गुरुवार, 10 फ़रवरी 2022

मिथिला में राम खेलथि होली लिरिक्स - Mithila Mein Ram Khele Hori Lyrics

Mithila Me Ram Khelaith Holi Song Lyrics by Kunj Bihari Mishra

मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में हो, मिथिला में हो,
मिथिला में हो, मिथिला में हो, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,

अबिर गुलाल कुमकुमा केशर,
अबिर गुलाल कुमकुमा केशर,
सखियन के शोभै नटवेशर,
सखियन के शोभै नटवेशर,
अबिर गुलाल कुमकुमा केशर,
सखियन के शोभै नटवेशर,
हाथ लेने अबिरक झोड़ी, रे लाला
हाथ लेने अबिरक झोड़ी, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में...

आजु जनकपुर रंग में सानल,
आजु जनकपुर रंग में सानल,
मैथिल हिय आनंद समायल,
मैथिल हिय आनंद समायल,
आजु जनकपुर रंग में सानल,
मैथिल हिय आनंद समायल,
सब धेने प्रेमक डोरी रे लाला,
सब धेने प्रेमक डोरी, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में...

सीता-रामक छवि अति प्यारी,
सीता-रामक छवि अति प्यारी,
नवल बसंतक महिमा न्यारी,
नवल बसंतक महिमा न्यारी,
सीता-रामक छवि अति प्यारी,
नवल बसंतक महिमा न्यारी,
युगल सरस मन के भोरी, रे लाला,
युगल सरस मन के भोरी, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में...

मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में हो, मिथिला में हो,
मिथिला में हो, मिथिला में हो, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में

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