शनिवार, 23 नवंबर 2024

आठ ही काठ के ओठरिया हो दीनानाथ - Aath Hi Kath Ke Kothariya Ho Dinanath Lyrics

आठ ही काठ के ओठरिया हो दीनानाथ 
रुपे छन लागल केवार
आठ ही काठ के ओठरिया हो दीनानाथ 
रुपे छन लागल केवार
ताहि ऊपर चढ़ि सुतले हो दीनानाथ
बांझी केवरवा धईले ठाड़
ताहि ऊपर चढ़ि सुतले हो दीनानाथ
बांझी केवरवा धैले ठाड़

चद्दर उघारि जब देखले हो दीनानाथ
कौने संकट परल ओहार
चद्दर उघारि जब देखले हो दीनानाथ
कौने संकट परल ओहार
उत संकट परल मोरा हो दीनानाथ
ओहिले केवरवा धईले ठाड़
उत संकट परल मोरा हो दीनानाथ
ओहिले केवरवा धईले ठाड़

चद्दर उघारि जब देखले हो दीनानाथ
कोना संकट परल तोहार
चद्दर उघारि जब देखले हो दीनानाथ
कोना संकट परल तोहार
नयना संकट परल मोरा हो दीनानाथ
ओहिले केवरवा धईले ठाड़
नयना संकट परल मोरा हो दीनानाथ
ओहिले केवरवा धईले ठाड़

चद्दर उघारि जब देखले हो दीनानाथ
कौन संकट परल तोहार
चद्दर उघारि जब देखले हो दीनानाथ
कौन संकट परल तोहार
काया संकट परल मोरा हो दीनानाथ
ओहिले केवरवा धईले ठाड़
काया संकट परल मोरा हो दीनानाथ
ओहिले केवरवा धईले ठाड़

बांझिनी के पुत जब दिहले हो दीनानाथ
खेलत कुदत घर जात
बांझिनी के पुत जब दिहले हो दीनानाथ
खेलत कुदत घर जात
अन्हरा के आंख दिहले कोढ़िया के कायवा
हंसत बोलत घर जात
अन्हरा आंख दिहले कोढ़िया के कायवा
हंसत बोलत घर जात

स्वर: शारदा सिन्हा


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