मिथिला धरोहर, मधुबनी : पंडौल प्रखंड के भवानीपुर गांमक उगना शिवालय हजारों वर्ष प्राचीन अछि। एतय आबय बला सब भक्त के मनोकामना शिव पूर्ण करैथ छथि। कहल जाइत अछि जे अहि स्थल पर महाकवि विद्यापति के प्यास हुनक सेवक उगना बनल महादेव बुझेने छलैथ।
मंदिरक इतिहास
अहि मंदिरक निर्माण दू सौ साल पूर्व तत्कालीन दरभंगा राज द्वारा कैल गेल छला। जे 1934 के भूकंप मे नष्ट भऽ गेल। एहीके बाद तत्कालीन महाराज के सहयोग आ ग्रामीण के सहयोग सँ वर्तमान मंदिरक जीर्णोद्धार करायल गेल आहीके प्राचीनता के अंदाजा अहि सँ लगायल जा सकैत अछि जे एतय सात फुट नीच्चा जा के अहाँ शिवलिंग के दर्शन कऽ सकैत छी। मिथिला के इतिहास के रचनाकार डॉ० रामप्रकाश शर्मा सेहो एहीके प्राचीन मानैत छथि। शिव लिंग के स्थापना प्र्द्रहवीं शताब्दी के प्रथम मे भेल छल।
सावन मे एतय शिव लिंग के जलाभिषेक हजार के संख्या मे शिवभक्त सिमरिया सँ गंगाजल लऽ के करैत छथि। संगेह मंदिर परिसर के चंद्रकूप के अति पवित्र जल सेहो भोलेनाथ के अर्पण कैल जाइत छनि। एतय भव्य मेला के सेहो आयोजन कैल जाइत अछि। अहि स्थान पर सालों भरि श्रद्धालु के एनाअ लागल रहैत अछि। कहल जाइत छैक जे अहि शिव के पूजा पांडव अज्ञात वास के समय केने छलथि। एतय के पंडौल प्रखंडक नामकरण एही आधार पर भेल कहल जाइत छैक।
एतय जेबाक लेल मधुबनी-सकरी मुख्य सड़क मार्ग मे पंडौल उतरि के ओतय सँ रिक्शा या ऑटो सँ जा सकै छी। ओतय दोसर मार्ग दरभंगा-जयनगर रेल मार्ग के उगना हाल्ट सँ उतरी के अहाँ पैदल दूरी तय कऽ के जा सकै छी।
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