रविवार, 13 दिसंबर 2020

Dukhhar Baghwati Sthan | सब दु:ख हरै छथि डोकहर के राज राजेश्वरी भगवती

 

मधुबनी जिला मुख्यालय सं 12 किलोमीटर उत्तर खजौली प्रखंड के बेलही गाँव में अवस्थित अछि राजराजेश्वरी स्थान ( Raj Rajeshwari Mandir Dokhar )। अहि निर्जन स्थल मे राजेश्वरी पार्वती भोलेनाथ केर प्रतिमा युगल रूप मे अवस्थित अछि। दु:ख हरनिहार के रुप मे प्रसिद्धि के कारण लोग अहि स्थान के डोकहर सेहो कहै अछि। मंदिर के पश्चिमोत्तर भाग मे प्राकृतिक बिंदुसर नामक सरोवर अछि। जाहिमे लालका कमल फूल खिलल रहैत अछि। आदिशक्ति मातृ देवी पार्वती सदाशिव भोले नाथ केर संग भक्त पर आशीष के वर्षा करैत छथि। एहन विश्वास अछि जे एतय सं खाली हाथ कियो नै लौटैत अछि।
मंदिर तिरहुत नागर शैली के अछि जे दरभंगा के महाराज महेश्वर सिंह (1850-60) द्वारा निर्मित कहल जाइत अछि। जेकरा पूर्व मे राजा राघव सिंह के बबुआन भाई नंद नंदन सिंह 1725 के आसपास बनौने छलैथ। मंदिर परिसर मे गौरी कुंड अछि। राज राजेश्वरी एतय परब्रह्म के महाशक्ति के रुप मे प्रागैतिहासिक काल सं पूजित छथि। आदि काल सं मिथिला भूमि मे पार्वती पूजन के परंपरा रहल अछि। अहि शक्तिपीठ के प्राचीनता के संगे संग वर्तमान गौरीशंकर के युगलमूर्ति सेहो प्राचीन अछि।
कहल जाइत अछि जे बुद्ध काल मे ब्राह्मण धर्म'क विरोध भेला पर देव विग्रह के बचेबाक लेल निकट के चंद्रभागा नदी मे द देल गेल हैत। जाहि के बाद मे संक्रमण काल के समाप्त भेला पर पुन: मंदिर बना क स्थापित क देल गेल। अहि शक्तिपीठ के मैथिली सीता आ विदेह जनक द्वारा पूजित हेबाक बात कहल जाइत अछि। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !