शनिवार, 16 जुलाई 2022

अरे बाप रे बाप शिव के सागर देह लिरिक्स | Are Baap Re Baap Lyrics | Vidyapati

अरे बाप रे बाप 
शिव के सागर देह सहरैन साँप 

घर ने घरारी छैन्ह कतहु ने बास,
एक रती बाड़ी छैन्ह सेहो ने ख़ास।

झूठे मनाइनी करथि अलाप,
सौंसे दोपटा छैन्ह बाघक छाप।

भानही विद्यापति छोडू ई अलाप,
शिव दर्शन होयत छुटी जायत पाप।

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