सोमवार, 1 मार्च 2021

बाबा मुक्तेश्वरनाथ धाम मिथिलाक प्रसिद्ध, ऐतिहासिक, पुरातत्त्विक धार्मिक तीर्थ-स्थल

भगवान शिव के समर्पित बाबा मुक्तेश्वर नाथ धाम ( Mukteshwar Nath Mandir ) मधुबनी जिलाक अन्तर्गत्त अंधराठाढ़ी प्रखंड के देवहार (बिदुलिया) ग्राम मे स्थित अछि मिथिला मे ओना त बहुते महत्त्वपूर्ण स्थान अछि जे इतिहासकार तथा पुरातत्त्वविद द्वारा बिल्कुल उपेक्षित अछि मुदा ओहि स्थल के विषय मे प्रचलित कथानक परम्परा आ लोकमान्यता ओकर अतीत के उजागर करैत अछि। मुक्तेश्वर नाथ महादेव मन्दिर जे कि मुक्तेश्वर स्थान के नाम सं प्रसिद्ध अछि एकटा बरका ऐतिहासिक आ पुरातत्त्विक धार्मिक स्थल अछि।

एना मानल जाइत अछि जे की मुक्तेश्वर स्थान सं जतय एक दिस मिथिला के प्रसिद्द पंजी प्रथा जुरल अछि ओतय दोसर दिस पुरातत्त्विक महत्त्व के अनेकानेक कलाकृति सेहो शोधार्थि के अपना दिस आकृष्ट क रहल अछि महामहोपाध्याय परमेश्वर झा अपन प्रसिद्द पुस्तक “मिथिलातत्त्व विमर्श” मे देवहार ग्राम स्थित मुक्तेश्वर नाथ महादेव मंदिर, मुक्तेश्वर स्थान के उल्लेख करैत एकरा मिथिलाक  पंजी प्रबन्ध सं संबद्ध मानने छथि।

हिनकर अनुसार सतघरा ग्राम जे कि मुक्तेश्वर स्थान सं करीब एक कि०लो० पश्चिमोत्तर मे अछि ओतय गंगौर मूल के ब्राह्मण हरिनाथ शर्मा रछैत छलथि। हरिनाथ शर्मा बहुते प्रसिद्ध, दार्शनिक एवं स्मृति रचिता छलथि हुनकर पत्नी प्रतिदिन देवहार ग्राम मे स्थित बाबा मुक्तेश्वर नाथ महादेव के दर्शनार्थ जैल करैत छलथि। एक दिन गांव मे अफवाह पसैर गेल जे एकटा चंडाल मंदिर मे जा क उक्त ब्राह्मणी के सतीत्त्व के भग्न क देलक मुदा ओहि स्त्री के कहब छलनी जे ओ चंडाल मंदिर मे आयल मुदा एकटा साँप ओकरा डैस लेलक और ओ मैर गेल और हम पवित्र छी।

कथन पर विश्वास नै क समाजक लोग निर्णय लेलक जे हिनक सतीत्त्व के परीक्षा लेल जाय। अहि परीक्षा मे धर्माध्यक्ष पंडित पीपर'क पत्ता पर हाथ मे आगिक गोला द क “नाहं चांडाल गामिनी” लिख क ओहि स्त्री के तलहत्थी पर राखल गेल मुदा स्त्री के तलहत्थी जरय लागल जाहिसं पुनः लोग ओकरा पापिन कहनाय शुरू क देलक परंतु ओ स्त्री अपना उपर लगायल गेल गलत आरोप सं छुटकारा पेबाक हेतु राजदरबार मे गुहार लगेलनी। प्रधान धर्माधित रानी अपन समक्ष पुनः ओहि स्त्री के हाथ मे पीपरक  पत्ता पर आगिक गोला रखबाक व्यवस्था केलक मुदा अहि बेरा “नाहं स्वपति व्यतिरिक्त चांडाल गामिनी” लिखल गेल अहि बेरा हाथ नै जरल फलतः हुनका निर्दोष साबित कैल गेल। एहन मानल जाइत अछि जे मुक्तेश्वर नाथ मंदिर के निर्माण लगभग २०० वर्ष पूर्व भेल छल। पुरातत्त्विक दृष्टि सं मुक्तेश्वर स्थान एकटा बरका महत्त्वपूर्ण स्थल अछि। एतय के शिवलिंग बहुते ही अनोखगर अछि। किछ दशक पूर्व एकटा सन्यासी द्वारा अहिके खुदाईक काज कैल गेल छल त देखलथि जे इ शिवलिंग नीच्चा जेबा पर अत्यंत मोट आ विशाल होइत गेल जाहिसं खुदाईक काम बंद क पुनः भरी पूजा योग्य बना देल गेल। शिवलिंग के देखला सं लागैत अछि जे इ गुप्त कालीन अछि। मिट्टी खुदाईक दौरान एकटा अत्यंत सुन्दर गणेश एवं पार्वती केर प्रतिमा सेहो भेटल जे पार्वती मंदिर मे अखनो स्थापित अछि।

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