महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव केर मंत्र अछि। अहि मंत्र के भगवान शिव केर सबसं बड़का मंत्र मानल जाइत अछि। हिन्दु धर्म मे अहि मंत्र के प्राण रक्षक मंत्र मानल जाइत अछि। एहन मानल जाइत अछि जे अहि मंत्र के जाप केला सं भगवान शिव प्रसन्न होइत छथिन आ मंत्र के जाप केनिहार सं मृत्यु सेहो डरय अछि। अहि मंत्र के जाप सबसं पहिले महाऋषि मार्कंडेय द्वारा कैल गेल छलनी।
महामृत्युंजय मंत्र ( Mahamrityunjaya Mantra ) -
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
महामृत्युंजय मंत्र अर्थ मैथिली -
तीनू लोक के पालनकर्ता, व्याधिहर्ता, पोषणहार परमात्मा, पाकल फल जाहि तरह ओहि डंठल सं अलग भ जाइत अछि ओहि प्रकार रोग आ मृत्यु सं हमरा बचायब आ अमृतमय जीवन प्रदान करब।
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मिथिला में पार्थिव शिवलिंग पूजन विधि मंत्र सहित उपलब्ध करावे की कोशिश करु, अगर किनको पास हुवे त। धन्यवाद
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