरबा महान हे, मोर अँगना,
उगल चार-चार चाँन हे, मोर अँगना।

जेकरा लागी जोगी-मुनी बन में ध रे ध्यान हे, सोई प्रभु,
मोरा अँगना कूटे धान हे, सोई प्रभु।

पाओल ‘करील’ ऐसन मेहमान हे, अब कछु,
नहिं जिया अरमान हे, अब कछ।

बुधवार, 6 नवंबर 2024

उगा हे सूरज देव भेल भिनसरवा लिरिक्स - Uga He Suruj Dev Lyrics

Uga Ho Surujdev Bhel Bhinsarwa Maithili Chhath Pooja Ke Geet Lyrics

उगा हे सूरज देव भेल भिनसरवा,
अरघ केरे बेरवा पूजन केरे बेरवा हो,
बड़की पुकारे देव दुनु कर जोरवा,
अरघ केरे बेरवा पूजन केरे बेरवा हो

बाझिन पुकारे देव दुनु कर जोरवा,
अरघ केरे बेरवा पूजन केरे बेरवा हो,
अन्हरा पुकारे देव दुनु कर जोरवा,
अरघ केरे बेरवा पूजन केरे बेरवा हो

निर्धन पुकारे देव दुनु कर जोरवा,
अरघ केरे बेरवा पूजन केरे बेरवा हो,
कोढ़िया पुकारे देव दुनु कर जोरवा,
अरघ केरे बेरवा पूजन केरे बेरवा हो

लंगड़ा पुकारे देव दुनु कर जोरवा,
अरघ केरे बेरवा पूजन केरे बेरवा हो,
उगा हे सूरज देव भेल भिनसरवा,
अरघ केरे बेरवा पूजन केरे बेरवा हो

स्वर: अनुराधा पौडवाल
मैथिली छठि गीत