रक्षाबन्धन एकटा हिन्दू त्यौहार अछि जे प्रतिवर्ष श्रावण मासक पूर्णिमा कऽ दिन मनायल जैत अछि। श्रावण (सावन) मऽ मनैल जाय कऽ कारण एकरा श्रावणी (सावनी) या सलूनो सेहो कहल जैत अछि। रक्षाबन्धन मऽ राखी या रक्षासूत्र कऽ सबसँ अधिक महत्व अछि। राखी कच्चा सूत जेहन सस्ता वस्तु सँ ल क रंगीन रेशमी धागा, आ सोना या चाँदी जेहन मँहग वस्तु तक होइत अछि। राखी सामान्यत : बहिन भाई कऽ बाँधैत अछि, कहियो-कहियो सार्वजनिक रूप सँ कोनो नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति कऽ सेहो राखी बाँधल जैत अछि।
अब तऽ प्रकृति संरक्षण हेतु वृक्षों कऽ राखी बाँधय कऽ परम्परा प्रारम्भ भेल अछि। हिन्दू धर्म कऽ सभटा धार्मिक अनुष्ठान म रक्षासूत्र बाँधैत समय पण्डित या आचार्य संस्कृत म एक टा श्लोक कऽ उच्चारण करैत अछि, अय श्लोक कऽ मैथिलि अनुबाद- "जय रक्षासूत्र सँ महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि क बाँधल गेल छल, ओही सूत्र सँ हम अंहा कऽ बाँधै छि, अंहा अपन संकल्प सँ कहियो भी विचलित नय हैव।
ओना त मिथिलांचल (भारत) म भाई-बहिन कऽ बीच प्रेम ऑउर कर्तव्य कऽ भूमिका कुनो एक दिनक मोहताज नय अछि, मुदा रक्षाबंधन कऽ ऐतिहासिक ऑउर धार्मिक महत्व कऽ वजह सँ इ दिन बेसी महत्वपूर्ण बनल अछि। बरखों सँ चलैत आबैत इ त्यौहार आयों मिथिला छेत्र म बहुते हर्षोल्लास कऽ साथ मनायल जैत अछि।
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