रविवार, 18 जनवरी 2015

आइएएस बनवाके लेल पसिन्न कैल जा रहल अछि मैथिलि

मि.ध.: साल 2002 मे भरतीय संविधानक अष्टम् अनुसूची मे मैथिलि भाषा के सामिल कैल गेला के बाद अही विषय के छात्रक संख्यां मिथिला क्षेत्र सँ बाहर बढे लागल अछि। खासकेर संघ लोक सेवा आयोग के परीक्षा मे वैकल्पिक विषयक रूप मे मैथिलि के चयन करै वला के संख्या मे एका-एक बिर्धि भेल। मैथिलि केर वैकल्पिक भाषाक रूप मे राखी आ पास कऽ के आइएएस बनै वला क्षात्रक संख्या दू दर्जनक पार पंहुच गेल अछि। बिहार लोक सेवा आयोग मे मैथिलि पहिलेही सँ शामिल अछि। अखन धरी बहुत रास विद्यार्थी वैकल्पिक विषयक रूप मे राखी बीपीएससी के परीक्षा पास कऽ के और आई विभित्र प्रशासनिक पद पर काज कऽ रहल छथी। 
मधुबनी के अनुज  बनलैथ पहिल आइएएस
वर्ष 2008क यूपीएससी परीक्षा मे मैथिलि माध्यम सँ मधुबनी जिलाक अनुज कुमार झा सफलता पेलक अछि। अगिला बरख 2009 मे मैथिलि विषय सँ आइएएस बनै वला केर संख्या दू पर पहुची गेल। मधुबनी के अमरीश कु० झा आ सहरसा जिलाक चैनपुर निवासी सरोज ठाकुर मातृभाषाक माध्यम सँ प्रशासनिक सेवा मे सामिल भऽ मैथिलि सहित क्षेत्र के गौरवान्वित केलक अछि। फेर अगिला साल 2010 मे अहि भाषाक सहारे आइएएस बनै वला के संख्या नौ गुना बढहैत 18 पहुच गेल।

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