शनिवार, 30 मई 2020

अभिनव कोमल सुन्दर पात लिरिक्स - Abhinav Komal Sundar Paat Lyrics

रचनाकार - विद्यापति

अभिनव कोमल सुन्दर पात।
सगर कानन पहिरल पट रात।।

मलय-पवन डोलय बहु भांति।
अपन कुसुम रसे अपनहि माति।।

देखि-देखि माधव मन हुलसंत।
बिरिन्दावन भेल बेकत बसंत।।

कोकिल बोलाम साहर भार।
मदन पाओल जग नव अधिकार।।

पाइक मधुकर कर मधु पान।
भमि-भमि जोहय मानिनि-मान।।

दिसि-दिसि से भमि विपिन निहारि।
रास बुझावय मुदित मुरारि।।

भनइ विद्यापति ई रस गाव।
राधा-माधव अभिनव भाव।।

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