الجمعة، 21 فبراير 2025

भरदुतिया (भ्रातृ द्वितीया) मंत्र - Bhardutiya Mantra Maithili

भाई-बहिनक प्रेमकऽ प्रतीक भरदुतिया (भ्रातृ द्वितीया) कऽ पर्व दीवाली कऽ दू दिनक बाद, कार्तिक मासक शुक्ल पक्ष केर द्वितीया तिथि केँ मनाओल जाईत अछि। एही पर्व में बहिन भाई केँ निमंत्रण दऽ केँ अप्पन घर बजावैत छथि। अरिपन बना कऽ पिड़ही पर भाई केँ बैसायल जाईत अछि। ललाठ पर पिठार आ सिंदुरक ठोप कऽ, पान सुपारी भाई केँ हाथ में दकेँ बहिन एही पन्ती केँ उचारण करैत छथि - 

मिथिला के भरदुतिया मंत्र :-

"गंगा नोतय छैथ यमुना के,  हम नोतय छी भाई केँ 
जहिना जहिना गंगा-यमुना केँ धार बहय, हमर भाय सबहक औरदा बढ़य" 

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