छठी माय के दौरवा दूल्हा टांगे रे
छठी माय के दौरवा दूल्हा टांगे रे,
पुरुब दिशा में माय हे सुरुज जागे रे
छठी माय के दौरवा दूल्हा टांगे रे
छठी माय के दौरवा दूल्हा टांगे रे,
गैय्या के बनधनवां, तीनो तिरलोक जागल,
आँगन दुअरिया में सुतल अनहरिया भागल,
सोनवां के सुपबा सोहावन लागे रे,
सोनवां के सुपबा सोहावन लागे रे,
पुरुब दिशा में माय हे सुरुज जागे रे
छठी माय के दौरहा दूल्हा टांगे रे,
पुरुब दिशा में माय हे सुरुज जागे रे..
गंगा जी के तीर तीरे, सुपबा सजाइल,
लक्ष्मी नारायण के नारियल चढ़ाइल
हाथ उठाई मनवां सुपबा मांगे रे,
हथबा उठाई मनवां सुपबा मांगे रे,
पुरुब दिशा में माय हे सुरुज जागे रे
छठी माय के दौरहा दूल्हा टांगे रे,
पुरुब दिशा में माय हे सुरुज जागे रे..
अन्हरा के आँखियां मिलल, कोढ़िया के कायबा
निर्धन के अन धन, बांझीन मायबा,
अरघ चढ़ाबे लँगड़ा आगे आगे रे,
अरघ चढ़ाबे लँगड़ा आगे आगे रे,
पुरुब दिशा में माय हे सुरुज जागे रे
छठी माय के दौरवा दूल्हा टांगे रे,
पुरुब दिशा में माय हे सुरुज जागे रे..
Album : सकल जगतरणी हे छठी मैया
Singer : शारदा सिन्हा
Lyrics : विश्णु प्रशाद सिन्हा
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