प्रसिद्ध गीतकार रवीन्द्र नाथ ठाकुर केर मैथिली गीत संग्रह
सोमवार, 22 दिसंबर 2025
शनिवार, 20 दिसंबर 2025
गौरी विवाह गीत लिरिक्स
गे माई, चंद्र बदन सन गौरी हमर छै
सूरूज सन करब जमाय
गे माई, उत्तर ही राज सेॅ अइलै तपसवी,
बैठी गेलै रीसी के दुआरी
गे माई, भीखीयो न लै जोगी मुखहुं न बोलै
मांगए गौरी कुमारी।
गे माई, कथि लेली गौरी मोर जप तप कैलकै
कथी लेली पूजलै गोसांय
गे माई, कथी लेली गौरी मोर कैलकै कठिन व्रत
कथी लेली माघ नहाय
गे माई, शिव लेली हे आमा जप तप कैलियै
शिव लेली पूजलौं गोसांय
गे माई, शिव लेली हे आमा कैलियै कठिन व्रत
शिव लेली माघ नहाय
गे माई, शुभ-शुभ करी शिव-गौरी वियाह करी
गौरी छैई शिव के दुलारी।
गीतकार : माधवी चौधरी
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Maithili Lokgeet
एक पुड़िया सेनूर पिया लऽ के जरुर
एक पुड़िया सेनूर पिया लऽ के जरुर
अहाँ गौरी पूजन बेर आयब यौ
हम कोहबर सजैब, अहिबात बैसैब
दुनु मिल के दीप जरायब यौ
अहाँ गौरी पूजन बेर आयब यौ
लाल अरहुल फूल हम लोढ़ी आनब
अहाँ बेलपात कनबि तोरी आनब
फूल डाली साजैब, एगो माला बनैब
दुनु मिल के गौरी के सजायब यौ
हम सोना के थारी कपूर जरैब
अहाँ पटबा दोकान सं गुगुल ल ऐब
कनी फल लेने ऐब, मां के भोग लगैब
दुनु मिल के आरती उतारब यौ
सुंदर सुंदर फूल हमरो लय अनिहैँ से
गिरिजा पूजन हम जेबय गे मलिनियाँ
गौरी पूजन हम जेबय गे मलिनियाँ
बेली फूल अनिहे चमेली फूल अनिहे से
बेली फूल अनिहे चमेली फूल अनिहे से
और फूल अनिहे गुलाब गे मलिनियाँ
और फूल अनिहे गुलाब गे मलिनियाँ
एक मोन होय यै मालिन तोरे संगे जाइतौं से
एक मोन होय यै मालिन तोरे संगे जाइतौं से
देखितौं राम के सुरति गे मलिनियाँ
देखितौं राम के सुरति गे मलिनियाँ
एक मोन होय यै मालिन झुकी झुकी चलितौं से
एक मोन होय यै मालिन झुकी झुकी चलितौं से
देखितौं श्री भगवान गे मलिनियाँ
देखितौं श्री भगवान गे मलिनियाँ
माथ मणि मोडिया कुंडल सोभय कनमा से
माथ मणि मोडिया कुंडल सोभय कनमा से
सांवली सुरत मन मोहे गे मलिनियाँ
सांवली सुरत मन मोहे गे मलिनियाँ
• सुन्दर सुन्दर फूल मालिन हमरोला लबिहे (लिरिक्स -2)
सुन्दर सुन्दर फूल मालिन हमरोला लबिहे
से गिरजा पुजन हम जेबै गे मलिनिया
एक मन होय मालिन तोर सँग जैतौ
देखी लितौ राम के स्वरुप गे मलिनिया
एक मन होय मालिन तोर सँग जैतौ
चिन्ही लितौ लक्ष्मण देवर गे मलिनिया
एक मन होय मालिन तोर सँग जैतौ
देखही लितौ सेवक वीर हनुमान गे मलिनिया
आजु शोभा जनक मंदिर
चलह देखन जाइ हे
जानकी वर दूल्हा रघुवर
धनुष तोरल आई हे
परल नगर हकार घर घर
गाइनी जाइत चली नारी हे
काहु सखी लेल कलश सिरहर
काहु जल झारी हे
आनी ठक-बक पात भलर
राखल द्वार समीप हे
सांझ डाला पान चानन
लेशी चौमुख दीप हे
चाट मारी उठाए बिधकरि
धएल शुभ घड़ी नाक हे
आजु शुभ घड़ी राज कामिनी
देल कन्या दान हे
हमार पाहुन रे, हमार पाहुन रे
हमार पाहुन सारे जग से निराला,
हमार पाहुन सारे जग से निराला,
हमार पाहुन बड़ा सुंदर सलोना,
हमार पाहुन सारे जग से निराला,
धन मिथिला धन सिया बड़ भागिन,
धन मिथिला धन सिया बड़ भागिन,
धन मिथिला धन सिया बड़ भागिन,
हमार पाहुन...,
हमार पाहुन धन जनक सुनैना,
हमार पाहुन सारे जग से निराला,
इंद्र चन्द्र विधि शिव पद पूजथि,
इंद्र चन्द्र विधि शिव पद पूजथि,
इंद्र चन्द्र विधि शिव पद पूजथि,
हमार पाहुन...,
हमार पाहुन बड़ा सुंदर लुभौना,
हमार पाहुन सारे जग से निराला,
अमित कोटि ब्रह्माण्ड चलाबथि,
अमित कोटि ब्रह्माण्ड चलाबथि,
अमित कोटि ब्रह्माण्ड चलाबथि,
हमार पाहुन...,
हमार पाहुन सखी कोना ई लजौना,
हमार पाहुन सारे जग से निराला
इहो पढ़ब:-
गौरी कथि लय करब विवाह
एहन दिगंबर बुढ़वा बर सं
एहन दिगंबर बुढ़वा बर सं
कथि लाय करब विवाह
गौरा कथि लय करब विवाह
एहन दिगंबर बुढ़वा बर सं
एहन दिगंबर बुढ़वा बर सं
कथि लय करब विवाह
गौरा कथि लय करब विवाह
नहिं भैर बीत खेत छैन हिनका
नै हऽर ओ हरबाह
नहिं भैर बीत खेत छैन हिनका
नै हऽर ओ हरबाह
भीख मांगि कऽ गुजर करै छैथ
भीख मांगि कऽ गुजर करै छैथ
अहां के कोना निर्बाह
गौरा कथि लय करब विवाह
एहन दिगंबर बुढ़वा बर सं
एहन दिगंबर बुढ़वा बर सं
कथि लय करब विवाह
गौरा कथि लय करब विवाह
भरि दिन भांग धतुर बिख माहुर
खाए भेल हरताह
भरि दिन भांग धतुर बिख माहुर
खाए भेल हरताह
किछु कहबैन तऽ रूसी परौता
किछु कहबैन तऽ रूसी परौता
बोसनो नहीं घुरताह
गौरा कथि लाय करब विवाह
एहन दिगंबर बुढ़वा बर सं
एहन दिगंबर बुढ़वा बर सं
कथि लय करब विवाह
गौरा कथि लय करब विवाह
सब दिन जाए मशान रमौता
भूतक संग नचताह
सब दिन जाए मशान रमौता
भूतक संग नचताह
रहब कोना हुनका लग गौरा
रहब कोना हुनका लग गौरा
बसहो छैन मरखाह
गौरा कथि लाय करब विवाह
एहन दिगंबर बुढ़वा बर सं
एहन दिगंबर बुढ़वा बर सं
कथि लाय करब विवाह
गौरा कथि लय करब विवाह
अन के दुख हरबाए लाए इ छैथ
बनल छैथ बताह
अन के दुख हरबाए लाए इ छैथ
बनल छैथ बताह
सुनि ए मनाइन इ शितकाई
सुनि ए मनाइन इ शितकाई
एहन नै बर भेटताह
गौरा कथि लय करब विवाह
एहन दिगंबर बुढ़वा बर सं
एहन दिगंबर बुढ़वा बर सं
कथि लाय करब विवाह
गौरा कथि लय करब विवाह
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मैथिली टेमी गीत
प्रिय रघुवर नयना कसिकऽ धरू
काँपनि सिया केर गात
श्रीखण्ड चानन घसिकऽ धरू
पानक पात लए आँखि मुनाओल
शुभ घड़ी टेमी लेसि कऽ धरू
ई अवसर नहि लाजक बेर थिक
अपन हाथ सक्कत करू
प्रिय पाहुन नयना कसिकऽ धरू
नहु-नुह धर सखि बाती
धरकय कोमल छाती
नहु-नहु पान पसारह
नहु-नहु दुहु दृग झाँपह
मधुर-मधुर उठ दाहे
मधुर-मधुर अवगाहे
कुमर करह विधि आजे
मधुश्रावणी भल काजे
परिछन गीत
आबु आबू आबू दुल्हा अंगना हमार हे
आबु आबू आबू दुल्हा अंगना हमार हे
अंगना में होयत दुल्हा विधि सब तोहार हे
अंगना में होयत दुल्हा विधि सब तोहार हेJ
एना कियै चलइ छी दुल्हा सासु जी के घर हे
एना कियै चलइ छी दुल्हा सासु जी के घर हे
सासु सब हँसि देती चालि देखि तोहार हे
सासु सब हँसि देती चालि देखि तोहार हे
अंगना में होयत दुल्हा विधि सब तोहार हे
नहु नहु चलु दुल्हा छोडू डेग नम्हर हे
नहु नहु चलु दुल्हा छोडू डेग नम्हर हे
सरहज दुलारी लेती नाक पकड़ि हे
सरहज दुलारी लेती नाक पकड़ि हे
अंगना में होयत दुल्हा विधि सब तोहार हे
सरहज दुलारी लेती नाक पकड़ि हे
सरहज दुलारी लेती नाक पकड़ि हे
रीझल कनक लता दुल्हा ऊपर हे
रीझल कनक लता दुल्हा ऊपर हे
अंगना में होयत दुल्हा विधि सब तोहार हे
शुक्रवार, 19 दिसंबर 2025
प्रगटी सिया सुखदैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया,
बाजे बधैया हो बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर में बाजे बधैया
मखमली कर्षत औचक प्रगट भई,
मख महि कर्षत औचक प्रगट भई,
हरषे लोग लुगैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया
धन धन जनक जनकपुर धरनी,
धन धन जनक जनकपुर धरनी,
धन्य सुनैना मैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया
धन्य धन्य भाभी सिद्धि प्यारी,
धन्य धन्य भाभी सिद्धि प्यारी,
धन लक्ष्मीनिधि भैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया
बाबा लुटावत हाथी यूं घोडा,
बाबा लुटावत हाथी यूं घोडा,
कनक वसन मणि गैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया
मैया लुटावे वसन आभूषण,
मैया लुटावे वसन आभूषण,
हिरा अशर्फी रुपैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया
अंगना में अलिगन नाचत गावत,
अंगना में अलिगन नाचत गावत,
नाचे ता थई ताता थैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया
स्वस्तिक पाठ पढ़त पण्डित जन
स्वस्तिक पाठ पढ़त पण्डित जन
द्वारे बजट शहनाईया
जनकपुर में बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर में बाजे बधैया
निरखि निरखि पुरनारी ल्लीमुख
निरखि निरखि पुरनारी ल्लीमुख
पुनि पुनि लेत बलैया
जनकपुर मे बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया
चिर जीबो श्री जनक लाडली
चिर जीबो श्री जनक लाडली
खेलो जनक अंगनईया
जनकपुर मे बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया
वर अनुरूप मिले अविनाशी,
वर अनुरूप मिले अविनाशी,
रहे शिव शंकर सहैया,
जनकपुर में बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर मे बाजे बधैया
अचल सुहाग भाग परिपूरण,
अचल सुहाग भाग परिपूरण,
अचल रहे प्रभु तैया,
जनकपुर में बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर में बाजे बधैया
तुम्हरी कृपा से नारायण की,
तुम्हरी कृपा से नारायण की,
पार लगेगी नैया,
जनकपुर में बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर में बाजे बधैया
प्रगटी सिया सुखदैया,
जनकपुर में बाजे बधैया,
बाजे बधैया आज बाजे बधैया,
प्रकटी सिया सुखदैया,
जनकपुर ने बाजे बधैया
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Sita Mata Bhajan