मिथिला धरोहर (ब्लॉगर.कॉम) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोजगारक लेल पकौड़ा के नाम की लेलथि, सड़क सं संसद धरि सब दिस पकौड़ा प्रकरण चर्चे मे आबि गेल छल। मुदा मिथिला के भोजन मे तरूआ ( Taruaa Dish ) बहुते खास ऐछ। मिथिला मे तरूआ मे तिलकोर सं ल'के आलू, भांटा, कोभी सं ल'के विविध तरकारी के समेटल जाइत अछि।
मिथिला मे खान-पानक संस्कृति मे तीन चीजक भेनाय बहुते जरूरी छैक : मिथिलाक भोजन तीन, कदली, कबकब, मीन । एतय कदली यानी केला, कबकब यानी ओल आ मीन यानी माछ।
तरूआ के लेल एकटा आन कविता अछि-
भिंडी - भिनभिनायत भिंडी के तरुआ,
आगु आ ने रे मुँह जरुआ
हमरा बिनु उदास अछि थारी,
करगर तरुआ रसगर तरकारी...
पूरा अर्थ नै बुझियौ खाली एतबे ध्यान रखियौ जे अहि गीत मे भिंडी सं ल'के कुम्हर तक के तरूआ के चर्चा अछि।
तरूआ त लगभग सभ तरकारी के बनैत छैक। आलू, भांटा, कोभी, सजमैन, कदीमा, कुम्हर, परोर, ओल, अरिकंचन। मुदा मिथिला मे अतिथि के सत्कार मे सबसं महत्वपूर्ण तरूआ होइत छैक तिलकोरक। मिथिला मे तिलकोरक लत्ती अहाँक सभ घरक बाड़ी मे भेट जायत। जानकारक दावा छैन जे तिलकोर टाईप वन डायबिटीज के लेल प्राकृतिक चिकित्सा के रामबाण अछि। मैथिल सब कहै छथि जे तिलकोर के नियमित सेवन सं पेनक्रियाज सं इंसुलिन के स्राव नियमित भ जाइत अछि।
बहरहाल, मिथिला मे तिलकोरे नै औरो तरकारीक तरुआ बनेबाक विधि लगभग एके जेहन अछि। अहिके लेल अमूमन चाऊर सं बनल पिठार के इस्तेमाल कैल जाइत अछि। उदाहरणक तौर पर आलूक तरुआ के गप्प कैल जाइत त ओकरा पातर टुकड़ा मे स्लाइस एहन काइट के राईख लेल जाइत अछि। जहिना कि चिप्स के लेल काटल जाइत छैक। पिठार फेंट क ओहिमे निमक हरैद मिला देल जाइत अछि। अगर इच्छा होय त कनि लाल मिर्चीक बुकनी सेहो।
फेर आलू के फ्लेक के ओहि पिठार मे डुबा क कड़कैत तेल मे तैर लेल जाइत अछि। आंच मध्यम रखला सं तरूआ निक सं पाकैत अछि। अहिना, भांटा आ तिलकोर समेत आन तरकारी के लेल कैल जाइत अछि।
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