मिथिला धरोहर : मधुबनी जिलाक राजनगर ( Madhubani Rajnagar ) मे 17वीं शताब्दी मे बनल एकटा एहन अनोखगर महल अछि जे नौ लाख चांदीक सिक्का सं बैन के तैयार भेल छल। मिथिलाक अनमोल सांस्कृतिक धरोहर के निर्माण दरभंगा के महाराजा रामेश्वर सिंह (Maharaja Rameshwar Singh Darbhanga ) द्वारा कैल गेल छलनी। राजा केर इच्छा छलनी जे जे दरभंगा राज हुनकर शासनकाल मे राजनगर सं चलै। मुदा एना नै भ सकल।
अहि महल'क संग विडम्बना इ रहल जे सन 1934 मे आयल भूकंप मे इ महल खराब जंका क्षतिग्रस्त भ गेल छल, जाहिके उपरांत दरभंगा राज के 22वें महाराज कामेश्वर सिंह पुनः एकरा संवारलनी मगर कुदरत के इहो मंजूर नै भेल। 1988 मे इ महल फेर सं ध्वस्त भ गेल।
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महाराजा मां काली केर भक्त छलथि ताहिलेल महलक सोंझा काली मंदिर सेहो बनबेलथि। नौलखा मंदिरक ( Navlakha Palace, Rajnagar ) बीचो-बीच सात मंजिला इमारत स्थित अछि, अहि मंदिरक ठीक सोंझा एकटा पोखरी अछि, बतायल जाइत अछि जे महारानी के कमरा धरि अहि पोखरी द्वारा पैइन आबैत छल।बतायल जाइत अछि जे महाराजा के छोटकी और बरकी महारानी लेल पोखरी खोदबायल गेल छल।
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महल परिसर मे कतेको मंदिर अछि जाहिमे तंत्र के देवि केर मूर्ति स्थापित अछि। हिनक पूजा दक्षिण दिशा मे होइत अछि। संगमरमर सं बनल काली मंदिर पर्यटक के आकर्षण'क केंद्र अछि। चाइर हाथि के खंभा बला सिंहद्वार अपने मे बर भव्य लागैत अछि। 1934 मे आयल भूकंप मे अहि महल के बहुते नुकसान भेल छल।
परिसरक बाहर एकटा महादेव मन्दिर सेहो अछि।परिसर मे जलक्रीड़ा लेल पोखैर और राजकाज चलेबाक लेल महल सं स्टाल सचिवालय के सेहो निर्माण सेहो कराओल गेल छल।
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अहि मे वर्तमान समय मे विशेश्वर सिंह जनता महाविद्यालय चली रहा अछि ।
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