शुक्रवार, 18 नवंबर 2022

हम नहिं आजु रहब एहि आँगन लिरिक्स | Hum Nahi Aaju Rahab Yahi Aangan Lyrics

Ham Nahi Aaju Rahab Song Lyrics by Vidyapati

हम नहिं आजु रहब एहि आँगन
जौँ बुढ़ होएत जमाय
गे माई हम नहिं आजु रहब एहि आँगन
जौँ बुढ़ होएत जमाय

एक त बैरी भेल बिध विधाता, 
दोसर धिया केर बाप
एक त बैरी भेल बिध विधाता, 
दोसर धिया केर बाप
गे माई तेसर बैरी भेल नारद बाभन, 
जे बुढ़ आनला जमाय 
गे माई हम नहिं आजु रहब एहि आँगन
जौँ बुढ़ होएत जमाय

पहिलुक बाजन डमरू तोरब
दोसर तोरब रुंड माल
पहिलुक बाजन डमरू तोरब
दोसर तोरब रुंड माल
गे माई बरद हांकी बरियाती भगायब
धिया ल जायब पराय
गे माई हम नहिं आजु रहब एहि आँगन
जौँ बुढ़ होएत जमाय

धोती लोटा पोथी पतरा,
सेहो सब लेबैन छिनाय 
धोती लोटा पोथी पतरा,
सेहो सब लेबैन छिनाय 
जौँ किछु बजता नारद बाभन, 
दाढ़ी धय घिसीयाब 
गे माई हम नहिं आजु रहब एहि आँगन
जौँ बुढ़ होएत जमाय

भनहिं विद्यापति सुनू हे मनाइनि, 
दृढ़ करू अपन ज्ञयान
भनहिं विद्यापति सुनू हे मनाइनि, 
दृढ़ करू अपन ज्ञयान
गे माई शुभ शुभ कय गौरीके बियाहू
गौरी हर एक समान
गे माई हम नहिं आजु रहब एहि आँगन
जौँ बुढ़ होएत जमाय



हम नहिं आजु रहब एहि आँगन - संस्करण 2

हम नहिं आजु रहब एहि आँगन
जौँ बुढ़ होएत जमाय

एक त बैरी भेल बिध विधाता, 
दोसर धिया केर बाप
तेसर बैरी भेल नारद ब्रह्मण, 
जे बुढ़ आनला जमाय 

धोती लोटा पोथी पतरा,
सेहो सब देवनी छिनाय 
जौँ किछु बजता नारद ब्रह्मण, 
दाढ़ी धय घिसीयाब 

अरिपन निपलन्ही पुरहर फोरलन्ही, 
फेकलन्ही बहुमुख दीप 
धिया लय मनाइनि मंदिर पैसली, 
केयो जुनि गायब गीत 

भनहिं विद्यापति - सुनू हे मनाइनि, 
इहो थिका त्रिभुवन नाथ 
शुभ शुभ कय गौरी विवाह, 
इहो वर लिखल ललाट 


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