शनिवार, 14 जनवरी 2017

मिथिलाक अहि संग्रहालय मे अछि एक इंच के दुर्लभ रामायण आ कुरान ...जानू

मिथिला धरोहर : दरभंगा जिला मे स्थित चंद्रधारी संग्रहालय मे बहुते बहुमूल्य धरोहर सुरक्षित राखल गेल अछि। एतय ब्रह्मा के दुर्लभ पांचजन्य शंख अछि। दांया दिस मुंह वला दक्षिणवर्ती शंख अछि। 24 तरहक हीरा अछि। एकटा एहन अंगूठी सेहो अछि, जेकरा पहिरला सँ शरीर के तापमान'क जानकारी भेटैत अछि। हीरा जडि़त शिव विद्या यंत्र, श्रीचक्र, एकमुखी रुद्राक्ष समेत सोना के बहुते सिक्का अछि। अहि ठामक धरोहर के लिस्ट एतय पूरा नय होइत अछि। 
एतय महज एक इंच के रामायण, दुर्गा सप्तशती आ कुरान सेहो राखल गेल अछि। अहि पुस्तक के लेंसे टा सँ पढ़ल जा सकैत अछि। एतय बहुते अन्य दुर्लभ चीज सेहो अछि, जेकरा देखला सँ समृद्ध विरासत के स्मृति जीवंत भऽ उठैत अछि। संग्रहालय के विशेष दीर्घा मे राखल एक इंच के तीनो धार्मिक ग्रंथ (रामायण, दुर्गा सप्तशती आ कुरान) के लंबाई आ मोटाई मात्र एक इंच अछि। अहिमे रामायण आ दुर्गा सप्तशती केर सबटा अध्याय और कुरान कऽ सबटा आयत समाहित अछि। लेखक अचलाईनाथ योगी जी पूरा ग्रंथ के एही तरहे समायोजित केने छथिन जे देखय बला आश्चर्यचकित रैह जाइत छथि। अहिक प्रकाशन बनारस'क गोरखानंद पुस्तकालय सँ भेल अछि।
1957 मे भेल छल स्थापना
चंद्रधारी संग्रहालय के स्थापना 7 दिसंबर 1957 के कैल गेल छल। पहिले एकर नाम मिथिला संग्रहालय पड़ल। बाद मे मुख्य दाता मधुबनी जिला के रांटी ड्योढ़ी के जमींदार बाबू चंद्रधारी सिंह केर नाउ पर एकर नामकरण भेल। हुनका सँ भेटल कलाकृति आ धरोहर सँ एकर निर्माण कैल गेल छल। एतय 11 दीर्घा मे पुरातात्विक आ कलात्मक कृतिं प्रदर्शित अछि। आम दर्शक लेल दस सँ चाइर बजे धरि संग्रहालय खुजल रहैत अछि। 


कतेको हस्ति के भऽ चुकल अछि आगमन
संग्रहालय मे देश के कतेको हस्ति के आगमन भऽ चुकल अछि। दरभंगा के महाराजा कामेश्वर सिंह खुद धरोहर के अवलोकन कऽ चुकल छथि। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन, लोकनायक जयप्रकाश नारायण आ हुनक  पत्नी प्रभावती, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सह, कर्पूरी ठाकुर, पूर्व राज्यपाल डॉ. एआर किदवई, डॉ. एलपी शाही, जगन्नाथ कौशल आदि एकर मुआयना कऽ चुकल छथि।

Tags: # Bihar museum # Chandradhari museum # Darbhanga museum  # Mithila heritage

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