मैया आबि रहल छथि हुनकर नुपूर रुनझुन बाजनि हे,
सिंह चढ़ल एक कमल विराजित ताहिपर खप्पर नेने हे।
कारी केश हुनक अति सुन्दर धरती लोटनि हे,
रुण्ड-मुण्डसँ देह नुकौने रूप बनौने हे।
अस्त्र-शस्त्र के धारण कयने खल-खल हँसथिन हे,
यैह थिकी काली दुर्गा तारा भगत उधारिनि हे।
जय-जय अम्बे जय जगदम्बे जगत उधारिनि हे,
सेवक सब कलजोड़ि ठाढ़ छथि गोड़ लगै छथि हे।
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