कक्का अर्थात यात्री जी (नागार्जुन) के कहय पर पटना आबि गेलथि । प्रेमलता जी आकाशवाणी लेल सेहो काज केलथि। 1964-65 में रंगकर्मीके सम्पर्क में अबितेहि चेतना समिति आदि बहुत रासे नाट्य संस्था सं जुड़ि गेलथि। तकर उपरांत हिनक रंगयात्रा चलिते रहलनि। हिनक प्रारंभिक रंगमंचीय जीनगी में 'टुटैत लोक', 'लेटायत आंचर' आदि में हिनक अभिनय के बड्ड प्रशंसा भेटलनी।
1981 में मैथिलीक पहिल फ़िल्म “ ममता गाबय गीत” में विधवा भाऊजक भूमिका केलथि। प्रेमलता जी 'दामूल', 'कन्यादान' फिल्म में काज केलाक उपरांत भोजपुरी में पहिल फिल्म 'दूल्हा गंगा पार के' आ फेर भोजपुरी फिल्म 'बबुआ हमार' मे काज केलथि। फ़ेर चर्चित मैथिली फ़िल्म ' ससता जिनगी महग सेनूर ' में काज केलथी। डीडी पटनाके लेल प्रमोद चौधरी द्वारा निर्मित धारावाहिक 'पर्व भरा मिथिला’, शिव पूजन सहाय केर 'देहाती दुनिया’, सुनील कुमार (रायपुर, सीतामढी) के भोजपुरी फ़िल्म 'माटी' में अभिनय केने छथि। राजकमल चौधरी के उपन्यास पर आधारित श्रीकान्त मंडल जी द्वारा निर्देशित मैथिली फ़िल्म 'ललका पाग' के लेल पहिल बेर कॉन्ट्रैक्ट साइन केने छलथि। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित मैथिली फिल्म ' मिथिला मखान' में क्रांति प्रकाश झा हिरोक माईक भूमिका केने छथि।
अभिनयक संग प्रेमलता जी सुपरिचित साहित्यकार सेहो छथि। हिनकर रचना विभिन्न पत्र पत्रिका सभमें प्रकाशित भेल छनि। हिनक कथा संग्रह - 'एगो छली सिनेह', हिनक संस्मरण 'वो दिन वो पल' आ कथा - संग्रह 'शेखर प्रसंग'
महिला रंगकर्मीक रुपें प्रेमलता जी बहुत रास संस्था सबसं जुड़ली जेना - भंगिमा, अरिपन, चेतना समिति, मैथिली महिला संघ आदि। प्रेमलता मिश्र के साहित्य, कला, संस्कृति, अभिनय लेल बहुत रास सम्मान भेटल छनि। पटनाक चेतना समित, दिल्लीक अखिल भारतीय संस्थान, कोलकाताक मिथिला सांस्कृतिक परिषद, दरभंगा विद्यापति सेवा संस्थान, दिल्लीक नाट्य संस्था मैलोरंग द्वारा (ज्योतिरीश्वर सम्मान) आ भामती स्त्री सम्मान (2018) सं सम्मानित कयल गेल छनि। मैथिली संस्थाक तुलनामें हिनका हिन्दी संस्था सं बेसी सम्मान भेटल छनि जेना - नूर फ़ातिमा सम्मान, पाटलिपुत्र अवार्ड, मिथिला विभूति दू दू बेर कोलकाता द्वारा , रहिका द्वारा सम्मान आदि।
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