الأربعاء، 5 أكتوبر 2022

सुतल छलियै बाबा के भवनवा लिरिक्स | Sutal Chaliye Baba Ke Bhawanwa Lyrics

Sootal Chaliyai Baba Ke Bhawanwa Lyrics in Hindi

सुतल छलियै बाबा के भवनवा, बाबा के भवनवा
अचके में आयल कहार
लय दय निकसल बिजुबन बैसल, 
बिजुबन बैसल
जंहा अपन नही कोई
चारि कहरिया, चारि कहरिया
पांचम लोकनियां, पांचम लोकनियां
संगहि सहोदर भाई

दूरही छूटल असहर-बसहर, 
असहर-बसहर
दूर छूटल परिवार
कोहबर छूटल, संग के सहेली सब, 
संग के सहेली सब
राम लेलन डोलिया चढ़ाय
बिना माँ के, बिना माँ के, 
धिया केना रहथिन, धिया केना रहथिन
छने-छने उठथिन चेहाय
सुतल छलियै बाबा के भवनवा, 
बाबा के भवनवा
अचके में आयल कहार


هناك تعليق واحد:

  1. ई लोकगीत के रचनाकार के नाम पता करु। धन्यवाद

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