मिथिला धरोहर, पटना : मिथिला केर संस्कृति और एही ठामक कलाकृति पटना और पाटलिपुत्र स्टेशन के प्लेटफॉर्म के शोभा बढ़ैत। पटना जंकशन के तीन नंबर प्लेटफॉर्म धरि और पाटलिपुत्र जंकशन के एक नंबर प्लेटफॉर्म पर मिथिला पेंटिंग सँ आकृति बनायल जायत। एही योजनाक माध्यम सँ दुनु स्टेशन के नव रूप। देल जायत, जाहि सँ लोग सुन्नर शांत माहौलक अनुभूति क सकैथ। पूर्व मध्य रेल मिथिले सँ कलाकार के बजा क सबटा पेंटिंग के बनवेता। एखनो भी पटना जंकशन के एक नंबर प्लेटफॉर्मक किछ हिस्सा मे मिथिला पेंटिंग देखवाक भेटय अछि। मुदा आब इ स्टेशनक सब कोना मे देखायत।
मिथिला पेंटिंग के माध्यम सँ रामायण केर कहानी देखायल जायत। सीता और हुनका सँ जुड़ल जानकारी के सेहो स्टेशन पर आबय वला लोग देख पेता। ऐहिके अतेक जीवंत बनेबाक योजना अछि जे मानु सोंझा दृश्य साकार भ रहल होय। रेलवे स्टेशन पर आबय वला लोग केर केखनो-काल बहुते देर धैर बैठय परैत अछि, एहन मे हुनका यदि सिन्नर संस्कृति के झलक देखवाक मौका भेटत, त हुनक समय सिघ्रता सँ कैट जायत। और मिथिला के बारे मे हुनक सोच सेहो विकसित भ पायत।
पेंटिंगक माध्यम सँ हिंदू देवी-देवता सँ संबंधित जानकारी सेहो देल जायत। एहिमे राम, कृष्ण, शिव, दुर्गा, सरस्वती, सूर्य, चंद्रमा, तुलसी के पौधा आदि के चित्र बनायल जायत। पेंटिग मे पात्र केर बारे मे किछु पंक्तियां सेहो लिखल जायत, ताकि लोग के जानकारी भेट सकय।
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