Angika Vivah Geet (Doliya Kahar) Lyrics
बाबा हरे हरे बांसवा कटाइ दिहो
बतिया चिराई दिहो मड़वा छड़ाई दिहो हो
बाबा मड़वा में फूलवा सजाई दिहो
झालर लगाइ दिहो बेदिया बनाई दिहो हो
बेटी हरे हरे बांसवा कटाइ देबो
बतिया चिराई देबो मड़वा छड़ाई देबो हे
बाबा मड़वा में फूलवा सजाई देबो
झालर लगाइ देबो बेदिया बनाई देबो गे
ओहिरे मड़वा चढ़ि बेटी बैठाइ दिहो
हरदी चढ़ाई दिहो दुल्हिन बनाई दिहो हो
बाबा चांद नगरिया में दुल्हा मंगाई
हमरा बियाही दिहो हो
बाबा सोने केर डोलिया में
बत्तीसो कहरवा लगाई दिहो हो
ओहिरे मड़वा पर तोरा बैठाइ देबौ
हरदी चढ़ाई देबौ दुल्हिन बनाई देबौ गे
बाबा चांद नगरिया में दुल्हा मंगाई
तोरा बियाही देबौ गे
बाबा सोने केर डोलिया में
बत्तीसो कहरवा लगाई देबौ गे
सोने केर डोलिया में बैठी जब जाइबे बर
हरषाईबे सब ना सजाइब हो
बाबा सखिया सहेली छोड़ि ससुरार जेबै
सबके रुलाइबे हो
बाबा भैया के घर छोड़ि
पिया के नगर हम बसाइबे हो
सोने केर डोलिया में बैठी हमर गुड़िया बेटी
ससुरार जाइतै सबके रुलाइतै गे
बेटी बाबुल के घर छोड़ि
पिया के नगर एक दिन जाइतै गे
बेटी कानते कानते हमर आंसू सुखी जेतै
सब कोई समझैतै गे
बेटी कानते कानते हमर आंसू सुखी जेतै
सब कोई समझैतै गे
बेटी कानते कानते हमर आंसू सुखी जेतै
सब कोई समझैतै गे