भगवान शिव के समर्पित बाबा मुक्तेश्वर नाथ धाम ( Mukteshwar Nath Mandir ) मधुबनी जिलाक अन्तर्गत्त अंधराठाढ़ी प्रखंड के देवहार (बिदुलिया) ग्राम मे स्थित अछि मिथिला मे ओना त बहुते महत्त्वपूर्ण स्थान अछि जे इतिहासकार तथा पुरातत्त्वविद द्वारा बिल्कुल उपेक्षित अछि मुदा ओहि स्थल के विषय मे प्रचलित कथानक परम्परा आ लोकमान्यता ओकर अतीत के उजागर करैत अछि। मुक्तेश्वर नाथ महादेव मन्दिर जे कि मुक्तेश्वर स्थान के नाम सं प्रसिद्ध अछि एकटा बरका ऐतिहासिक आ पुरातत्त्विक धार्मिक स्थल अछि।
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हिनकर अनुसार सतघरा ग्राम जे कि मुक्तेश्वर स्थान सं करीब एक कि०लो० पश्चिमोत्तर मे अछि ओतय गंगौर मूल के ब्राह्मण हरिनाथ शर्मा रछैत छलथि। हरिनाथ शर्मा बहुते प्रसिद्ध, दार्शनिक एवं स्मृति रचिता छलथि हुनकर पत्नी प्रतिदिन देवहार ग्राम मे स्थित बाबा मुक्तेश्वर नाथ महादेव के दर्शनार्थ जैल करैत छलथि। एक दिन गांव मे अफवाह पसैर गेल जे एकटा चंडाल मंदिर मे जा क उक्त ब्राह्मणी के सतीत्त्व के भग्न क देलक मुदा ओहि स्त्री के कहब छलनी जे ओ चंडाल मंदिर मे आयल मुदा एकटा साँप ओकरा डैस लेलक और ओ मैर गेल और हम पवित्र छी।
एहन मानल जाइत अछि जे मुक्तेश्वर नाथ मंदिर के निर्माण लगभग २०० वर्ष पूर्व भेल छल। पुरातत्त्विक दृष्टि सं मुक्तेश्वर स्थान एकटा बरका महत्त्वपूर्ण स्थल अछि। एतय के शिवलिंग बहुते ही अनोखगर अछि। किछ दशक पूर्व एकटा सन्यासी द्वारा अहिके खुदाईक काज कैल गेल छल त देखलथि जे इ शिवलिंग नीच्चा जेबा पर अत्यंत मोट आ विशाल होइत गेल जाहिसं खुदाईक काम बंद क पुनः भरी पूजा योग्य बना देल गेल। शिवलिंग के देखला सं लागैत अछि जे इ गुप्त कालीन अछि। मिट्टी खुदाईक दौरान एकटा अत्यंत सुन्दर गणेश एवं पार्वती केर प्रतिमा सेहो भेटल जे पार्वती मंदिर मे अखनो स्थापित अछि।
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