इतिहास:-
इ सिद्धपीठ तंत्र विद्या पर आधारित अछि अहि के स्थापना महान तांत्रिक पं.मुनेश्वर झा जी 1941 ई. मे केने छलथि। पंडित मुनेश्वर झा (आब स्वर्गीय) महान तंत्र साधक छलथि। अहि मंदिर परिसरे मे विश्व प्रसिद्ध एकादशरूद्र मंदिर अछि। जाहिमे एकेटा जलढरी मे 11 शिवलिंग स्थापित अछि।
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विशेषता :-
एतय आबय बला श्रद्धालु के इ माननाय अछि जे हिनक पूजा केला सं माँ सरस्वती आ माँ लक्ष्मी केर एके संग प्राप्ति होइत अछि। एतय माता केर प्रतिदिन श्रृंगार होइत छनि। एतय प्रतिमा के दर्शने टा कैल जा सकैत छि। जे भी सामग्री देल जाइत अछि ओ पूजारी के माध्यम सं माता केर अर्पित क देल जाइत छनि। विभिन्न प्रकारक प्रेत वाधा सं एतय एला पर मुक्ति भेट जाइत अछि।
कोना पंहुचब मन्दिर:-
एतय पहुंचबाक लेल मधुबनी जिला मुख्याल या निजी वाहन सं आँहा तीन कि०मी० के दूरी तय क पहुंच सकै छि। मंदिर परिसर मे फूल आ अन्य पूजा सामग्री अहाँक भेट जायत।
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