बुधवार, 4 जून 2014

मिथिला भ्रमण : मैथिली कविता

मिथिला में आबि के सीता के गाम देखु।
पवित्र पावन जनकपुर धाम देखु।

विद्यापति महान कवि तिनकर सम्मान देखु।
पग-पग पोखरी कमला, बलान देखु।

तिलकोरक तरुआ, माछ झोर, पुड़ी पकवान देखु।
एक बेरी आबिके पाहूनक मान-दान देखु।

चंद्रधारी  संग्रहालय आ दरभंगाक किला देखु।
नर्गोना पैलेस संगे सगरो जिला देखु।

दरभंगा के श्यामा माइ संगे राज मैदान देखु।
टावर पर लस्सी पिब पानक बगान देखु।

प्रसिद्ध लोक काला मिथिला के चित्र देखु
डेगे-डेगे पर मिथिला विभित्र देखु

बरुआ क बाप के पियर धोती देखु
पूजा म पुड़हित के पढैत पोथी देखु

 मोछ पर ताऊ दैत जनेऊ के तान देखु
 सबहा गाछी के आमक बगान देखु

पावनि कोजगरा में बांटैत मखान देखु
चौरचन, छैठ और धानक लवान देखू।

मरुआ क रोटी पर गोटक साग देखू।
माथा पर दूल्हा के ललका पाग देखु
✒️©प्रभाकर मिश्र 'ढुन्नी

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