गुरुवार, 13 अप्रैल 2023

सुभद्रा देवी मिथिला पेपरमेसी कलाकार - Padma Shri Subhadra Devi

 
Subhadra Devi Got Padma Shri Award 2023
मिथिला पेपर मेसी कला के सिद्धहस्त कलाकार सुभद्रा देवी के काल क्षेत्र (पेपर मेसी) में महत्वपूर्ण योगदान लेल पद्मश्री सम्मान 2023 सं सम्मानित कैल गेल छनि। सुभद्रा देवी मूल रूप सं मधुबनी जिला के रहिका प्रखंड अन्तर्गत भिट्टी सलेमपुर गांव के निवासी छथि। सुभद्रा देवी बाल्यावस्थे मे दोसर केँ देखि पेपरमेसी के कला सीखने छलीह। हुनका कोनो अंदाजा नहि छलनि जे हुनकर कला के एतेक प्रसिद्धि भेटतनि।

सुभद्रा देवी के माँ के घर दरभंगा जिलाक मनीगाछी मे परंपरागत रूप सं पेपरमेसी के निर्माण होइत छल। नेनपन मे चुल्हा, गुड़िया आ अन्य कलाकृति सेहो बनबैत छलीह। एहि दौरान ओ दरद मैदा गाछक छाल छीलि कए सुखा दैत छलीह, फेर पीसैत छलीह आ पाउडर बनबैत छलीह। तकर उपरांत ओहि पाउडर सँ कलाकृति बनबैत छलीह। बाद मे मेथी सँ कलाकृति सेहो बनौलनि।  

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सुभद्रा देवी 70 के दशक में पटना में शिल्प अनुसंधान संस्थानक लेल कनिया-पुतरा, पेंटिंग आ सामा-चकेवा बनेने छलथि। सामा चकेवा के बहुते पसंद कैल गेल आ हुनका पुरस्कार सेहो भेटलनि। 90 के दशक में एक बेरा मद्रास गेलथि तहन हुनका एकटा मैडम कहलैथ जे ‘राजा-रानी की शादी का सीन बना दीजिए’. जाहि पर सुभद्रा देवी कहलथि जे ‘राजा-रानी के शादी के हमारा नै पता। रामचंद्र भगवान केर शादी भेल अछि, वैह विधि सं शादी-विवाह के हम जानैत छी।’ कोहबर, कन्यादान, मंडप आदि पेपर मेसी पर बीस दिन धरि ओतय बनेने छलथि। 
जतय मिथिला कला पर बहुत चर्चा होइत अछि ओतय पेपर मेसी के लगभग कोनो जिक्र नै होइत अछि। एकर बाजार सेहो विकसित नहि भेल अछि।  जखन कि सुभद्रा देवी के वर्ष 1981 मे राज्य पुरस्कार आ वर्ष 1991 मे राष्ट्रीय पुरस्कार सं सम्मानित कैल गेल छलनी। एहि कलाक संबंध मे ओ वर्ष 2004 मे स्पेन सेहो गेल छलीह ।

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पेपर मेसी (पापिए माशे) फ्रेंच शब्द सँ बनल अछि, जकर अर्थ होइत अछि मसले या कटल कागज।  एहि कला मे कागज पहिने पानि मे भिजाओल जाइत अछि आ फेर गूदा बनाओल जाइत अछि। एकरा गोंद, फेविकोल के मदद सं आकार देलऽ जाय छै। रौद मे सुखला के बाद अलग-अलग रंग सं रंगल जाइत अछि।

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