मिथिला धरोहर, पटना : प्रसिद्ध भारतीय लेखक केर चर्चित किताब जे एखन धरि हिन्दी या अंग्रेजी मे छल आब ओहि के मैथिली, मगही और भोजपुरी मे सेहो पढ़ल जा सकैत अछि। करीब एक सालक परिश्रमक उपरांत बिहारक लेखक केर द्वारा एही तीनू क्षेत्रीय भाषा मे 15टा किताबक अनुवाद कैल जा चुकल अछि।
नेशनल बुक ट्रस्ट दिस सँ एही पुस्तक के अनुवाद कैल गेल अछि। एहीके लोकार्पण शिक्षक दिवसक मौका पर सोमदिन पटना म्युजियम स्थित कर्पूरी ठाकुर सभागार मे कैल गेल अछि।
मैथिली मे भेल अनुवाद
# विष्णुप्रभाकर केर लिखल गेल सरदार वल्लभभाई पटेल, के मैथिली मे अनुवाद मंत्रेश्वर झा केलैथ अछि। एहीमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम केर लौह पुरुषके प्रेरणादायक जीवनी पढ़वाक भेटत।
# मुल्कराज आनंद के पुस्तक गली मोहल्लों के किछु खेल के मैथिली मे अनुवाद उषा किरण खान केलैथ छथि। एहीमें देशक गली-मोहल्ला मे बच्चा के द्वारा खेलल जाय वला किछ खेलक मनोरंजक जानकारी देल गेल अछि।
# रामवृक्ष बेनीपुरी के लिखल किताब बैजू मामा के मैथिली मे अनुवाद प्रदीप बिहारी केलनि। एही पुस्तक मे बच्चा लेल बड़े रोचक अंदाज मे कहानी कहल गेल अछि।
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