गुरुवार, 28 दिसंबर 2023

तरुणि बयस मोही बीतल सजनी गे Tarun bayas mohi beetal sajni ge

रचनाकार - विद्यापति
बटगमनी गीत 

तरुणि बयस मोही बीतल सजनी गे
पहुँ बीसरल मोहि नामे
कुसुम फूलि-फूलि मौललि सजनी गे
भमरा लेल बिश्रा में
चानन बुझि हम रोपल सजनि गे
हिरदय कोरि थल देल
नयनहुँ नीर पटाओल सजनी गे
आखिर सिम्मर भेल

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !