मिथिला धरोहर : भारत मे तिरुपति बालाजी के बाद भगवान विष्णु केर दोसर सबसँ ऊंच प्रतिमा दक्षिणी मिथिला के शेखपुरा जिलाक समास गांव मे स्थित अछि। ( Samas Vishnu Dham, Shiekhpura ) सामस गांव बरबीघा-नवादा रोड पर बरबीघा सं 5 किमी दक्षिण दिस अछि। जहनकि बिहार शरीफ सं 25 किमी दूर स्थित है। सामस गांव के उत्तर भारत के तिरुपति के तौर पर विकसित कैल जा रहल अछि। कियाकि सामस विष्णुधाम ( Vishnu Dham Samas Shiekhpura ) मे भगवान विष्णु केर 1100 साल पुरान मूर्ति स्थापित अछि। सामस विष्णुधाम मे स्थापित इ मूर्ति साल 1992 मे पोखरीक खुदाई मे भेटल छल। सामस विष्णुधाम मंदिर में स्थापित मूर्ति 7.5 फीट ऊंच आ 3.5 फीट चौड़ा अछि। समूचे देश मे स्थानिक मुद्रा मे यानी ठाड़ भेल मुद्रा मे भगवान विष्णु के इ सबसं बड़का (कारी) पत्थर के प्रतिमा अछि।
भगवान केर स्वरूप
भगवान विष्णु केर अहि मूर्ति मे चाइर टा हाथ मे शंख, चक्र, गदा तथा पद्मम स्थित अछि। मूर्ति के वेदी पर प्राचीन देवनागरी मे अभिलेख ‘ऊं उत्कीर्ण सूत्रधारसितदेव:’उत्कीर्ण अछि। अहि लिपि मे आकार, इकार और ईकार के मात्रा विकसित भ गेल अछि। ब्राह्मी लिपि मे छोटका ठाड़ डहींरक स्थान पर इ पूरा डहींर बैन गेल अछि।
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1100 साल पुरान अछि मूर्ति
इतिहासकार के माननाय छनि जे विष्णुधाम सामस मे भगवान विष्णु के अदभुत प्रतिमा करीब 1100 साल पुरान अछि। जानकार कहौत छथि जे मूर्ति पर जाहि प्रकार के लिपि उकेरित अछि ओ उत्तर भारत मे नौवीं सदी के उपरांत मिलए अछि। प्रतिहार राजा महेंद्रपाल (891 - 907 ई.) के दिघवा-दुली दानपात्र मे अहि शैली के लिपि के प्रयोग पुरान समय मे कैल जाइत छल। अहि अभिलेख मे मूर्तिकार ‘सितदेव’ के नाम सेहो लिखल गेल अछि।
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विष्णुमूर्ति के दांया और बांमा दु टा और छोट मूर्ति अछि। ओना इ स्पष्ट रूप सं पता नै चली पायल जे इ मूर्ति शिव-पार्वती के अछि या शेषनाग आ हुनक पत्नी छथि। सामस गांव आ ओहिक लग'क गांव मे खुदाईक दौरान बड़का संख्या मे मूर्तियां भेटल छल।जाहिमे सं कतेको सामस गांव के जगदम्बा मंदिर मे राखल गेल अछि।
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